कांग्रेस अब डोडो पक्षी बनती जा रही है क्योंकि अब उसमें उड़ने की क्षमता रही नहीं, बल्कि वह धीरे-धीरे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच रही है l हाल हीं में हुए बिहार चुनाव व अन्य राज्यों के उपचुनाव के नतीजें तो यही कहानी बता रहे हैं l अब उसके सहयोगी दल भी परेशान हो चुके हैं और इसकी पुष्टि RJD नेता शिवानंद तिवारी का कांग्रेस पर ताज़ा बयान करता है l
तिवारी ने कांग्रेस को अब आड़े हाथों लिया है और उसे ‘विफलता का कारण’ बताने को कहा है। कांग्रेस ने महागठबंधन के तहत 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था पर इस पार्टी को अधिकांश सीटों पर हार मिली है। उनके बयानों को पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी पर निर्देशित किया गया था, जिन पर उन्होंने चुनाव प्रचार में उदासीनता दिखाने का आरोप लगाया ।
उन्होंने कहा कि, ‘बिहार चुनाव में गठबंधन के लिए कांग्रेस बाधा की तरह रही। चुनाव तो कांग्रेस ने 70 सीटों पर लड़ा, लेकिन 70 सभा भी नहीं कर पाये। प्रधानमंत्री मोदी राहुल गांधी से ज्यादा उम्रदराज हैं, लेकिन उन्होंने राहुल से ज्यादा रैलियां कीं। राहुल ने केवल 3 रैलियां क्यों कीं? ये दिखाता है कि कांग्रेस बिहार चुनाव को लेकर गंभीर नहीं थी। यह सही नहीं है। जब बिहार में चुनाव अपने चरम पर था, तब राहुल गांधी प्रियंका गांधी के साथ शिमला में पिकनिक मना रहे थे। क्या पार्टी ऐसे चलती है? कांग्रेस जिस तरह से चुनाव लड़ रही है, उससे बीजेपी को ही फायदा पहुंचा रही है’।
#WATCH: RJD leader Shivanand Tiwari speaks on #BiharResults, says "…elections were in full swing & Rahul Gandhi was on picnic at Priyanka ji's place in Shimla. Is party run like that? Allegations can be levelled that manner in which Congress is being run, it's benefitting BJP." pic.twitter.com/ZZXmndMJFh
— ANI (@ANI) November 15, 2020
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी तरफ से 70 सभा नहीं की गईं। पहले ये खबर थी कि प्रियंका गांधी बिहार आएंगी, लेकिन ये भी नहीं हुआ। जिन लोगों को बिहार से सरोकार नहीं था, वो लोग यहां आए।”
‘Prestige is in winning seats, not in bargaining for them. Don’t be a dictator, learn the quality of accommodation from the PM and the BJP.’
– Senior RJD leader Shivanand Tiwari lashes out at Rahul Gandhi for Bihar debacle. pic.twitter.com/G9HuMZl3fe
— BJP (@BJP4India) November 15, 2020
साथ ही शिवानंद तिवारी ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने विधानसभा सीटों को जीतने से ज्यादा केवल ज्यादा से ज्यादा सीटें लड़ने पर जोर दिया। जिस तरह से यूपी में कांग्रेस ने अखिलेश के साथ व्यवहार किया, महाराष्ट्र में वो राकांपा से ज्यादा सीटों पर कैसे लड़ी और उनसे कम सीटें जीती। उनका जोर ज्यादा सीटों पर लड़ने पर रहता है, पर वो ज्यादा संभावित सीटों पर जीतने में कामयाब नहीं हो पाते। कांग्रेस को इस बारे में सोचना चाहिए।’
अंदर खाने से उठ रही हैं, आत्मनिरीक्षण की माँग
कांग्रेस का दम पहले जैसा नहीं रहा। इस पार्टी के नेता भी इस बात को स्वीकार करने लगे हैं। अब कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी को आत्मनिरीक्षण की सलाह दे रहे हैं।
— Mahima Pandey (@Mahimapandey90) November 16, 2020
कपिल सिब्बल ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को बयान दिया था कि, ‘देश के लोग न केवल बिहार में, बल्कि जहां भी उपचुनाव हुए, जाहिर तौर पर कांग्रेस को एक प्रभावी विकल्प नहीं मानते l आखिर बिहार में एनडीए का विकल्प आरजेडी ही थी l हम गुजरात में सभी उपचुनाव हार गए, लोकसभा चुनाव में भी हमने एक भी सीट नहीं जीती थी l उत्तर प्रदेश के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में हुए उपचुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने 2% से भी कम वोट हासिल किए l गुजरात में हमारे तीन उम्मीदवारों ने अपनी जमानत खो दी l हालांकि, मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस इन सबकों लेकर आत्मनिरीक्षण करेगी।’
फ़िलहाल, यह बात किसी से छुपी नहीं है कि बिहार चुनावों में INC, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले गठबंधन की एक कमजोर कड़ी के रूप में उजागर हुई। कांग्रेस जो 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी केवल 19 सीटें ही जीत सकी, जो उसकी कमज़ोर होती छवि को दर्शाता है ।
तमिलनाडु में 2021 के विधानसभा चुनावों के लिए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और कांग्रेस ने गठबंधन किया है। हालांकि, डीएमके स्टालिन के करीबी सूत्रों का मानना है कि इससे द्रविड़ियन पार्टी को सीट बंटवारे के समझौते के दौरान अधिक लाभ मिलेगा l