भारत-चीन के बीच जारी बॉर्डर विवाद के दौरान पाकिस्तान की भूमिका को कम आंकना बड़ी बेवकूफी होगी। पाकिस्तान की विदेश नीति से लेकर रक्षा नीति तक, सब चीन की जकड़ में ही है। ऐसे में LAC पर से Indian Army का ध्यान भटकाने के लिए चीन पाकिस्तान का भरपूर इस्तेमाल कर सकता है। भारतीय सेना भी इस पहलू को लेकर पूरी तरह जागरूक है। हालांकि, भारत के लिए दो फ्रंट खोलने के सपने देखने वाला पाकिस्तान अब LoC के साथ-साथ अफ़गान बॉर्डर पर भी जूझता दिखाई दे रहा है, क्योंकि भारत-चीन विवाद के दौरान ही अफ़ग़ानिस्तान ने पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक बॉर्डर नीति अपना ली है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए जल्द ही LoC से बड़ा सरदर्द डूरंड लाइन बन सकता है।
बता दें कि एक तरफ जहां लद्दाख में भारत-चीन के बीच विवाद गहराता जा रहा है, तो वहीं पाकिस्तान ने भी LoC पर संघर्षविराम का जोरदार उल्लंघन करना शुरू कर दिया है। भारतीय सेना के मुताबिक कश्मीर के पूंछ जिले में पाकिस्तान पिछले दो से तीन दिनों से लगातार Ceasefire Violation कर रहा है। रणनीतिकारों का मानना है कि पाकिस्तान ऐसा चीन की सहायता के लिए कर रहा है, ताकि लद्दाख में उसे थोड़ी राहत मिल सके। पाकिस्तान के इस रवैये को देखते हुए पिछले दिनों CDS बिपिन रावत ने कहा था “उत्तरी सीमा पर जारी तनाव का फायदा पाकिस्तान उठाने की कोशिश कर सकता है लेकिन हम इसका जवाब देने के लिये तैयार हैं, उसकी बहुत दुर्गति होगी”। ऐसे समय में जब पाकिस्तान भारत के खिलाफ दो फ्रंट खोलने की तैयारी कर ही रहा था कि उधर अफ़ग़ानिस्तान ने LoC के अलावा उसके लिए दूसरा मोर्चा खोल दिया।
अफ़ग़ानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में एक बड़ी बात कही। उनके मुताबिक “डूरंड लाइन के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी ही होगी। हम अपनी ज़मीन को किसी को फ्री में गिफ़्ट नहीं कर सकते। कभी पेशावर अफ़ग़ानिस्तान की सर्दियों की राजधानी हुआ करता था”। इसी के साथ आधिकारिक तौर पर अफ़ग़ानिस्तान ने पेशावर पर अपना दावा ठोक डाला। उनके इस दावे के कुछ ही दिन बाद पाकिस्तान के आतंकवादियों ने उनपर जानलेवा हमला भी किया, जो दर्शाता है कि पाकिस्तानी सरकार और सेना उनके इस बयान से कितनी पीड़ा में हैं। हालांकि, इस हमले में वे बाल-बाल बच गए थे।
पाकिस्तान के लिए मुश्किलें इसलिए बढ़ने वाली हैं क्योंकि एक तरफ वह भारत के कश्मीर को अपने में मिलाने के लिए जद्दोजहद करता रहता है, तो वहीं अब अफ़ग़ानिस्तान ने ही उसके पेशावर पर अपना दावा ठोक दिया है। हालांकि, बात यही खत्म नहीं होती। अफ़ग़ानिस्तान की सेना भी पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी आक्रामक नीति अपनाने की पूरी तैयारी कर रही है। दरअसल, जुलाई महीने में पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान के बॉर्डर इलाकों पर हमला कर 9 मासूमों की जान ले ली थी, जिनमें बच्चे भी शामिल थे। इसके बाद पिछले महीने ही अफगान रक्षा मंत्रालय ने अपनी सेना से पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था और उसके बाद अब किसी भी वक्त अफ़ग़ानिस्तान बदले की कार्रवाई के तहत पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा एक्शन ले सकता है।
डूरण्ड लाइन पर पाकिस्तान को अक्सर खासा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है, क्योंकि वहाँ वह अपने आतंकियों के साथ मिलकर प्रभावी स्थिति में रहता है। हालांकि, LoC पर भारतीय सेना समय-समय पर उसे मज़ा चखाती रहती है। ऐसे में पाकिस्तान ने सोचा था कि वह आसानी से चीन-भारत के विवाद का फायदा उठाते हुए भारत के खिलाफ एकसाथ दो फ्रंट खोल देगा। हालांकि, अब जब अफ़ग़ानिस्तान की ओर से उसे दबाव झेलना पड़ेगा तो खुद पाकिस्तान दोनों जगहों से अपने हाथ पीछे खींचने को मजबूर हो जाएगा।