आखिर वही हुआ, जिसका सभी को अंदेशा था और चीन को भय। ताइवान का 109वां राष्ट्रीय दिवस धूमधाम से मना और इस बार भी भारत भी अनाधिकारिक तौर पर ही सही, पर इस खुशी के अवसर में सम्मिलित अवश्य हुआ। ऐसी कई बातें सामने आई है, जो यह सिद्ध करती है कि भारत और ताइवान का रिश्ता काफी गहरा है।
अनाधिकारिक तौर पर भारत और ताइवान में धीरे-धीरे घनिष्ठता बढ़ रही है। जिस प्रकार से भारत और ताइवान के सम्बन्धों में घनिष्ठता बढ़ रही है, उसी का प्रमाण अभी हाल ही में देखने को मिला, जब चीन की निरंतर धमकियों के बावजूद भारत ने उसके ‘वन चाइना नीति’ को कोई भाव नहीं दिया, और अप्रत्यक्ष रूप से इस नीति की धज्जियाँ भी उड़ाई।
अपने राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर चीन के उपराष्ट्रपति ने भारत से अपने संबंध बढ़ाने के विषय पर ट्वीट किया, “हमें गर्व है कि हमारा ध्वज दुनिया भर में सम्मान से उड़ रहा है। हम उन देशों का अभिवादन करते हैं, जिन्होंने हमारे ध्वज का सम्मान किया, विशेषकर अपने भारतीय मित्रों का, नमस्ते! #TaiwanNationalDay #JaiHind #MilkTeaAlliance” –
Proud to see our flag fly high and be recognized all over the world. We thank the people from so many countries who today expressed congratulations and support. Especially our Indian friends. Namaste!#TaiwanNationalDay #JaiHind #MilkTeaAlliance pic.twitter.com/cOllMWJdtG
— 賴清德Lai Ching-te (@ChingteLai) October 10, 2020
ताइवान के नेता यूं ही नहीं भारत का समर्थन कर रहे हैं। भारत ने भले ही प्रत्यक्ष तौर पर ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध न स्थापित किया हो, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष तौर से खाका भारत अभी से बुनने लगा है। शायद इसीलिए त्साई इंगवेन ने पीएम मोदी के जन्मदिवस पर उन्हे शुभकामनाएँ भेजी –
Happy birthday to prime minister of India @narendramodi. Wishing you good health, happiness, & continued success in your leadership of the great nation of India.
— 蔡英文 Tsai Ing-wen (@iingwen) September 18, 2020
चीन द्वारा ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के संबंध में भारतीय मीडिया को धमकी देने पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन की चुटकी लेते हुए कहा, “भारत में मुक्त मीडिया व्यवस्था है, जिसे जैसा रिपोर्ट करना हो, वो वैसा कर सकता है।”
लेकिन ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर चीन को भारत से एक और जोरदार झटका लगा। चाणक्यपुरी के दूतावास क्षेत्र हो, या फिर चीन का दूतावास हो, सभी जगह ताइवान के राष्ट्रीय दिवस की बधाइयाँ दिये जाने वाले पोस्टर्स लगे हुए थे। इनकी पहल भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली आधारित प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने की। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि चीन की धमकियों का भारत ने अप्रत्यक्ष रूप से जोरदार जवाब दिया है, और यह भी संदेश भेजा है कि ताइवान के साथ हर स्थिति में खड़े रहने के लिए तैयार है ।
Massive embarrassment for #China in #India. Posters not just outside Embassy of China in New Delhi but also across high security diplomatic area of Chanakyapuri wishing #Taiwan a Happy National Day. Longer video. Many have advocated Shantipath to be renamed as Dalai Lama Path. pic.twitter.com/JJ2IjBf4ZZ
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 9, 2020
#BREAKING: Posters wishing #Taiwan a happy National Day come up outside Embassy of #China in New Delhi, India. Posters put by India’s ruling party BJP leader @tajinderbagga. Chinese embassy had earlier threatened Indian media with a diktat to not cover National Day. @MOFA_Taiwan pic.twitter.com/VNpUl4rG1x
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 9, 2020
राष्ट्रीय ताइवान दिवस जल्द ही भारत में एक प्रमुख ट्विटर ट्रेंड बन गया, और कई नागरिकों, राजनेताओं एवं भारतीय पत्रकारों ने ताइवान के राष्ट्रीय दिवस पर ताइवान को आधिकारिक तौर पर बधाइयाँ भी दी।
परंतु बात यहीं तक सीमित नहीं है। अभी हाल ही में ताइवान एशिया एक्स्चेंज फाउंडेशन और भारत के नेशनल मैरिटाइम फाउंडेशन ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है, जिसके अंतर्गत ताइवान और भारत के बीच के सम्बन्धों को समुद्र के रास्ते बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा ।
सच कहें तो भारत धीरे-धीरे चीन के ‘वन चाइना प्रिंसिपल’ को मिट्टी में मिलाना चाहता है, और ये बात भारत के वर्तमान निर्णयों से स्पष्ट ज़ाहिर होता है। भारत की नीतियां चीन के लिए कितनी हानिकारक सिद्ध हो रही हैं, इसका अंदाज़ा आप ग्लोबल टाइम्स की बौखलाहट से ही लगा सकते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने अपने ट्वीट में भारत के कदम को आग से खेलने की संज्ञा देते हुए अप्रत्यक्ष तौर पर धमकाने का भी प्रयास किया है –
Hanging up posters arranged by India BJP leader celebrating the “national day” of Taiwan island outside Chinese Embassy in New Delhi is an act of playing with fire, and will only worsen the already soured China-India ties, Chinese analysts warned. https://t.co/onNM80JNWh pic.twitter.com/fjGfkySkuh
— Global Times (@globaltimesnews) October 10, 2020
लेकिन अब भारत को चीन की गीदड़ भभकी से कोई फर्क नहीं पड़ता। अब धीरे-धीरे भारत और ताइवान के बीच की घनिष्ठता बढ़ती जा रही है, और चीन चाहकर भी इसे नहीं रोक सकता, मिटाना तो बहुत दूर की कौड़ी ठहरी।