TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    इन 10 राज्यों और UT में अगले एक हफ्ते में BJP को मिल जाएंगे नए प्रदेश अध्यक्ष

    इन 10 राज्यों और UT में अगले एक हफ्ते में BJP को मिल जाएंगे नए प्रदेश अध्यक्ष

    त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित, कल से नामांकन शुरू

    त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित, कल से नामांकन शुरू

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    उत्तराखंड में भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को दोबारा मौका दिए जाने की चर्चा जोरों पर है (FILE PHOTO)

    उत्तराखंड-पश्चिम बंगाल में BJP नहीं बदलेगी प्रदेश अध्यक्ष, रवींद्र चव्हाण हो सकते हैं महाराष्ट्र के BJP चीफ

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    कॉम्पैक्ट सीक्यूबी कार्बाइन

    सीमित जगहों की जंग में अब बढ़ेगी सेना की मारक क्षमता, जल्द मिलेगी नई CQB कार्बाइन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    काश पटेल जल्द ही 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी हस्तक्षेप से जुड़े सबूत देंगे

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

    चीन ने भारत के खिलाफ चाल चल उसे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा दिया है

    फर्टिलाइजर को हथियार बना रहा चीन, खुल रही भारत की आत्मनिर्भरता की राह

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    सैटेलाइट तस्वीरों में हमले से पहले परमाणु साइट्स के पास नज़र आए थे ट्रक (Photo-Medium)

    बेअसर रहा अमेरिकी हमला?: CNN की रिपोर्ट में दावा कहा- ईरान में नहीं नष्ट हुआ ऐनरिच यूरेनियम; ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    इन 10 राज्यों और UT में अगले एक हफ्ते में BJP को मिल जाएंगे नए प्रदेश अध्यक्ष

    इन 10 राज्यों और UT में अगले एक हफ्ते में BJP को मिल जाएंगे नए प्रदेश अध्यक्ष

    त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित, कल से नामांकन शुरू

    त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित, कल से नामांकन शुरू

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    उत्तराखंड में भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को दोबारा मौका दिए जाने की चर्चा जोरों पर है (FILE PHOTO)

    उत्तराखंड-पश्चिम बंगाल में BJP नहीं बदलेगी प्रदेश अध्यक्ष, रवींद्र चव्हाण हो सकते हैं महाराष्ट्र के BJP चीफ

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    कॉम्पैक्ट सीक्यूबी कार्बाइन

    सीमित जगहों की जंग में अब बढ़ेगी सेना की मारक क्षमता, जल्द मिलेगी नई CQB कार्बाइन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    काश पटेल जल्द ही 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी हस्तक्षेप से जुड़े सबूत देंगे

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

    चीन ने भारत के खिलाफ चाल चल उसे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा दिया है

    फर्टिलाइजर को हथियार बना रहा चीन, खुल रही भारत की आत्मनिर्भरता की राह

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    सैटेलाइट तस्वीरों में हमले से पहले परमाणु साइट्स के पास नज़र आए थे ट्रक (Photo-Medium)

    बेअसर रहा अमेरिकी हमला?: CNN की रिपोर्ट में दावा कहा- ईरान में नहीं नष्ट हुआ ऐनरिच यूरेनियम; ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बिहार के आबाद होने से लेकर बर्बाद होने तक की यात्रा का प्रतीक है जेपी आंदोलन

देश की राजनीति की दिशा को बदलने वाला बिहार, खुद को क्यों नहीं बदल पाया?

Prashant द्वारा Prashant
14 October 2020
in मत
जेपी आंदोलन
Share on FacebookShare on X

जात-पात तोड़ दो, तिलक-दहेज छोड़ दो।

समाज के प्रवाह को नयी दिशा में मोड़ दो।

संबंधितपोस्ट

BJP ने नीतीश से लिए रोजगार और विकास से जुड़े मंत्रालय, बिहार के अहम मुद्दे भाजपा के जिम्मे

जानिए, कैसे बिहार में अनिच्छा वाली रणनीति से बीजेपी बना सकती है अपना मुख्यमंत्री

चिराग का राजनीतिक दांव हुआ कामयाब, खुद तो डूबे ही नीतीश को भी कहीं का नहीं छोड़ा

और लोड करें

5 जून 1974 पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में एक महासभा में यह नारा गूंज रहा था। यह समाज में आने वाले उस परिवर्तन की आवाज थी। जिसकी बुनियाद जयप्रकाश नारायण रख रहे थे। यह महासभा कोई आम सभा नहीं थी बल्कि इंदिरा गांधी की दमनकारी नीतियों के खिलाफ एकजुट हुई बिहार की जनता थी , जिसके सम्पूर्ण क्रांति के आह्वान ने केंद्र सरकार की चूलें हिला दी थी।

’’सम्पूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है |’’
– लोकनायक जय प्रकाश नारायण (pc- patrika)

बिहार में जब आपातकाल के विरुद्ध आंदोलन की शुरुआत हुई तो किसी को भी ये नहीं पता था कि यह आंदोलन कहाँ जाकर खत्म होगा। इस एक आंदोलन ने बिहार की आज तक की राजनीति को बदल कर रख दिया है। यह आंदोलन उस दौर में शुरू हुआ जब बिहार में काँग्रेस की सरकार थी, क्षेत्रीय पार्टियों का उभार तब तक नहीं हुआ था। उस वक्त काँग्रेस एक मजबूत और जनाधार वाली काँग्रेस हुआ करती थी। इंदिरा गांधी के घमंड को बिहार ने ऐसा चकनाचूर किया कि तब से अब तक बिहार में काँग्रेस क्षेत्रीय पार्टियों के अधीन ही रही।

उस दौर में जब काँग्रेस खत्म हो रही थी, अपने जनाधार को खो रही थी तब बिहार में एक नई राजनीतिक सुचिता आकार ले रही थी। बिहार में छात्रों के नेतृत्व में राजनीति की जमीन पर बिल्कुल एक नई पौध तैयार हो रही थी, जो आने वाले कई वर्षों तक बिहार के साथ-साथ देश को भी बदलने का माद्दा रखने वाली थी परंतु कुछ घटनाओं ने बिहार की राजनीतिक जमीन की उर्वरकता को छीन लिया।

इंदिरा सरकार को हटाने के बाद जनता पार्टी के बैनर तले जाति,पंथ की भावना से इतर जब सरकार बनी तो चंद नेताओं के निजी स्वार्थ ने उस गठबंधन को तार-तार कर दिया। उस जनता पार्टी से अनेकों नेता अलग होकर अपनी जाति को केंद्र में रखकर अपनी पार्टियों की स्थापना कर दी। जिसमें बिहार में लालू यादव, नीतीश कुमार और रामविलास पासवान जैसे नेताओं का उदय हुआ जो एक खास जाति और वर्ग के नेता बने रहें। उसके बाद भी सवर्णों का झुकाव काँग्रेस की तरफ बना रहा। बहुजन केंद्रित राजनीति ने बिहार में जाति आधारित पार्टियों को गुना भाग कर के सरकार बनाने का मौका दे दिया। यहाँ जनता दल से आए हुए सभी नेताओं को फायदा जरूर हुआ परंतु यदि नुकसान किसी का हुआ तो वह बिहार की जनता ही थी।

1961 में श्रीकृष्ण सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद 1990 तक क़रीब तीस सालों में 23 बार मुख्यमंत्री बदले और पाँच बार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। क्षेत्रीय पार्टियों के उदय होने के कारण बिहार में काँग्रेस की जमीन खिसकती ही चली गई। जिन 23 मुख्यमंत्रियों की यहाँ बात हो रही है उसमें से 17 तो सिर्फ काँग्रेस के थे जो यह दिखाता है कि बिहार की राजनीति कैसे करवट ले रही थी।

वर्ष 1989 में जब केंद्र में वीपी सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में जनता दल सरकार ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू किया तो बिहार के नेता लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार और रामविलास पासवान उसके सबसे बड़े समर्थकों में से थे। इसी के बाद बिहार में लालू प्रसाद यादव का उदय होता है। जो 1990 में मुख्यमंत्री बनते हैं और लगभग 1997 तक कुर्सी उनके पास बरकरार रहती है ,जब चारा घोटाला सामने नहीं आता है। उसके बाद वे खुद हटकर अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप देते हैं। यह बिहार की राजनीतिक चेतना पर एक जोरदार तमाचे की तरह था, जहां जाति के आगे प्रभावी राजनीति ने घुटने टेक दिये थे।

वर्ष 1990 के आसपास एक आंदोलन और उठ रहा होता है, जिसे मंदिर आंदोलन की संज्ञा दी गई थी, यह वही आंदोलन था जिससे हिन्दी पट्टी में भाजपा का उदय हो रहा होता है। यह बिहार के लिए एक नई बात थी, बिहार जिसने राष्ट्रीय पार्टी (काँग्रेस) को नकारकर ही वर्तमान की राजनीति स्थापित की थी उस बिहार में एक अन्य राष्ट्रीय पार्टी नए कलेवर के साथ आ रही थी। साथ ही साथ बिहार में नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में आकर उसने राज्य की अगड़ी जातियों और ओबीसी के कुछ तबकों के विश्वास को जीत लिया था। काँग्रेस के वोट बैंक में यहाँ सेंधमारी हो चुकी थी। मुस्लिम और यादव जो की बिहार में तकरीबन 25% के आसपास हैं वह लालू यादव के पक्ष में चले गए थे और दलितों के नेतृत्वकर्ता के रूप में रामविलास पासवान उभर रहें थे। धीरे-धीरे बिहार जातीयता के ऐसे दलदल में फँसता चल गया जहाँ से उसे निजात 2005 के चुनावों में मिली। यहाँ आकर सुधारों की एक उम्मीद सी दिखी थी, इस बात को कई पॉलिटिकल पंडित मानते हैं परंतु बिहार वर्षों के इस बुराई से महज कुछ वर्षों में बाहर नहीं निकाल पाया। लेकिन फिर आता है 2014 का वह ऐतिहासिक चुनाव जहां बिहार ने पहली बार जातीयता से उठकर देश के लिए मतदान किया। जाति के सारे बंधनों को तोड़कर बिहार ने बाकी देश के साथ कदम से कदम मिलाकर नरेंद्र मोदी को प्रचंड बहुत दिलाने में अग्रिम भूमिका निभाई। उस चुनाव में बिहार के 40 सीटों में से एनडीए गठबंधन के खाते में 31 सीटें आईं। यह झटका जाति आधारित पार्टियों के लिए सबसे बड़ा झटका था, विशेषकर लालू यादव के लिए। इन सब के बावजूद  बिहार के चुनावी राजनीति को देखकर इतना तो जरूर कह सकते हैं कि बिहार में क्षेत्रीय पार्टियों के उदय ने राजनीति को और लोकतंत्र को एक नया आयाम दिया। यहाँ जातिगत समीकरण साधे गए तो उन जातियों को लोकतंत्र में भागीदारी भी मिली जो की हाशिये पर थी।

जेपी आंदोलन ने बिहार को यदि कुछ दिया है तो उसके बदले में बहुत कुछ लिया भी है। इंदिरा सरकार के चुनावों में हारने के बाद मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी और महज कुछ वर्षों में ही बिखर गई। इसके बाद वापसी होती है फिर से इंदिरा गांधी की, जो ये मानती हैं कि उनकी सरकार को तहस-नहस यदि किसी ने किया है तो वह बिहार ही है और बिहार इसकी कीमत भी चुकाता है। इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी के बाद पंजाब में बड़े स्तर पर कृषि सुधार होते है परंतु बिहार के साथ यह नहीं होता है। न ही बिहार को वो सुविधाएं मिलती हैं जो कि पंजाब को मिली। बिहार की मिट्टी में उर्वरकता पंजाब की मिट्टी से कहीं अधिक थी। गंगा के मैदानी हिस्से में होने के कारण यहाँ संभावनाये भी अपार थी। परंतु उस दोहरे रवैये और बदले की राजनीति की चपेट में बिहार आ गया।

बिहार के मतदाताओं के बारे में अक्सर यह कहते सुना गया है कि ये देश के मूड से अलग चलते हैं। दरअसल, इसके पीछे एक गंभीर वजह है। जब भी 1990 के बाद केंद्र में कोई सरकार रही है तो वह बिहार के विरोध में ही रही है। वीपी सिंह हो या राजीव गांधी, बिहार को हमेशा केंद्र के एक विरोधी के रूप में देखा गया जिसकी कीमत बिहार ने हर मोर्चे पर अपने विकास के साथ समझौते कर के चुकाई। जब लालू मुख्यमंत्री थे तो लालू विरोधी केंद्र में थे जब 2004 में सत्ता मनमोहन सिंह के पास आई तो बिहार में नीतीश कुमार की सरकार आ चुकी थी। यदि कुल मिलाकर हम देखें तो बिहार में महज पिछले तीन वर्षों से ही केंद्र और राज्य दोनों में एक ही सरकार काम कर रही है।

आने वाले दिनों में बिहार एक बार फिर से अपने नेतृत्व को चुनने जा रहा है परंतु बिहार को यह याद हमेशा रहना चाहिए कि राजनीति के प्रति और लोकतंत्र समर्थित व्यवस्था के प्रति उसका दायित्व हमेशा से बढ़कर रहा है। जेपी आंदोलन जैसे एक बड़े आंदोलन का नेतृत्व कर बिहार ने लोकतंत्र बचाने के साथ-साथ सामाजिक सुधारों को भी जन्म दिया था। आज वही सामाजिक सुधार जातीयता के व्यंग्य में कहीं छिप से गए हैं, जरूरत है तो उसे बाहर निकालने की। जेपी आंदोलन ने बिहार को बहुत कुछ दिया परंतु उतने बड़े आंदोलन की कीमत भी बिहार ने चुकाई है। आज शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सबमें पिछड़ा यह प्रदेश किसे नेतृत्व देता है यह तो वक्त ही बतयाएगा परंतु इसमें कोई शक नहीं कि एक बिहारी जब सम्पूर्ण क्रांति का नारा देता है तो वो महज एक सत्ता को नहीं ललकारता है बल्कि देश को अपने सामर्थ्य का परिचय भी देता है।

Tags: बिहार चुनाव 2020
शेयर20ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

यदि चीन को अपनी टेक इंडस्ट्री बचानी है तो माननी होंगी अमेरिका की शर्तें

अगली पोस्ट

QUAD से चीन बौखलाया, कहा, ये इंडो-पैसिफिक NATO है

संबंधित पोस्ट

25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति
इतिहास

25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

25 June 2025

25 जून एक ऐसी तिथि है जिसे देश शायद ही कभी भूल पाये। 25 जून 1975 की मध्य रात्रि इंदिरा गाँधी ने देश को आपातकाल...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’
भारत

आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

22 June 2025

इस 21 जून को सम्पूर्ण विश्व ने ‘योग दिवस’ मनाया । योग दिवस ‘वसुंधरा परिवार हमारा’ इस ध्येय वाक्य को चरितार्थ करता है । सरल...

Baba Bageshwar Dham Dhirendra Shastri
मत

धीरेंद्र शास्त्री ने पहनी 65 हजार की जैकेट, हजारों का चश्मा; कहां गई सनातन की त्याग वाली सीख?

18 June 2025

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को आमतौर पर बाबा बागेश्वर के नाम से जाना जाता है।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

the ganga treaty is about to expire. What happens next?

the ganga treaty is about to expire. What happens next?

00:06:54

India's Rise: Defense and Diplomacy in 2047 Vision

00:22:51

1975 emergency: India's 21 month dictatorship.

00:10:29

poverty crushed! Modi delivers india's biggest upliftment ever.

00:06:19

Right time for release? Sardar ji 3 drops amid tragedy

00:05:33
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited