उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई बलात्कार की घटना से हर कोई हतप्रभ है। इस मुद्दे पर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने CM आदित्यनाथ से फोन पर बातचीत कर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। हालांकि, यह मुद्दा जितना ज़्यादा संवेदनशील है, उतनी ज़्यादा ही इस मुद्दे पर राजनीति देखने को मिल रही है। मीडिया में भी जिस प्रकार खबरों को रिपोर्ट किया जा रहा है, वह क्षेत्रीय प्रशासन के पास मौजूद जानकारी से मेल नहीं खा रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस मामले की सच्चाई आखिर है क्या?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19 वर्षीय पीड़िता ने गंभीर रूप से चोटिल होने के कारण मंगलवार रात को दम तोड़ दिया और बाद में पीड़िता के शव का परिवार वालों की इज़ाजत और उनकी मौजूदगी के बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। पीड़िता की मौत दिल्ली के सफ़दरगंज अस्पताल में हुई, जिसके बाद दिल्ली और UP पुलिस शव को हाथरस ले गयी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाद में पुलिस ने परिवारवालों को तो उनके घर छोड़ दिया, लेकिन एंबुलेंस में रखे शव को वे सीधा अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
Times Now की एक रिपोर्ट की मानें तो परिवार वालों को जल्दबाज़ी में किए जा रहे अंतिम-संस्कार का विरोध करने के लिए पीटा तक गया, जिसके बाद सहमे परिवार वालों ने खुद को घर में कैद कर लिया, और पुलिस ने अपना काम पूरा किया। India Today की एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 200 पुलिस वालों ने परिवारजनों को उनके घर में कैद कर दिया और इसी दौरान शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
ऐसी ही रिपोर्ट्स के अनुसार शुरू में तो पुलिस ने किसी संदीप के खिलाफ सिर्फ “हत्या करने की कोशिश” के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया था, लेकिन बाद में जब पीड़िता के बयानों को दर्ज़ किया गया, तो gang-rape के प्रावधानों को शामिल कर 3 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया।
हालांकि, इन मीडिया रिपोर्ट्स के साथ-साथ क्षेत्रीय प्रशासन के बयानों की तरफ भी ध्यान देने की ज़रूरत है। क्षेत्रीय प्रशासन ने जबरन अंतिम क्रिया करने की खबरों का खंडन किया है। यहाँ तक कि पुलिस की ओर से अभी तक दोषी द्वारा पीड़िता के Gang rape करने के तथ्य की पुष्टि भी नहीं की गयी है। अलीगढ़ इंस्पेक्टर जनरल पीयूष मोरडिया के अनुसार “22 सितंबर को पीड़िता ने तीन अन्य लोगों का नाम लेकर उनपर रेप का आरोप लगाया, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हो पायी। अभी samples को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया है, और रिपोर्ट का इंतज़ार है”।
हाथरस के ASP के मुताबिक “शुरू में इस केस को दो परिवारों के बीच की आपसी दुश्मनी से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन मंगलवार रात को जब investigating officer अस्पताल में पीड़िता का बयान लेने पहुंचे तो इस केस में बड़ा मोड आया। उससे पहले तो पीड़िता बयान देने की स्थिति में थी ही नहीं”।
वहीं, हाथरस पुलिस ने यह भी दावा किया है कि पीड़िता का अंतिम संस्कार सभी परिवार वालों की मौजूदगी में और परिवार द्वारा ही किया गया था और पुलिस वहाँ पर सिर्फ निरक्षण के लिए मौजूद थी।
▶️कतिपय सोशल मीडिया के माध्यम से यह असत्य खबर फैलायी जा रही है कि “थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत दुर्भाग्यपूर्ण घटित घटना में मृतिका के शव का अन्तिम संस्कार बिना परिजनों की अनुमति के पुलिस ने जबरन रात में करा दिया हैं “।
⏹️ हाथरस पुलिस इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खंडन करती है। pic.twitter.com/EMHLRQzR2o— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 30, 2020
हाथरस के DM के मुताबिक “परिवार वालों की इजाजत के बिना अंतिम संस्कार कराने की रिपोर्ट्स एक दम झूठी हैं। पीड़िता के भाई और पिता ने स्वयं हमें इजाजत दी, और सभी परिवार वाले मौके पर ही मौजूद थे। जिस वाहन में पीड़िता के शव को लेकर जाया गया था, वह गाँव में रात के 12:45 से लेकर 2:30 तक वहीं रहा था।
The allegations that funeral was conducted without family's consent are wrong. The father & brother gave their consent to conduct funeral at night. Family members were also present at funeral. Vehicle carrying victim's body was present at village from 12:45 to 2:30am: Hathras DM pic.twitter.com/RLYWI2R9nG
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 30, 2020
प्रशासन ने पीड़िता के शरीर पर चोट के निशान होने के दावों को भी झूठ बताया है। रिपोर्ट्स के दावा किया गया था कि पीड़िता की जीभ काट दी गयी थी और उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गयी थी, और आँखें भी बाहर निकाल दी गयी थीं। पुलिस के मुताबिक मेडिकल रिपोर्ट में किसी भी दावे को सत्यापित नहीं किया जा सका है।
Official statement by DM and SP Hathras in PS Chandpa matter.@AwasthiAwanishK @dgpup @ShishirGoUP @Uppolice @adgzoneagra @igrangealigarh @ANINewsUP @News1IndiaTweet @News18UP @NavbharatTimes pic.twitter.com/hcD705UhJt
— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 29, 2020
थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना में पुलिस एवं प्रशासन की देखरेख में परिजनो द्वारा मृतिका के शव का अन्तिम संस्कार किया गया है, उक्त सम्बन्ध में ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट द्वारा दी गई बाईट I@AwasthiAwanishK @dgpup @Uppolice @CMOfficeUP @HomeDepttUP @adgzoneagra pic.twitter.com/HiDIYj7dVe
— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 30, 2020
थाना चंदपा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 14.09.2020 को घटित घटना के संबंध में जिलाधिकारी हाथरस व पुलिस अधीक्षक हाथरस द्वारा दी गई बाइट @dgpup @Uppolice @adgzoneagra @vikrant_ips @ANINewsUP @News18UP @bstvlive @ANINewsUP pic.twitter.com/7Xmj7c6X3p
— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 29, 2020
इस केस में जिस प्रकार मीडिया ने रिपोर्टिंग की है और जिस प्रकार प्रशासन हर दावे को नकारता नज़र आ रहा है, उसके बाद यहाँ एक निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का नतीजा अति महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर यहाँ प्रशासन झूठ बोल रहा है, और वाकई परिवार वालों को पीड़िता के अंतिम संस्कार से दूर रखा गया था, तो इस कार्रवाई में लिप्त सभी अफसरों और अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। राज्य की मशीनरी का सदुपयोग कर CM योगी आदित्यनाथ को इस मामले की सच्चाई तक पहुँचकर दोषियों को सज़ा और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाना ही होगा।