विश्व में भारत का कद कितना बढ़ चुका है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव प्रचार में भारत के साथ दोस्ती को प्राथमिकता दी जा रही है। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों ही अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को लुभाने के लिए अपने अपनी चाल चल रहे हैं। डेमोक्रेट्स ने कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बना कर पहली चाल चली थी। डेमोक्रेट्स के इस नहले पर डोनाल्ड ट्रम्प ने पीएम मोदी के साथ “इक्के” की चाल चली है।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के चुनाव प्रचार अभियान प्रबंधकों ने वीडियो के रूप में अपना पहला विज्ञापन जारी किया है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों और ट्रम्प के अहमदाबाद के ऐतिहासिक संबोधन के संक्षिप्त क्लिप शामिल हैं। एक मिनट 47 सेकंड के इस वीडियो में दोनों नेता अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में एक दूसरे का हाथ थाम कर चलते हुए और हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करते नजर आ रहे हैं। वीडियो पीएम मोदी की बुलंद आवाज से शुरू होती है जिसमें वे कह रहे हैं कि ट्रम्प को किसी परिचय की जरूरत नहीं है, करीब हर बात में उनके नाम का जिक्र होता है।
वहीं दूसरे वीडियो का शीर्षक है ‘‘Four More Years” जो पीएम मोदी और ट्रम्प की एक फुटेज के साथ शुरू हुई है जिसमें दोनों नेता “Howdy Modi” कार्यक्रम के दौरान ह्यूस्टन के NRG स्टेडियम में हाथ में हाथ डाले हुए चल रहे थे। तब दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के नेताओं ने 50,000 से अधिक की संख्या में आए भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित किया था।
America enjoys a great relationship with India and our campaign enjoys great support from Indian Americans! 👍🏻🇺🇸 pic.twitter.com/bkjh6HODev
— Kimberly Guilfoyle (@kimguilfoyle) August 22, 2020
वीडियो को पहले कुछ घंटों में ट्विटर पर 66,000 से अधिक बार देखा गया। यह राष्ट्रपति के बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर द्वारा ट्वीट किया गया था, जो अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के साथ अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं।
जहाँ एक ओर डेमोक्रेटिक पार्टी कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बना कर भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के वोट साधना चाहती है, तो वहीं दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रम्प मोदी के चेहरे के साथ अपना चुनाव अभियान चलाते हुए कमला हैरिस से एक कदम आगे निकल गए हैं। डेमोक्रेट्स की तरफ से हैरिस का नामांकन सिर्फ और सिर्फ भारतीय-अमेरिकी और ब्लैक-अमेरिकन के वोट को पाने के लिए किया गया हैं। जब भी किसी भारतवंशी को किसी शीर्ष पद के लिए नामांकित किया जाता है तो अक्सर यह देखा गया है कि भारत के लोग भावनाओं में बह जाते हैं। यही कारण है कि कमला हैरिस के नामांकन के ज़रिए डेमोक्रेट पार्टी भारतीयों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है और यह अमेरिकी भारतीयों को पता है।
पीएम मोदी भारतीय-अमेरिकियों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं। उनकी स्टार अपील अमेरिकी भारतीयों को बेहद आकर्षित किया है। वर्ष 2015 में मैडिसन स्क्वायर गार्डन में और फिर दो साल बाद सिलिकॉन वैली में उनका संबोधन, दोनों ने 20,000 से अधिक लोगों को आकर्षित किया था, जिससे वे एकमात्र विदेशी नेता बन गए थे जिन्होंने अमेरिका में इतनी बड़ी रैलियों को संबोधित किया। यही नहीं ह्यूस्टन में हुए “Howdy Modi” ने तो कई रिकॉर्ड तोड़ डाले थे।
यह किसी से छुपा नहीं है कि भारतीय-अमेरिकी इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, विशेष रूप से मिशिगन, पेंसिल्वेनिया और ओहियो जैसे चुनाव क्षेत्रों में, जहां डोनाल्ड ट्रम्प और जो बीडेन को हर वोट के लिए जूझना पड़ेगा। इस कारण से इस बार इसने भारतीय-अमेरिकियों और सिखों के लिए अलग-अलग coalition group भी बनाए हैं। यह पहली बार ही है जब एक अमेरिकी राष्ट्रपति के अभियान में हिंदुओं के लिए एक coalition group बनाया गया है।
Mason द्वारा राज्यों में किए गए एक शोध के अनुसार, भारतीय-अमेरिकी, जो पारंपरिक रूप से डेमोक्रेट के लिए वोट देते हैं, अब पीएम मोदी की लोकप्रियता और डोनाल्ड ट्रम्प की उनकी दोस्ती के कारण सभी वॉटर रिपब्लिकन पार्टी की ओर झुकाव रखने वाले हैं।
ये ज़ाहिर सी बात है कि कमला हैरिस ने केवल चुनाव को देखते हुए अपनी भारत के जुड़ने की बात को खुल कर स्वीकारा है लेकिन अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए पीएम मोदी सबसे बड़े नेता हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने मोदी की इसी छवि के कारण चुनावों में एक बड़ी बढ़त की आस लगाई है। ऐसे में ट्रम्प का यह दांव अब कमला और डेमोक्रेट्स के लिए चिंता का सबब बन जाएगा क्योंकि भारतवंशी अमेरिकियों के लिए मोदी ही सर्वमान्य भारतीय नेता हैं।