हाथरस मामले में एक नया मोड़ आया है। योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा बिठाये गए एसआईटी जांच में एक चौंकाने वाले खुलासे में इस मामले के साथ नक्सलियों के संबंध भी सामने आए हैं। न्यूज़ 18 के रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की मृत्यु के दो दिन बाद पीड़िता के परिवार से संबन्धित एक महिला उनके घर आई थी, जो वास्तव में मध्य प्रदेश की एक नक्सली निकली।
एसआईटी की जांच के अनुसार, वह नक्सली महिला पीड़िता के असली भाभी से निरंतर संपर्क में थी। उसकी पहचान तब उजागर हुई जब जांच पड़ताल में पीड़िता के असली भाभी के कॉल रिकॉर्डस पर ध्यान दिया गया। ऐसे में पीड़िता की कथित ‘भाभी’, जो मीडिया के साथ मुखर थी, वह इस समय फरार चल रही हैं, और यूपी पुलिस उसे पकड़ने के लिए प्रयासरत है –
#HathrasCase
सामने आया हाथरस कांड का 'नक्सल कनेक्शन' – SIT को पीड़ित की 'नकली भाभी' की तलाश#SIT #Hathras #HathrasHorror #HathrasHorrorShocksIndia #news #News18India @farah17khan pic.twitter.com/VYAJjCvSL8— News18 India (@News18India) October 10, 2020
वह नक्सली महिला कैसे पीड़िता के परिवार के साथ रह रही है, ये अभी स्पष्ट नहीं हुआ है, और वह किस हद तक इस पूरे प्रकरण में शामिल थी, ये भी उसे पकड़ने अथवा जांच पूरी होने तक पता चल पाएगा। लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि एक व्यक्ति इतने दिनों तक बिना पीड़िता के परिवार से कोई प्रत्यक्ष संबंध स्थापित नहीं रह सकती, और वह किस हद तक इस मामले को अपने आकाओं के इशारे पर आगे बढ़ाना चाहती थी, यह तो इस ‘नक्सली भाभी’ के पकड़े जाने पर ही स्पष्ट हो पाएगा।
इस पूरे प्रकरण में मीडिया की भूमिका पर भी अब गंभीर प्रश्नचिन्ह लग चुका है, क्योंकि ये ‘नक्सली भाभी’ अपने आप को पीड़िता की असली भाभी के तौर पर अनेकों साक्षात्कार दे रही थी, और सोशल मीडिया में इस महिला द्वारा फैलाये गए अनेको भ्रम वाद-विवाद का विषय बन चुके हैं। मीडिया किस हद तक हाथरस कांड को भड़काने में लगा हुआ था, इस बात का अंदाज़ा आप इसी से समझ सकते हैं कि कैसे चित्रा त्रिपाठी जैसी पत्रकार इस ‘नक्सल भाभी’ की रक्षा करते हुए उसका घूँघट एडजस्ट करती [जब भी कैमरा उसकी तरफ मुड़ता], ताकि उसकी असली पहचान न उजागर हो जाये –
So the family that Priyanka & Rahul Gandhi were seen hugging & consoling was infiltrated by a naxal operative who posed as the victim's bhabhi, stayed in their home from 16th to 22nd Sept & has now mysteriously vanished!! The level of this conspiracy is horrifying!! #HathrasCase pic.twitter.com/eZSQISCPh2
— Priti Gandhi (Modi ka Parivar) (@MrsGandhi) October 10, 2020
हाथरस की नक्सली फर्जी भाभी की पहचान छुपाती एक क्रांतिकारी पत्रकार। जैसा कि मैंने पहले ट्वीट किया, नक्सली भाभी खुद नहीं आईं, कुछ क्रांतिकारी पत्रकार उन्हें लेकर आए। https://t.co/7toZXRQKLl https://t.co/HSCkNj9rtp
— Divya Kumar Soti (@DivyaSoti) October 10, 2020
इसी बीच अब पीड़िता की असली भाभी भी इस ‘नक्सल भाभी’ के बचाव में आगे आई हैं। उनके अनुसार, “वह हमारी रिश्तेदार है, उसका नाम राजकुमारी है। उसका 10 साल का लड़का है। उसका पति और परिवार भी है। जैसे मीडिया में बताया जा रहा है, ऐसा कुछ भी नहीं है। राजकुमारी की अपनी नौकरी भी है और वह जबलपुर में निवास करती है।”
दिलचस्प बात तो यह है कि ऐसी ही एक ‘भाभी’ ने पीड़िता के परिवार की ओर से खुलेआम उच्च जाति की लड़कियों को धमकियाँ भी दी थी। इस ‘भाभी’ के बयान के अनुसार, “उनके 2-4 लड़कियों [उच्च जाति के परिवार के लड़कियों] को उठाके ले आओ और उन्हें हमारे 6 आदमियों के साथ रहने को कहो। मैं पंचायत की ओर से हस्तक्षेप कर अपना फैसला सुना दूँगी। जो उन्होंने हमारी लड़की [हाथरस की पीड़िता] के साथ किया है, वो इनके साथ भी होना ही चाहिए। अपनी लड़कियों को छोड़ जाओ और देखो। हम इन ठाकुरों की अकड़ को मिट्टी में मिला देंगे!” –
These are the words of Naxal 0perative Bhabhi, full of poison, she came to incite tension among the whole UP.
Provoking for Rap€ in Uttar Pradesh @myogiadityanath #FakeNaxalBhabhi pic.twitter.com/OmrZgfGh7S
— Akshay Singh (@iakshaysinghel) October 10, 2020
अब ये ‘भाभी’ वही ‘नक्सली भाभी’ थी या नहीं, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन जिस प्रकार से हाथरस मामले के दांव पेंच निरंतर उजागर हो रहे हैं, उससे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि किस प्रकार एक आपराधिक मामले को एक विशाल जाति आधारित दंगे में परिवर्तित करने के लिए भारत विरोधी तत्वों ने कमर कस ली थी, लेकिन योगी सरकार की सतर्कता ने इस योजना को उड़ान भरने से पहले ही धम्म से ज़मीन पे गिरा दिया।