भारत-तिब्बत बॉर्डर पर चीन की गुंडागर्दी उसी पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। LAC पर अपना वर्चस्व जमाने की नई जुगत में चीन ने हाल ही में भारतीय सैनिकों को डराने और अपना प्रभाव जमाने के लिए कुछ हवाई राउंड फायर किए। लेकिन भारतीय सेना अपने जगह से टस से मस नहीं हुई, जिससे अब चीनी सेना बौखलाई हुई है।
शंघाई कोओपेरेशन ऑर्गनाइज़ेशन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के बीच 10 सितंबर को एक अहम बैठक होनी है। यहाँ एस जयशंकर अपने चीनी समकालीन वांग यी के साथ बैठक करने जा रहे थे और शायद इसीलिए चीन एलएसी पर हमला कर भारत पर इस बैठक से पहले दबाव बनाना चाहता था। पर इसके ठीक उलट उसने एलएसी पर मात खाए जाने की अपनी कुंठा जगजाहिर कर दी थी।
इस समय एलएसी पर भारत एक लाभकारी स्थिति में है और भारतीय सैनिकों ने हाल ही में रेजांग ला के निकट स्थित रेकिन ला को चीन के कब्जे से मुक्त कराया है। चीन इन सभी गतिविधियों से काफी घबराया हुआ है, जो उसके कूटनीतिक रुख में साफ दिखता है। SCO के रक्षा मंत्री सम्मेलन में भी ये चीन के रक्षा मंत्री ही थे, जो भारत के रक्षा मंत्री से मुलाक़ात करना चाहते थे। इससे स्पष्ट पता चलता है कि इस समय भारत फ्रंटफुट पर खेल रहा है –
Who invited whom is always the right parameter to judge “Who’s winning?” in an armed struggle. https://t.co/s5yTkvmy57
— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) September 3, 2020
अब ज़ाहिर सी बात है कि, चीन के विशेषज्ञ अपने आप को बैकफुट पर नहीं देखना चाहते थे। इसलिए चीनी आर्मी के सैनिकों ने 7 सितंबर को एलएसी पर हमला करने का प्रयास किया, ताकि 10 सितंबर को जब वे बैठक करें तो दबाव भारत के ऊपर हो, उनके ऊपर नहीं। लेकिन हुआ ठीक उल्टा, क्योंकि भारतीय आर्मी ने स्पष्ट कर दिया कि पीएलए सैनिकों ने हवा में कुछ राउंड फायर किए, थे हमारे सैनिकों ने नहीं।
इससे सिद्ध होता है कि चीन और पाकिस्तान में कोई विशेष अंतर नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीनी रणनीतिज्ञों ने एक बार फिर भारतीय सैनिकों की क्षमता को कमतर आँकने की भूल की है। भारतीय सेना ने काफी पहले स्पष्ट किया है कि, वह शांति की पक्षधर है। लेकिन वह राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए हर समय प्रतिबद्ध है।
हमले के बाद की चीनी प्रतिक्रिया को देखते हुए यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि चीन इस समय अपने इरादों में असफल रहा है, जिसकी कुंठा उससे छुपाए नहीं छुपती। चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत ने एक बार फिर उनकी सीमा में घुसने की हिमाकत की है और चीनी सेना को उचित एक्शन लेने के लिए बाध्य होना पड़ा।
On 7Sep, Indian troops illegally crossed LAC & entered south bank of Pangong Tso. Indian troops blatantly fired warning shots at our border patrolling troops who were there for consultation. Our troops were compelled to take measures to stabilise situation: China Foreign Ministry pic.twitter.com/bWvIxUurD3
— Economic Times (@EconomicTimes) September 8, 2020
लेकिन भारत द्वारा चीन के प्रोपगैंडा को हवा करने में पल भर भी समय नहीं लगा। इसलिए चीन ने अपना ब्रह्मास्त्र चलाया- प्रोपेगैंडा। ग्लोबल टाइम्स के एक संपादकीय में स्पष्ट लिखा गया, “हम भारत को चेतावनी देते हैं। तुमने सीमा लांघी है, तुम्हारे सैनिकों ने सीमा लांघी है। तुम्हारे राष्ट्रवादी पब्लिक ओपिनियन ने भी सभी सीमाएं लांघ दी है। चीन के खिलाफ तुम्हारी नीति ने सीमा लांघी है। तुम अति आत्मविश्वास में PLA और चीन के लोगों को उकसा रहे हो, यह खाई के छोर पर हाथ के बल खड़े होने जैसा है!”
चीन को कहानियाँ बनाने का शौक है, इसमें कोई संदेह नहीं है। पर सच तो ये भी है कि जब भी वह अपना प्रभाव जमाने चलता है, तो उसे मुंह की खानी पड़ती है। अब तो भारत से भौगोलिक क्षेत्र में कई गुना छोटे ताइवान और वियतनाम ने भी चीन को कहीं न कहीं छोड़ा है, और भारत भी अब कूटनीतिक क्षेत्र में भी चीन पर हावी हो रहा है। लेकिन चीन चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा है।