जब से भारत ने टिक टॉक और पबजी सहित 200 से अधिक चीनी और चीन प्रायोजित स्मार्टफोन एप्स को डेटा चोरी के पीछे प्रतिबंधित किया है, तब से लोगों के जहन में ये सवाल है कि अब अगला निशाना कौन होगा? अगर मीडिया सूत्रों की माने, तो भारत का अगला निशाना काफी तगड़ा है, क्योंकि इस बार वह किसी और पर नहीं, बल्कि चीनी कंपनी अलीबाबा (Chinese technology group Alibaba) है।
जी हाँ, आपने ठीक पढ़ा। भारत अब अलीबाबा पर जल्द कार्रवाई कर सकता है। न्यूज़18 की रिपोर्ट के अनुसार कम से कम देश के 72 सर्वर्स से भारतीय यूजर्स का डेटा चीन को भेजा जा रहा हैं जिसका मुख्य केंद्र चीनी कंपनी अलीबाबा के क्लाउड डेटा सर्वर हैं। इंटेलिजेंस सूत्रों की माने तो ये चोरी अलीबाबा के क्लाउड बेस्ड सर्वर है। इसका अर्थ स्पष्ट है – अलीबाबा काफी बड़े स्तर पर भारतीय यूज़र्स के डेटा की जासूसी कर रहा है, और इंटेलिजेंस सूत्रों ने स्थिति स्पष्ट होने पर अलीबाबा के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई के संकेत भी दिये हैं।
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के एक अंश के अनुसार, “इंटेलिजेंस एजेंसियों के सूत्रों की माने तो अलीबाबा द्वारा संचालित 72 डेटा सर्वर
को भारतीय यूज़र्स का डेटा चोरी कर चीन भेजते हुए पकड़ा गया है। इंटेलिजेंस सूत्रों का कहना है कि व्यावसायियों को ठगने के लिए ये सर्वर्स कई सुविधाएं बेहद कम दाम पर देते हैं। यह योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत भारत के औद्योगिक एवं वाणिज्यिक संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है। इंटेलिजेंस ऑफिसर का मानना है कि इसपर एक बड़ी कार्रवाई बहुत जल्द हो सकती है। 15 सितंबर को इसी परिप्रेक्ष्य में इंडियन एक्स्प्रेस ने चीन की Hybrid Warfare का पर्दाफाश करते हुए कुछ चौंकाने वाले खुलासे प्रकाशित किए थे”।
यदि ये बातें शत प्रतिशत सत्य सिद्ध होती हैं, तो इसका अर्थ है कि भारत ने इससे पहले 200 चीनी एप्स को प्रतिबंधित कर बिलकुल सही निर्णय लिया था। जब 29 जून को भारत ने गलवान घाटी के हमले के परिप्रेक्ष्य में टिक टॉक सहित 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाया था, तब उन्होंने इन एप्स द्वारा भारतीय यूज़र्स के डेटा के साथ खिलवाड़ करने का हवाला दिया था। इसके अलावा भारत ने पहले 47 अन्य चीनी एप, और फिर पबजी द्वारा भारतीय यूज़र्स के डेटा के साथ खिलवाड़ करने और उसे चीन के साथ साझा करने का हवाला देकर 118 चीनी एप्स को प्रतिबंधित किया था।
अब चीन द्वारा डेटा चोरी की समस्या कोई नई बात है। इसके पीछे तो अमेरिका ने युद्धस्तर पर कार्रवाई करते हुए Huawei को अपने देश से बाहर का रास्ता भी दिखाया, और अन्य देशों को Huawei से नाता तोड़ने के लिए प्रेरित किया। लेकिन अलीबाबा पर कार्रवाई करने का अर्थ है चीन की गर्दन पकड़ना है। चीन को वैश्विक पहचान दिलाने में कुछ वस्तुओं अथवा व्यक्तियों ने अहम भूमिका निभाई है, और इन्हीं में से एक है चीनी उद्योगपति जैक मा, जिन्होंने अलीबाबा कंपनी की स्थापना की। आज वैश्विक ई कॉमर्स में यदि एमॉज़ोन को कोई टक्कर दे सकता है, तो वो अलीबाबा ही है।
परंतु अलीबाबा जिस प्रकार से भारतीय यूज़र्स का डेटा चोरी करते हुए पकड़ा गया है, उसे भारत कतई हल्के में नहीं लेना चाहेगा। भारत एलएसी पर पहले ही चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि केवल बॉर्डर पर चीन को सबक सिखाने तक सीमित नहीं रहना चाहता। जिस प्रकार से इंटेलिजेंस सूत्रों ने संकेत दिया है, उससे साफ पता चलता है कि भारत अब अलीबाबा पर भी वैसे ही प्रहार करेगा जैसे पबजी और टिक टॉक पर किया था।