TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बाबरी मस्जिद फैसला– कैसे लिबरल मीडिया मुसलमानों को पीड़ित ही बनाए रखना चाहती है

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
2 October 2020
in मत
मुसलमानों

(Image for Representational Purpose)

Share on FacebookShare on X

हाल ही में एक अहम निर्णय में सीबीआई के एक विशेष न्यायालय ने बाबरी मस्जिद में आरोपीत 32 व्यक्तियों को ठोस साक्ष्यों के अभाव में निर्दोष करार दिया। न्यायालय ने ये स्पष्ट किया है कि मस्जिद का विध्वंस पहले से सुनियोजित नहीं था, और ऐसे में मस्जिद को गिराने के लिए षड्यंत्र का रचा जाना अस्वाभाविक है, और अपने 2300 पृष्ठों के निर्णय में विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने बताया कि आरोपियों के विरुद्ध सीबीआई कोई ठोस साक्ष्य नहीं पेश कर पाई है।

लेकिन इस निर्णय के आने के बाद से वामपंथियों, विशेषकर लिबरल मीडिया के ध्वजवाहकों के छाती पर साँप लोटने लगे हैं। जब से यह निर्णय सामने आया है, तब से ये ‘बुद्धिजीवी वर्ग’ मुसलमानों को यह महसूस कराना चाहते हैं कि उनकी इस देश में कोई पूछ नहीं है, और उन्हे किसी भी मामले में न्याय नहीं मिलता। कई भड़काऊ ट्वीट्स किए जा रहे हैं, ताकि मुस्लिम समुदाय बाबरी मस्जिद के विध्वंस को कभी न भूल पाये और वो खुद को विक्टिम समझें।

संबंधितपोस्ट

रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

और लोड करें

उदाहरण के लिए राणा अय्यूब का ट्वीट ही देख लीजिये। अपने ट्वीट में लिखती हैं, “दुस्वप्न तो 1992 में ही शुरू हो गया था। अगर 92 के लिए इंसाफ मिलता, तो 2002 होता ही नहीं। अगर 2002 के दोषियों को न्याय मिलता, तो वर्तमान भारत कुछ और ही होता। भारतीय मीडिया ने एक विचित्र किस्म का amnesia विकसित किया है, जिसने कथित सेक्युलर नेताओं के सभी पापों को धोने का काम किया है”।

The nightmare began as early as 1993 and 2002. If 93 was given justice, 2002 would not have happened. If 2002 was given justice, present day India would have looked different. The Indian media developed a collective amnesia, whitewashed the sins of the great "secular" leaders. https://t.co/1nlYr7edHb

— Rana Ayyub (@RanaAyyub) October 1, 2020

परंतु बात यहीं पर खत्म नहीं होती। सीजे वर्लमैन जैसे प्रोपगैंडावादी पत्रकार इस बात को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मुसलमान बाबरी मस्जिद के विध्वंस को न भूलें, और उन्हें हमेशा अपने ‘शोषण’ की याद दिलाई जाये, जो उनके ट्वीट में भी स्पष्ट दिखती है, जहां वे ट्वीट करते हैं, “एक विशेष न्यायालय द्वारा बाबरी मस्जिद को गिराने वाले भाजपा नेताओं को बरी करना नरसंहार को औपचारिक रूप से उचित ठहराना है”।

https://twitter.com/cjwerleman/status/1311537111946780672

इसी भांति रामचन्द्र गुहा ने इसी विचारधारा को धार देते हुए लिखा, “बाबरी मस्जिद का निर्णय – क्या मुसलमानों के लिए दुस्वप्न शुरू हो चुके हैं?”

Babri Verdict: Has Nightmare Begun for Muslims and India? https://t.co/73ExHyYdHE

— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) October 1, 2020

चाहे संपादकीय हो, कार्टून हो या फिर ट्वीट, हर प्रकार से मुसलमानों में यह धारणा बिठाने का प्रयास किया जा रहा है कि उनके साथ गलत हुआ है, और इसके लिए सरकार से लेकर न्यायपालिका तक सब दोषी है। लेकिन यह सिलसिला यूं ही नहीं शुरू हुआ है। दरअसल, मुसलमानों को मीडिया का एक धड़ा हमेशा उन्हें पीड़ित बनाए रखना चाहता है, और वह नहीं चाहता कि भारत के मुसलमान इस भावना से ऊपर उठकर अपने और अपने देश के विकास के बारे में सोचे।

आज ये सिद्ध हो चुका है कि बाबरी मस्जिद को अयोध्या में श्रीराम को समर्पित भव्य मंदिर का विध्वंस कर बनाया गया था। इसी बात की पुष्टि करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष श्रीराम जन्मभूमि परिसर के पुनर्निर्माण को हरी झंडी दी थी। लेकिन वामपंथी मीडिया ने दावा किया कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय गलत है, और मुसलमानों ने अपनी मस्जिद हमेशा के लिए खो दी है। बाबरी मस्जिद के विध्वंस का मुद्दा करीब 28 वर्ष पुराना है, परंतु आज भी भारतीय मुसलमानों की वर्तमान पीढ़ी को अपने आप को पीड़ित समझने के लिए वामपंथी मीडिया द्वारा मजबूर किया जा रहा है।

बाबरी मस्जिद के मुद्दे के जरिये वामपंथी मुसलमानों को बरगलाना चाहते हैं, ताकि वे कभी भी अपने विकास और अपने पुनरुत्थान की ओर ध्यान न दें। हालांकि, ये पहला ऐसा मामला नहीं है, क्योंकि 2002 के दंगों पर मीडिया की जो कवरेज रही है, उसे देखते हुए बाबरी मस्जिद पर लिबरलों का विलाप अस्वाभाविक नहीं लगता। गोधरा के पास साबरमती एक्स्प्रेस में लगाई गई आग में जो निर्दोष व्यक्ति मारे गए, उन्हें पूरी तरह से अनदेखा कर जिस प्रकार से मुसलमानों को पीड़ित के तौर पर वर्षों तक दिखाया गया, उससे वामपंथी मीडिया मुसलमानों के हितैषी कम, और उनका अहित चाहने वाले ज़्यादा नजर आते हैं।

परन्तु दंगे हमेशा एकतरफा नहीं होते, जैसा कि मीडिया दिखाना चाहती है। जब हिन्दू या कोई अन्य समुदाय के साथ अन्याय होता है, तब यही मीडिया उस मामले को इस हद तक दबाना चाहती है, कि उसके बारे में बात करने के लिए भी आपको सांप्रदायिक घोषित कर दिया जाये। चाहे मरीछझापी का नरसंहार हो, या फिर मोपलाह के दंगे, या फिर नोआखली में उमड़े दंगे ही क्यों, इन्हें या तो लिबरल मीडिया द्वारा दबा दिया जाता है, या फिर इन्हें किसी विद्रोह की तरह महिमामंडित किया जाता है, जैसे मोपलाह दंगों के साथ किया गया। अंग्रेज़ों की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति का इससे बेजोड़ उदाहरण और कहीं देखने को मिलेगा।

चाहे इशरत जहां का केस हो, या फिर बाटला हाउस का एनकाउंटर का मामला हो, इनका पीड़ितों वाला narrative ऐसा है कि अनेकों बार न्यायालय में झूठा सिद्ध होने के बावजूद वे अपनी दुकान चलाने और समाज में वैमनस्य बनाए रखने के लिए इस विचारधारा को बढ़ावा देते रहेंगे, और सीएए के विरोध के नाम पर शाहीन बाग में पनपे देशद्रोही तत्वों को बढ़ावा देना इसी बात का एक प्रत्यक्ष उदाहरण है। यदि राज्य को उनसे कोई घृणा न हो, तब भी एक विशिष्ट समुदाय को हमेशा इस छलावे में रखा जाता है कि सरकार उन्हें दबाना चाहती है, उन्हे कुचलना चाहती है।

इसके पीछे केवल वैचारिक ही नहीं, वित्तीय कारण भी है। दरअसल, वामपंथी मीडिया का जो भी सब्सक्राइबर बेस है, वो अधिकतर ऐसे ही लोगों से भरा हुआ है, जो अपने समुदाय के हित की बातें उनके माध्यम से सामने रखना चाहते हैं। जब ये सब्सक्राइबर बेस ही हट जाएगा, तो इन वामपंथियों की दुकानें कैसे चलेंगी? इसीलिए ये वामपंथी अपनी ‘दुकानों’ को बचाए रखने के लिए देश में आग लगाने को भी तैयार हैं।

यदि आपको विश्वास न हो तो शाहीन बाग में भाग लेने वाले बच्चों के विचार पर ही नज़र डाल लीजिये। जब उनसे पूछा गया कि वे यहाँ क्यों जमा है तो उन्होने बताया कि वे मोदी को मारना चाहते हैं, और जब इसका कारण पूछा जाता है तो वे बताते हैं कि मोदी सरकार उन्हे मारना चाहती है, उनके माँ बाप को देश से निकालना चाहती है।

आखिर किसने इन मासूम बच्चों के मन में ऐसा विष घोला? कौन उन्हे भड़का रहा है? इसके पीछे वही मीडिया है, जिसने सीएए जैसे कानून पर भी मुसलमानों के अधिकारों की बात करने के नाम पर मुसलमानों को भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मीडिया द्वारा इसी प्रकार की विषैली रिपोर्टिंग किये जाने के कारण कई मुसलमान ‘हिंदुओं’ से बदला लेने के नाम पर गलत रास्ते की ओर मुड़ जाते हैं। उदाहरण के लिए पूर्वोत्तर दिल्ली में भड़के दंगों को ही देख लीजिये, जहां पर जांच पड़ताल में ये सामने आया कि ये दंगा इसलिए भड़का क्योंकि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने मुसलमानों को ‘आक्रोशित’ कर दिया था, और वे ‘हिंदुओं को सबक सिखाना’ चाहते थे। अब आपको यह अनुमान लगाने की आवश्यकता नहीं कि किसने दंगों के आरोपियों को इस दिशा में भड़काया होगा।

सच कहें तो वामपंथी मीडिया मुसलमानों को अपने वर्तमान दायरे से आगे ही नहीं बढ़ना देना चाहती है। ये बात शाहिद आज़मी जैसे लोग भली भांति समझ गए थे, जो आतंकवाद के मुहाने से वापिस लौटकर ऐसे दोहरे मापदण्डों को उजागर करने के उद्देश्य से वकालत कर रहे हैं। इसीलिए बाबरी मस्जिद के संबंध में लिबराल्स की रुदाली इसीलिए है, ताकि मुसलमानों के सर से ‘पीड़ित’ का टैग कभी न हट पाये।

शेयर13ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अब बनेगा ‘तुर्की फ्राई’: फ्रांस अब आर्मेनिया के साथ, तुर्की के खिलाफ एकजुट हुए फ्रांस और रूस

अगली पोस्ट

वियतनाम कभी चीन से पीड़ित था, अब चीन के खिलाफ मैदान में उतर गया है

संबंधित पोस्ट

रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान
चर्चित

रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

17 September 2025

भारत की राजनीति में नेताओं की चर्चा अक्सर उनके चुनावी भाषणों, जनसभाओं की भीड़ या बड़े नारों तक सीमित रहती है। लेकिन जब केंद्रीय मंत्री...

नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी
चर्चित

नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

17 September 2025

17 सितंबर—आज जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना जन्मदिन मना रहे हैं, तब यह महज़ कैलेंडर पर दर्ज़ एक तारीख नहीं है। यह तारीख...

लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत
क्राइम

लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

17 September 2025

बिहार के औरंगाबाद ज़िले की सोनई नदी के किनारे बसा एक छोटा सा गांव—लक्ष्मणपुर बाथे। आज यह नाम भारतीय राजनीति और न्याय व्यवस्था की उस...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

00:05:16

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited