TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    "अपनी ही पार्टी पर बरसे मनीष तिवारी, ‘भारत की बात’ से कांग्रेस पर वार!"

    अपनी ही पार्टी पर बरसे मनीष तिवारी, ‘भारत की बात’ से कांग्रेस पर वार!

    लोकसभा में अमित शाह ने बताया- पहलगाम हमले के तीनों आतंकवादी ऑपरेशन महादेव में  मारे गए

    लोकसभा में अमित शाह ने बताया- पहलगाम हमले के तीनों आतंकवादी ऑपरेशन महादेव में मारे गए

    प्रियंका गांधी की लुटियंस दिल्ली में वापसी, मिला 81 लोधी एस्टेट का बंगला

    प्रियंका गांधी की लुटियंस दिल्ली में वापसी, मिला 81 लोधी एस्टेट का बंगला

    संसद में तृणमूल सांसद के बयान से मचा बवाल, भाजपा ने बताया राष्ट्रविरोधी मानसिकता

    संसद में तृणमूल सांसद के बयान से मचा बवाल, भाजपा ने बताया राष्ट्रविरोधी मानसिकता

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा जहन्नुम, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा ‘जहन्नुम’, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऑपरेशन महादेव: पहलगाम का बदला पूरा!, श्रीनगर में सेना ने तीन आतंकियों को किया ढेर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऑपरेशन महादेव: पहलगाम का बदला पूरा!, श्रीनगर में सेना ने तीन आतंकियों को किया ढेर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    पश्चिमी देशों को भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को क्यों लगेगा बड़ा डेंट, मैक्रों की मजबूरी जानें

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को बड़ा झटका, जानें क्या है मैक्रों की मजबूरी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    "अपनी ही पार्टी पर बरसे मनीष तिवारी, ‘भारत की बात’ से कांग्रेस पर वार!"

    अपनी ही पार्टी पर बरसे मनीष तिवारी, ‘भारत की बात’ से कांग्रेस पर वार!

    लोकसभा में अमित शाह ने बताया- पहलगाम हमले के तीनों आतंकवादी ऑपरेशन महादेव में  मारे गए

    लोकसभा में अमित शाह ने बताया- पहलगाम हमले के तीनों आतंकवादी ऑपरेशन महादेव में मारे गए

    प्रियंका गांधी की लुटियंस दिल्ली में वापसी, मिला 81 लोधी एस्टेट का बंगला

    प्रियंका गांधी की लुटियंस दिल्ली में वापसी, मिला 81 लोधी एस्टेट का बंगला

    संसद में तृणमूल सांसद के बयान से मचा बवाल, भाजपा ने बताया राष्ट्रविरोधी मानसिकता

    संसद में तृणमूल सांसद के बयान से मचा बवाल, भाजपा ने बताया राष्ट्रविरोधी मानसिकता

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा जहन्नुम, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    पहलगाम हमले के गुनहगार हाशिम मूसा को जवानों ने भेजा ‘जहन्नुम’, श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    शक्तिशाली भारत के आगे झुका पाकिस्तान, डीजीएमओ ने युद्धविराम की लगाई गुहार: राजनाथ सिंह

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऑपरेशन महादेव: पहलगाम का बदला पूरा!, श्रीनगर में सेना ने तीन आतंकियों को किया ढेर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऑपरेशन महादेव: पहलगाम का बदला पूरा!, श्रीनगर में सेना ने तीन आतंकियों को किया ढेर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    पश्चिमी देशों को भारत का सख्त संदेश: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि, रूस से तेल खरीद जारी रहेगी’

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को क्यों लगेगा बड़ा डेंट, मैक्रों की मजबूरी जानें

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को बड़ा झटका, जानें क्या है मैक्रों की मजबूरी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बाबरी मस्जिद फैसला– कैसे लिबरल मीडिया मुसलमानों को पीड़ित ही बनाए रखना चाहती है

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
2 October 2020
in मत
मुसलमानों

(Image for Representational Purpose)

Share on FacebookShare on X

हाल ही में एक अहम निर्णय में सीबीआई के एक विशेष न्यायालय ने बाबरी मस्जिद में आरोपीत 32 व्यक्तियों को ठोस साक्ष्यों के अभाव में निर्दोष करार दिया। न्यायालय ने ये स्पष्ट किया है कि मस्जिद का विध्वंस पहले से सुनियोजित नहीं था, और ऐसे में मस्जिद को गिराने के लिए षड्यंत्र का रचा जाना अस्वाभाविक है, और अपने 2300 पृष्ठों के निर्णय में विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने बताया कि आरोपियों के विरुद्ध सीबीआई कोई ठोस साक्ष्य नहीं पेश कर पाई है।

लेकिन इस निर्णय के आने के बाद से वामपंथियों, विशेषकर लिबरल मीडिया के ध्वजवाहकों के छाती पर साँप लोटने लगे हैं। जब से यह निर्णय सामने आया है, तब से ये ‘बुद्धिजीवी वर्ग’ मुसलमानों को यह महसूस कराना चाहते हैं कि उनकी इस देश में कोई पूछ नहीं है, और उन्हे किसी भी मामले में न्याय नहीं मिलता। कई भड़काऊ ट्वीट्स किए जा रहे हैं, ताकि मुस्लिम समुदाय बाबरी मस्जिद के विध्वंस को कभी न भूल पाये और वो खुद को विक्टिम समझें।

संबंधितपोस्ट

अपनी ही पार्टी पर बरसे मनीष तिवारी, ‘भारत की बात’ से कांग्रेस पर वार!

‘तीन आतंकवादी’ नहीं, ‘तीन पुरुष’: रॉयटर्स की रिपोर्टिंग और भारतीय पत्रकार क्यों चुप हैं?

लोकसभा में अमित शाह ने बताया- पहलगाम हमले के तीनों आतंकवादी ऑपरेशन महादेव में मारे गए

और लोड करें

उदाहरण के लिए राणा अय्यूब का ट्वीट ही देख लीजिये। अपने ट्वीट में लिखती हैं, “दुस्वप्न तो 1992 में ही शुरू हो गया था। अगर 92 के लिए इंसाफ मिलता, तो 2002 होता ही नहीं। अगर 2002 के दोषियों को न्याय मिलता, तो वर्तमान भारत कुछ और ही होता। भारतीय मीडिया ने एक विचित्र किस्म का amnesia विकसित किया है, जिसने कथित सेक्युलर नेताओं के सभी पापों को धोने का काम किया है”।

The nightmare began as early as 1993 and 2002. If 93 was given justice, 2002 would not have happened. If 2002 was given justice, present day India would have looked different. The Indian media developed a collective amnesia, whitewashed the sins of the great "secular" leaders. https://t.co/1nlYr7edHb

— Rana Ayyub (@RanaAyyub) October 1, 2020

परंतु बात यहीं पर खत्म नहीं होती। सीजे वर्लमैन जैसे प्रोपगैंडावादी पत्रकार इस बात को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मुसलमान बाबरी मस्जिद के विध्वंस को न भूलें, और उन्हें हमेशा अपने ‘शोषण’ की याद दिलाई जाये, जो उनके ट्वीट में भी स्पष्ट दिखती है, जहां वे ट्वीट करते हैं, “एक विशेष न्यायालय द्वारा बाबरी मस्जिद को गिराने वाले भाजपा नेताओं को बरी करना नरसंहार को औपचारिक रूप से उचित ठहराना है”।

https://twitter.com/cjwerleman/status/1311537111946780672

इसी भांति रामचन्द्र गुहा ने इसी विचारधारा को धार देते हुए लिखा, “बाबरी मस्जिद का निर्णय – क्या मुसलमानों के लिए दुस्वप्न शुरू हो चुके हैं?”

Babri Verdict: Has Nightmare Begun for Muslims and India? https://t.co/73ExHyYdHE

— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) October 1, 2020

चाहे संपादकीय हो, कार्टून हो या फिर ट्वीट, हर प्रकार से मुसलमानों में यह धारणा बिठाने का प्रयास किया जा रहा है कि उनके साथ गलत हुआ है, और इसके लिए सरकार से लेकर न्यायपालिका तक सब दोषी है। लेकिन यह सिलसिला यूं ही नहीं शुरू हुआ है। दरअसल, मुसलमानों को मीडिया का एक धड़ा हमेशा उन्हें पीड़ित बनाए रखना चाहता है, और वह नहीं चाहता कि भारत के मुसलमान इस भावना से ऊपर उठकर अपने और अपने देश के विकास के बारे में सोचे।

आज ये सिद्ध हो चुका है कि बाबरी मस्जिद को अयोध्या में श्रीराम को समर्पित भव्य मंदिर का विध्वंस कर बनाया गया था। इसी बात की पुष्टि करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष श्रीराम जन्मभूमि परिसर के पुनर्निर्माण को हरी झंडी दी थी। लेकिन वामपंथी मीडिया ने दावा किया कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय गलत है, और मुसलमानों ने अपनी मस्जिद हमेशा के लिए खो दी है। बाबरी मस्जिद के विध्वंस का मुद्दा करीब 28 वर्ष पुराना है, परंतु आज भी भारतीय मुसलमानों की वर्तमान पीढ़ी को अपने आप को पीड़ित समझने के लिए वामपंथी मीडिया द्वारा मजबूर किया जा रहा है।

बाबरी मस्जिद के मुद्दे के जरिये वामपंथी मुसलमानों को बरगलाना चाहते हैं, ताकि वे कभी भी अपने विकास और अपने पुनरुत्थान की ओर ध्यान न दें। हालांकि, ये पहला ऐसा मामला नहीं है, क्योंकि 2002 के दंगों पर मीडिया की जो कवरेज रही है, उसे देखते हुए बाबरी मस्जिद पर लिबरलों का विलाप अस्वाभाविक नहीं लगता। गोधरा के पास साबरमती एक्स्प्रेस में लगाई गई आग में जो निर्दोष व्यक्ति मारे गए, उन्हें पूरी तरह से अनदेखा कर जिस प्रकार से मुसलमानों को पीड़ित के तौर पर वर्षों तक दिखाया गया, उससे वामपंथी मीडिया मुसलमानों के हितैषी कम, और उनका अहित चाहने वाले ज़्यादा नजर आते हैं।

परन्तु दंगे हमेशा एकतरफा नहीं होते, जैसा कि मीडिया दिखाना चाहती है। जब हिन्दू या कोई अन्य समुदाय के साथ अन्याय होता है, तब यही मीडिया उस मामले को इस हद तक दबाना चाहती है, कि उसके बारे में बात करने के लिए भी आपको सांप्रदायिक घोषित कर दिया जाये। चाहे मरीछझापी का नरसंहार हो, या फिर मोपलाह के दंगे, या फिर नोआखली में उमड़े दंगे ही क्यों, इन्हें या तो लिबरल मीडिया द्वारा दबा दिया जाता है, या फिर इन्हें किसी विद्रोह की तरह महिमामंडित किया जाता है, जैसे मोपलाह दंगों के साथ किया गया। अंग्रेज़ों की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति का इससे बेजोड़ उदाहरण और कहीं देखने को मिलेगा।

चाहे इशरत जहां का केस हो, या फिर बाटला हाउस का एनकाउंटर का मामला हो, इनका पीड़ितों वाला narrative ऐसा है कि अनेकों बार न्यायालय में झूठा सिद्ध होने के बावजूद वे अपनी दुकान चलाने और समाज में वैमनस्य बनाए रखने के लिए इस विचारधारा को बढ़ावा देते रहेंगे, और सीएए के विरोध के नाम पर शाहीन बाग में पनपे देशद्रोही तत्वों को बढ़ावा देना इसी बात का एक प्रत्यक्ष उदाहरण है। यदि राज्य को उनसे कोई घृणा न हो, तब भी एक विशिष्ट समुदाय को हमेशा इस छलावे में रखा जाता है कि सरकार उन्हें दबाना चाहती है, उन्हे कुचलना चाहती है।

इसके पीछे केवल वैचारिक ही नहीं, वित्तीय कारण भी है। दरअसल, वामपंथी मीडिया का जो भी सब्सक्राइबर बेस है, वो अधिकतर ऐसे ही लोगों से भरा हुआ है, जो अपने समुदाय के हित की बातें उनके माध्यम से सामने रखना चाहते हैं। जब ये सब्सक्राइबर बेस ही हट जाएगा, तो इन वामपंथियों की दुकानें कैसे चलेंगी? इसीलिए ये वामपंथी अपनी ‘दुकानों’ को बचाए रखने के लिए देश में आग लगाने को भी तैयार हैं।

यदि आपको विश्वास न हो तो शाहीन बाग में भाग लेने वाले बच्चों के विचार पर ही नज़र डाल लीजिये। जब उनसे पूछा गया कि वे यहाँ क्यों जमा है तो उन्होने बताया कि वे मोदी को मारना चाहते हैं, और जब इसका कारण पूछा जाता है तो वे बताते हैं कि मोदी सरकार उन्हे मारना चाहती है, उनके माँ बाप को देश से निकालना चाहती है।

आखिर किसने इन मासूम बच्चों के मन में ऐसा विष घोला? कौन उन्हे भड़का रहा है? इसके पीछे वही मीडिया है, जिसने सीएए जैसे कानून पर भी मुसलमानों के अधिकारों की बात करने के नाम पर मुसलमानों को भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मीडिया द्वारा इसी प्रकार की विषैली रिपोर्टिंग किये जाने के कारण कई मुसलमान ‘हिंदुओं’ से बदला लेने के नाम पर गलत रास्ते की ओर मुड़ जाते हैं। उदाहरण के लिए पूर्वोत्तर दिल्ली में भड़के दंगों को ही देख लीजिये, जहां पर जांच पड़ताल में ये सामने आया कि ये दंगा इसलिए भड़का क्योंकि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने मुसलमानों को ‘आक्रोशित’ कर दिया था, और वे ‘हिंदुओं को सबक सिखाना’ चाहते थे। अब आपको यह अनुमान लगाने की आवश्यकता नहीं कि किसने दंगों के आरोपियों को इस दिशा में भड़काया होगा।

सच कहें तो वामपंथी मीडिया मुसलमानों को अपने वर्तमान दायरे से आगे ही नहीं बढ़ना देना चाहती है। ये बात शाहिद आज़मी जैसे लोग भली भांति समझ गए थे, जो आतंकवाद के मुहाने से वापिस लौटकर ऐसे दोहरे मापदण्डों को उजागर करने के उद्देश्य से वकालत कर रहे हैं। इसीलिए बाबरी मस्जिद के संबंध में लिबराल्स की रुदाली इसीलिए है, ताकि मुसलमानों के सर से ‘पीड़ित’ का टैग कभी न हट पाये।

शेयर13ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अब बनेगा ‘तुर्की फ्राई’: फ्रांस अब आर्मेनिया के साथ, तुर्की के खिलाफ एकजुट हुए फ्रांस और रूस

अगली पोस्ट

वियतनाम कभी चीन से पीड़ित था, अब चीन के खिलाफ मैदान में उतर गया है

संबंधित पोस्ट

आरएसएस की शाखा से ‘टीम मैनेजमेंट’ का प्रशिक्षण
मत

आरएसएस की शाखा से ‘टीम मैनेजमेंट’ का प्रशिक्षण

22 July 2025

जैसे-जैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का शताब्दी वर्ष निकट आ रहा है, उसके कार्यों की चर्चा बढ़ती जा रही है। संघ की ओर से भी...

‘विश्व संवाद केंद्र’ संचार माध्यमों, सोशल मीडिया और मीडिया की ताकत को राष्ट्र हित में उचित दिशा देने के लिए प्रयासरत है
मत

‘संवाद से सौहार्द’ की ओर ‘विश्व संवाद केंद्र’ की भूमिका

20 July 2025

‘संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्’, ऋग्वेद की ऋचा की यह पंक्ति अधिकांश लोगों ने सुनी या पढ़ी होगी । यह ऋचा आज भी उतनी...

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Inside the ₹30,000 Cr Tug of War Between Karisma Kapoor and Sunjay’s Family

Inside the ₹30,000 Cr Tug of War Between Karisma Kapoor and Sunjay’s Family

00:04:08

Should the HR&CE Exist? The Controversial Control Over Hindu Temples in Tamil Nadu

00:06:31

Will India Buy F-35s from US or Build Su-57s with Russia? IAF’s Big Push Explained

00:08:32

PM Modi’s Blueprint for Tamil Nadu Begins at Rajendra Chola’s Capital Gangaikonda Cholapuram

00:07:57

One Woman. Two Brothers. Jodidaran- A Living Example of Polyandry in Himachal's Hatti Tribe.

00:05:32
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited