चीन के लिए इस समय स्थिति आगे कुआं तो पीछे खाई समान है। एक तरफ दुनिया चीन की एक भी गलती पर उसे कच्चा चबाने के लिए आतुर है, तो वहीं दूसरी ओर भारत चीन के घमंड को तहस-नहस करने के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सैनिक तैनात किए हुए हैं। लेकिन अगर चीन को इस समय सबसे ज़्यादा किसी चीज़ का डर सता रहा है, तो वह है अपने द्वीप अमेरिका के हाथों खोने का।
यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि चीन खुद इस चिंता को अपने मीडिया के जरिये दुनिया भर में गाता फिर रहा है। चीन के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स के प्रमुख संपादक हू शीजिन ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और वे चीनी द्वीपों पर हमला कर उन्हें अपने अधिकार में भी ले सकते हैं।
जनाब के ट्वीट के अनुसार, “मेरे विश्वसनीय सूत्रों से जुटाई गई जानकारी के अनुसार ट्रम्प सरकार चुनाव में अपनी लोकप्रियता को बढ़ाने हेतु दक्षिण चीन सागर में स्थित हमारे द्वीपों पर हमला करवा सकता है, और इसके लिए वह एमक्यू 9 रीपर ड्रोन्स की भी मदद ले सकते हैं। यदि ऐसा हुआ, तो पीएलए मजबूती से लड़ेगा, और जिन्होंने ये जंग शुरू की, उन्हें बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी” –
Based on information I learned, Trump govt could take the risk to attack China’s islands in the South China Sea with MQ-9 Reaper drones to aid his reelection campaign. If it happens, the PLA will definitely fight back fiercely and let those who start the war pay a heavy price.
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) September 28, 2020
इसी को कहते हैं, एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी। बिना बात के हवा से लड़ना तो कोई हु शीजिन से ही सीखे। न अमेरिका के हवाई जहाज़ दक्षिण चीन सागर के आसपास आए है, न ही अमेरिकी नौसेना ने अपना रुख आक्रामक किया है, लेकिन हु शीजिन की मानिए, तो ट्रम्प अपना चुनाव जीतने के लिए चीन पर हमला भी करवा सकते हैं। चीन की हालत को देखते हुए एक ही कहावत याद आती है, “सूत न कपास और जुलाहे मा लट्ठम लट्ठ!”, यानि मुद्दा क्या है, स्थिति क्या है कुछ पता नहीं, लेकिन लड़ना ज़रूरी है।
हालांकि, हु शीजिन का यह पहला कारनामा नहीं है। इससे पहले भारत को भड़काने के इरादे से जनाब ने एक के बाद एक कई वीडियो अपलोड की, जिसमें चीनी सेना की तैयारियों को दिखाते हुए हू जताना चाहते थे कि चीन की सेना से जीतना तो दूर की बात, उन्हे कोई हाथ भी नहीं लगाता। हू शीजिन के इन्ही वीडियो ट्वीट्स में से एक ट्वीट था चीन को दिये जाने वाले भोजन के बारे में, जिसमें ये दिखाते हुए कि कैसे पीएलए के सैनिकों को गरमा गरम खाना पहुँच रहा है, हु शीजिन ने भारतीय सैनिकों का मज़ाक उड़ाने की कोशिश की।
वैसे जो भी कहिए, पर हू शीजिन की दाद देनी पड़ेगी, कि वीडियो भी पोस्ट किया उस दिन, यानि 11 सितंबर को, जब 53 वर्ष पहले एलएसी के सिक्किमी छोर पर नाथु ला के मोर्चे पे भारत के सैनिकों ने चीनियों की जमके कुटाई की थी, और 3 दिन बाद चीनियों को ही सीज़फायर की भीख मांगनी पड़ी थी। इसके अलावा हू द्वारा वीडियो ट्वीट पोस्ट करने के कुछ ही दिनों बाद ये सामने आया कि चीनी सैनिकों को ही कड़ाके की ठंड नहीं रास आई, और कई सैनिकों को ऊंचाई संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े।
इस समय चीन चारों ओर से घिरा हुआ है, और उसके प्रशासन को भी पता है कि एक भी गलती कम्युनिस्ट चीन का विनाश करने के लिए पर्याप्त है। लेकिन चीनी प्रशासन को किसी भी स्थिति में पराजय स्वीकार नहीं, और इसीलिए वह अपनी जनता को प्रसन्न करने के लिए ऊटपटाँग रिपोर्ट्स का भी सहारा ले रहा है।