पश्चिमी एशियाई राजनीति में UAE और ईरान के बीच दोबारा तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है। हाल ही में ईरान ने दावा किया है कि उसने UAE के एक जहाज़ को अपने कब्जे में ले लिया है। गुरुवार को ईरान के सरकारी टीवी ने मंत्री के हवाले से बताया, ”अमीराती जहाज को ईरान के बॉर्डर गार्ड्स ने सोमवार को जब्त कर लिया और क्रू को हिरासत में ले लिया क्योंकि वे अवैध तरीके से हमारे देश में दाखिल हुए थे।“ इसके साथ ही ईरान ने यह भी दावा किया है कि, UAE के गार्ड्स ने उसके दो मछुआरों की भी हत्या कर दी। साथ ही साथ गुरुवार को ईरान ने अपनी “घातक” सुलेमान मिसाइल का भी टेस्ट किया है। UAE-इजरायल शांति समझौते के बाद से ही ईरान गुस्से में है और अब ऐसा दिखाई दे रहा है कि उसपर जंग का जुनून सवार हो गया है।
UAE-इज़रायल समझौते के बाद ईरान ने UAE को गद्दार घोषित करते हुए उसकी कड़ी निंदा की थी। ईरानी मीडिया ने तो UAE को हमले तक की चेतावनी दे दी थी। ईरानी मीडिया ने कहा था, “इजरायल से शांति समझौते के बाद UAE कभी भी ईरानी हमले का आसान निशाना बन सकता है”। उसके बाद अब Iran द्वारा UAE के जहाज़ को कब्जे में लेना और अपनी मिसाइल का परीक्षण करना दर्शाता है कि, ईरान क्षेत्र में युद्ध भड़का सकता है।
इसी खतरे को देखते हुए पिछले दिनों UAE सरकार ने, अपने यहाँ मौजूद ईरानी राजदूत को समन करते हुए, ईरान की धमकियों को “अस्वीकार्य और भड़काऊ” बताया था। UAE ने तब यह भी कहा था कि, Ian की धमकियों के बाद क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति और स्थिरता कभी भी बिगड़ सकती है। चीन से हुई 25 वर्षीय सुरक्षा डील के बाद से ही ईरान के तेवर बेहद सख्त दिखाई दे रहे हैं। यूं तो ईरान और अरब देशों में तनाव दशकों से ही चला आ रहा है, लेकिन पिछले दिनों स्थिति युद्ध के मुहाने पर तब पहुँच गयी थी, जब Iran की तीन मिसाइलों ने UAE के अल-धफ्रा एयर बेस के पास निशाना साधा। उस वक्त भारत के 5 राफेल जेट भी UAE के उसी बेस पर मौजूद थे।
UAE की एक और चिंता यह है कि, इजरायल-ईरान के बीच तनाव के कारण भी Iran द्वारा UAE को निशाना बनाया जा सकता है। अगर ईरान अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर रोक नहीं लगाता है और उसके बाद इज़रायल ईरान पर पहले धावा बोलता है, तो ईरान बदले की कार्रवाई करते हुए UAE पर धावा बोल सकता है। इसीलिए अब UAE भी अमेरिका से आधुनिक हथियार खरीदने वाला है। UAE-इज़रायल डील के बाद UAE को अमेरिका से हथियार मिलने आसान हो जाएंगे। UAE अमेरिका से एफ़-35 विमान खरीदने के लिए इच्छुक है। इज़रायल ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि, शांति समझौते के बाद भी वह अमेरिका द्वारा UAE को आधुनिक हथियार बेचे जाने के पक्ष में नहीं है। हालांकि, माना जा रहा है कि UAE इन हथियारों को केवल Iran के खतरे को देखते हुए ही लेना चाहता है।
ईरानी तेवर देखते हुए कहा जा सकता है कि, UAE अब कभी भी Iran के निशाने पर आ सकता है। ईरानी सेना द्वारा अपनी मिसाइल का परीक्षण करना और UAE द्वारा आधुनिक अमेरिकी हथियारों की खरीद में रूचि दिखाना, पश्चिमी एशिया में बढ़ते तनाव को दर्शाता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि, UAE-इजरायल शांति समझौते के बाद पश्चिमी एशिया की शांति खतरे में आ गयी है।