चीन के साथ लगातार तनातनी के बीच अब अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले चार कंपनियों के प्रोडक्ट्स पर बैन लगाते हुए उसे एक और बड़ा झटका दे दिया है। गौरतलब है कि ये उन कंपनियों के प्रोडक्ट्स हैं जिन्हें चीन के प्रताड़ित अल्पसंख्यक और उइगर मुस्लिम बनाते हैं। अमेरिका ने इस फैसले के जरिए चीन को आर्थिक और सामाजिक सबक सिखाने की कोशिश करने के साथ ही उइगर मुस्लिमों की परेशानियों का उल्लेख करके इसे एक बड़ा वैश्विक मुद्दा बना दिया है।
We strongly condemn the CCP's human rights abuses through its immoral use of forced labor, which is at odds with American values. We won't tolerate products exported to the U.S. made on the backs of Uyghurs and members of other ethnic and religious minority groups across China. pic.twitter.com/NOxpEVEhcR
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) September 14, 2020
अमेरिका ने उइगर मुस्लिमों के साथ हो रही प्रताड़ना को लेकर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर सवाल खड़े किए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा कि ‘हम चीनी सरकार द्वारा मानवाधिकार का हनन करने और उइगर मुस्लिमों से जबरन बंधुआ मजदूरी करवाने की निंदा करते हैं, ये अमेरिकी सिद्धांतों के खिलाफ है। हम अमेरिका में प्रताड़ित उइगर मुस्लिमों द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट्स के आयात पर पूर्ण बैन लगा रहे हैं जिन्हें चीन की कम्युनिस्ट सरकार प्रताड़ित करती है’। वहीं डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के उपसचिव Ken Cuccinelli ने कहा है कि चीन के बंधुआ मजदूरी से बने सामानों से अमेरिकी व्यापारियों और कामगारों का भी नुक्सान होता है।
अमेरिकी विदेश मंत्री पॉम्पियो ने चीन की कम्युनिस्ट सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि चीनी सरकार अल्पसंख्यकों और उइगर मुसलमानों समेत जनता के साथ जातीय दुर्व्यवहार कर रही है। उनका कहना है कि अमेरिका किसी भी कीमत पर इस तरह के कार्यों के खिलाफ है और चीनी सरकार को इस पर सख्त कदम उठाने चाहिए। पॉम्पियो ने कहा कि चीन शिनजियांग शहर में रहने वाले उइगर मुस्लिमों के साथ हो रहे अत्याचारों को तुरंत बंद करे ये मानवाधिकारों के खिलाफ है।
गौरतलब है कि चीन के शिनजियांग शहर में उइगर मुसलमानों के साथ बेहद ही बुरा बर्ताव किया जाता है। उनसे इस खौफनाक कोरोना के दौर में जबरन काम लिया जा रहा है। साथ ही उन्हें ऐसे खौफनाक शिविरों में रखा गया है जहां पल-पल उन्हें प्रतिड़ित करते हुए काम कराया जा सके, यही नहीं सरकार लगातार वहां के लोगों की जबरन नसबंदी कराने में भी जुटी हुई है।
गौरतलब है कि अमेरिकी कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन विभाग ने तैयार किए हुए अपने ड्राफ्ट के तहत चीन से उन सामानों के आयात पर रोक लगाई है जिनका उत्पादन चीनी कंपनियों ने बंधुआ उइगर मुस्लिम मजदूरों को प्रताड़ित करके कराया है। इसी कड़ी में कुछ दिनो पहले ही अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले कपास और टमाटर जैसे जरूरी सामानों पर भी रोक लगा दी थी। ऐसे में अब उईगर मुस्लिमों की प्रताड़ना के मुद्दे पर अमेरिका के इस नए फैसले ने चीन को और अधिक परेशान कर दिया है क्योंकि अब अमेरिका ने हेयर प्रोडक्ट्स, कंप्यूटर से संबंधित सामान और टेक्सटाइल से जुड़े प्रोडक्ट्स पर अपने गुस्से की नई गाज गिराई है। अपने फैसले के तहत अमेरिका ने उत्तर पश्चिम चीन में चल रही चार कंपनियों के सामानों को बैन किया है। ख़बरें है कि इन कंपनियों के प्रोडक्ट्स को अमेरिका के अलावा कई राष्ट्रों में एक्सपोर्ट किया जाता है।
चीन को उइगर मुसलमानों के मुद्दे पर लगातार कठिनतम सवालों का सामना करना पड़ रहा है। चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स जहां इस मुद्दे को लंबे वक्त से दबा रहा था तो वही अमेरिका ने अब ये मुद्दा उठाकर न केवल चीन को आर्थिक झटका दिया है बल्कि उईगर मुसलमानों के साथ गलत बर्ताव और मानवाधिकार के हनन के मुद्दे पर उसे आईना भी दिखाया है। इस पूरे मामले के बाद अब ये संभावनाएं भी बन रही है कि मानवाधिकार को लेकर भारत से बेतुके सवाल पूछने वाले चीन से पूरा विश्व सवाल करेगा जिसका चीन के पास जवाब नहीं होगा।