कांग्रेस का आंतरिक विवाद अब खुलकर सामने आ चुका है। एक तरफ सोनिया गांधी ने बतौर कांग्रेस अध्यक्ष इस्तीफे की पेशकश की है, तो वहीं उनके बेटे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसका ठीकरा कांग्रेस की अंतर्कलह पर फोड़ना शुरू किया। अब उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस के अधिकांश शीर्ष नेता भाजपा की जेब में है।
जी हाँ, आपने ठीक सुना। राहुल गांधी के अनुसार कांग्रेस के अधिकतर शीर्ष नेता भाजपा की जेब में है। बता दें कि 23 कांग्रेस नेताओं ने एक चिट्ठी लिखते हुए पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे, जिस पर सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफ़े की पेशकश की, और साथ में उस चिट्ठी का जवाब भी दिया जिसमें नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने चिट्ठी की आलोचना की। राहुल गांधी की बारी आते-आते माहौल गर्मा चुका था और फिर उन्होंने बेहद तीखे लहजे में इस पत्र की टाइमिंग पर सवाल खड़े किए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि ‘सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने के समय ही पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों भेजा गया था?’ उन्होंने यहां तक कहा कि चिट्ठी बीजेपी के साथ मिलीभगत कर लिखी गई है जिससे बात और बिगड़ गई।
जब राहुल गांधी ने ये आरोप लगाया, तो उन्होंने प्रमुख तौर पर कांग्रेस के ओल्ड गार्ड्स कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आज़ाद जैसे नेताओं को निशाने पर लिया। इससे दोनों नेता बुरी तरह भड़क गए, और उन्होंने राहुल गांधी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया।
कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, “राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं। मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया। पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर BJP को फायदा पहुंचाए। फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं।”
Tweet which Kapil sir is referring. pic.twitter.com/yp8z8nfHsi
— सुमित अग्रवाल (@infocric) August 24, 2020
हालांकि राहुल गांधी से बातचीत के बाद कपिल सिब्बल ने अपना ट्वीट और ट्विटर बायो से कांग्रेस हटाने का निर्णय तुरंत वापिस ले लिया।
Was informed by Rahul Gandhi personally that he never said what was attributed to him .
I therefore withdraw my tweet .
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 24, 2020
इसके अलावा जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि चिट्ठी लिखने का निर्णय कार्यसमिति का था, लेकिन अगर उनके विरुद्ध कोई भी आरोप सिद्ध होता है, तो वे तुरंत इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि ‘बीजेपी से सांठ-गांठ के आरोप सिद्ध होते हैं तो मैं त्यागपत्र दे दूंगा।’
इसके बाद कपिल सिब्बल को टैग करते हुए पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर इस बात से इनकार किया है कि राहुल गांधी ने पत्र लिखने वाले नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया है।
Sh. Rahul Gandhi hasn’t said a word of this nature nor alluded to it.
Pl don’t be mislead by false media discourse or misinformation being spread.
But yes, we all need to work together in fighting the draconian Modi rule rather then fighting & hurting each other & the Congress. https://t.co/x6FvPpe7I1
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 24, 2020
अब सच कहें तो राहुल गांधी ने इस पूरे प्रकरण से ये सिद्ध कर दिया है कि वे अपना सुध बुध खो बैठे हैं, और अपने आप को सही सिद्ध करने के लिए वे किसी भी हद तक गिर सकते हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो एक दिन ऐसा भी आएगा, जब कांग्रेस में केवल चार सदस्य रह जाएंगे – सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ट वाड्रा।