भारतीय मीडिया और भारतीय सोशल मीडिया ने ‘वन चाइना’ के मिथक की धज्जियां उड़ा दी है

अब चीन बौखला गया है!

ताइवान

ताइवान की सरकार और भारत की जनता ने मिलकर पिछले दो हफ्तों में जिस तरह one चाइना पॉलिसी को जोरदार तरीके से नकारा है, उसने चीन के इस narrative को मिट्टी में मिला दिया है। दुनिया में एक ही चीन है और ताइवान चीन का ही हिस्सा है- ये बात पूरी दुनिया में कायम करने के लिए चीन ने करोड़ो रुपये बहाये हैं, अपनी भरपूर कूटनीतिक ताकत का इस्तेमाल किया है, और वह इसमें अब तक सफल भी होता आया है, लेकिन वर्ष 2020 में चीन ने एक बड़ी गलती कर डाली, और वो थी कि उसने भारतवासियों को भी वन चाइना पॉलिसी का सम्मान करने का आदेश सुना दिया। बस फिर क्या था, भारत की मेनस्ट्रीम मीडिया और social मीडिया यूजर्स ने चीन को ऐसा करारा जवाब दिया कि अब चीनी मीडिया दूध पीते बच्चे की तरह आँसू बहा रही है।

हाल ही में ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू का भारत के मीडिया ग्रुप इंडिया टुडे ने एक इंटरव्यू लिया था जिसमें ताइवान के सभी मसलों पर उन्होंने चर्चा की थी । पहले से ही वैश्विक मोर्चे पर अलग-थलग पड़े चीन के लिए ये साक्षात्कार असहज करने वाला था। इस साक्षात्कार के बाद ही भारत में चीनी दूतावास के हाथ पैर फूल गए और इस मामले में बयान आया ये साक्षात्कार चीन की वन चाइना पॉलिसी के लिए भारतीय मीडिया द्वारा उठाया गया बेहद ही आलोचनात्मक कदम है, क्योंकि ये हमारी नीति का उल्लंघन है। भारत को लेकर कह गया कि सभी देशों को चीन की वन चाइना पॉलिसी का सम्मान करना चाहिए और भारत सरकार का आधिकारिक रुख भी यही है।

भारत के लोगों और भारत की मीडिया ने ताइवान के प्रति जिस तरह प्यार दिखाया है कि उसने Global Times का भी सीना सुलगा दिया है। Global Times ने अपने हाल ही के लेख में भारत को धमकी देते हुए कहा कि जिस प्रकार भारत की मीडिया ताइवान कार्ड खेल रही है, उसके बाद हम भी सिक्किम, भारत के नॉर्थ ईस्ट और लद्दाख में भारत के खिलाफ अलगाववादी विचारों को भड़का सकते हैं। चीनी मीडिया के इन वक्तव्यों से ही समझा जा सकता है कि भारतीय जनता की one-चाइना पॉलिसी विरोधी इस मुहिम से उसे कितना बड़ा झटका लगा है। उसका पूरा ही narrative बर्बाद कर दिया गया है।

चीन इस बात से बेहद परेशान है कि जब भारत सरकार की आधिकारिक लाइन वन चाइना पॉलिसी पर टिकी हुई है तो फिर भारतीय मीडिया इस तरह के अभियान क्यों चला रही है। हमने देखा है कि किस तरह से चीनी सरकार WION, TOI,  INDIA TODAY जैसे भारतीय मीडिया संस्थानों को धमका रही है कि वो भी वन चाइना पॉलिसी का पालने करें। चीन की इन धमकियों के बावजूद भारतीय मीडिया संस्थानों का इस बात पर कोई खास असर नहीं पड़ रहा है। चीन ये समझ गया है कि स्वतंत्र मीडिया के नाम पर भारत चीन को धमकाने की कोशिशें कर रहा है। ग्लोबल टाइम्स इस बात को कह चुका है कि भारतीय सरकार असल में स्वतंत्र प्रेस के नाम पर उनकी वकालत कर रही है।

ऐसे में भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया ने जिस तरह से ताइवान के हक की आवाज उठाई है उससे चीन को झटका लगा है। सरकार की मदद के बिना ही भारतीय मीडिया ने चीन की वन चाइना पॉलिसी की हवा निकाल दी है, जो कि उसे अब महंगी पड़ रही है और वैश्विक बेइज्जती तो उसे झेलनी ही पड़ रही है।

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