अगर अभिनंदन की वापसी नहीं होती तो हम पाकिस्तानी फॉरवर्ड ब्रिगेड को तबाह कर देते

पाकिस्तान के डर का कारण दिलचस्प है

अभिनंदन

डींगे हांकने में पाकिस्तान का कोई सानी नहीं है, लेकिन जब वास्तविकता सामने आती है तो सिट्टी-पीट्टी सब गुम हो जाती है। इसकी पोल तब और खुल गयी जब पाकिस्तानी सांसद ने दावा किया कि भारत के हमले की डर की वजह से अभिनंदन वर्धमान को रिहा कर दिया गया था। अब इस पर तत्कालीन वायु सेना अध्यक्ष का कहना है कि पाकिस्तानी सांसद की बातें सही हैं, अगर पाकिस्तान की सेना ने कोई भी दुस्साहस किया होता तो भारतीय सेना उनके फॉरवर्ड ब्रिगेड को ही उड़ाने की तैयारी कर चुकी थी।

उन्होंने बताया कि “भारत पाकिस्तान की फॉरवर्ड ब्रिगेड को तबाह करने की तैयारी कर चुका था। हम बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने में सफल रहे थे और पाकिस्तान को इस बात का अंदाजा था कि भारत की सैन्य मुद्रा बहुत आक्रामक थी।“

दरअसल, बीएस धनोआ का यह बयान पाकिस्तान पार्लियामेंट की एक वायरल वीडियो के बाद आया है जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) के नेता अयाज़ सादिक नेशनल असेंबली में कह रहे हैं कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक महत्वपूर्ण बैठक में कहा था कि अगर पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को रिहा नहीं किया, तो भारत पाकिस्तान पर उस रात 9 बजे तक हमला कर देता।“

सादिक ने  बताया, “चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल बाजवा जब अभिनंदन पर बात करने के लिए संसद के नेताओं के सामने तशरीफ लाए तो उनके पैर कांप रहे थे। पसीना माथे पर था। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि खुदा का वास्ता है कि अभिनंदन को जाने दें, क्योंकि हिंदुस्तान 9 बजे रात को पाकिस्तान पर अटैक कर रहा है।”

बता दें कि बालाकोट हमले के बाद जब पाकिस्तान की एयरफोर्स ने भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास किया था तब भारत के पायलटों ने पाकिस्तानी एयर फोर्स को खदेड़ दिया था, इसी क्रम में अभिनंदन ने एक पाकिस्तानी F16 को भी मार गिराया था, लेकिन उनका प्लेन क्षतिग्रस्त हो गया था जिसके बाद वे पाकिस्तानी क्षेत्र में क्रैश कर गए थे और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायु सेना के पायलट अभिनंदन वर्धमान को वापस नहीं करने पर पाकिस्तान को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। इसके बाद भारत के सख्त रुख ने पाकिस्तान को अभिनंदन वर्धमान को सही सलामत भारत भेजने पर मजबूर कर दिया था। एक मार्च को वह अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत वापस आए थे।

अभी ANI को एक इंटरव्यू देते समय धनोआ ने बताया कि, “अभिनंदन के पिता और मैंने एक साथ सर्विस की। इसलिए, मैंने उनसे कहा कि हम आहूजा को वापस नहीं ला सके, लेकिन अभिनंदन को ज़रूर वापस लाएगे। कारगिल युद्ध के दौरान, मेरे फ्लाइट कमांडर आहूजा को पकड़ लिया गया था और उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मैंने उनसे कहा कि इसके दो हिस्से हैं। पहला पाकिस्तान पर मुख्य दबाव कूटनीतिक और राजनीतिक था। और दूसरा हमारी सैन्य तैयारी थी।”

उन्होंने बताया कि, “जिस तरह से पाकिस्तान के सांसद कह रहे हैं कि ‘पैर काँप उठे’  ऐसा इसलिए है क्योंकि हम बहुत आक्रामक थे … अगर 27 तारीख को पाकिस्तान किसी तरह का सैन्य दुस्साहस करता और हमारे सैनिकों पर हमला करता तो हम पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों सहित फॉरवर्ड ब्रिगेड को पूरी तरह मिटा देने की स्थिति में थे। वे जानते हैं कि हमारी क्षमता क्या है।”

बीएस धनोआ ने कहा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान पर कूटनीतिक और रणनीतिक तौर पर दबाव था। उन्हें मालूम था कि अगर लाइन क्रॉस की तो उसका अंजाम भुगतना पड़ सकता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले साल फाइटर पायलट अभिनंदन  के पकड़े जाने के बाद तनाव अपने चरम पर था। भारत में कई विशेषज्ञों ने पाक पर सीधे हमले की संभावना तक जता दी थी। हालांकि, इमरान सरकार के अभिनंदन को छोड़ने के फैसले के बाद यह टकराव कुछ हद तक कम हुआ था। अगर पाकिस्तान उस दौरान एक भी गलत कदम उठाता तो निःसंदेह भारतीय सेना पाकिस्तान का सफाया करने से पीछे नहीं हटती और यह बात पाकिस्तान को बखूबी पता थी।

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