अवैध धर्मांतरण को लेकर केन्द्र सरकार का रुख एकदम स्पष्ट है। जिन्हें भी लग रहा था कि हाल ही में चार मिशनरी संगठनों के FCRA लाइसेन्स रद्द करना महज़ एक छलावा था, उनकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए गृह मंत्रालय ने अपनी कार्रवाई जारी रखी है। चार मिशनरी संगठनों के बाद 13 NGO को आदिवासियों के जबरन धर्मांतरण में सक्रिय होने के कारण उनके FCRA लाइसेन्स रद्द कर दिये हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 13 ईसाई एनजीओ पर FCRA के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा था, जिसपर जांच पड़ताल शुरू हुई थी। हालांकि, इनमें से किसी भी एनजीओ ने जांच एजेंसियों के साथ किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया गया था कि उक्त एनजीओ आदिवासियों के धर्मांतरण में लगे हुए हैं, विशेषकर झारखंड में, जहां इन NGOs की सक्रियता सबसे अधिक है।
फलस्वरूप सभी 13 NGO के FCRA लाइसेन्स तत्काल प्रभाव से गृह मंत्रालय ने रद्द कर दिये। परंतु बात वहीं पे नहीं रुकी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने FCRA लाइसेन्स रद्द करने के साथ साथ इन सभी एनजीओ से संबन्धित बैंक अकाउंट को फ्रीज़ करने के निर्देश दिये हैं – यानि इन अकाउंट से गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाएगी।
इससे पहले केन्द्र सरकार ने एक अहम कार्रवाई में 4 ईसाई मिशनरी संगठनों के FCRA लाइसेन्स रद्द किए थे। कुछ ही दिनों पहले प्रकाशित द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने अभी हाल ही में चार मिशनरी संगठनों के FCRA लाइसेन्स निलंबित किए हैं, जिनमें झारखंड में स्थित Ecreosoculis North Western Gossner Evangelical, मणिपुर में स्थित Evangelical Churches Association (ECA) , झारखंड में बसे Northern Evangelical Lutheran Church और मुंबई में स्थित New Life Fellowship Association (NLFA) भी शामिल है।
इन मिशनरी संगठनों में से एक जर्मनी से, एक वेल्स से, एक न्यूज़ीलैंड से तो एक अमेरिका से संबंध रखता है। बता दें कि न्यूजीलैंड में New Life चर्चों के मिशनरियों के आगमन के बाद 1964 में New Life Fellowship Association भारत में अस्तित्व में आया था। अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय के डाटा के अनुसार New Life Fellowship Association का एफसीआरए लाइसेंस 10 फरवरी को निलंबित ही कर दिया गया था। ऐसे में केन्द्र सरकार का संदेश स्पष्ट है – अवैध धर्मांतरण का धंधा अब और नहीं चलेगा।