जब अन्वय नाईक के आत्महत्या के मामले में फंसाकर उद्धव सरकार ने अर्नब गोस्वामी को जेल में ठूँसा था, तो उन्हें ऐसा लगा कि अर्नब के विरुद्ध अपनी भड़ास निकालने के लिए उनके हाथ तुरुप का इक्का लग गया है। लेकिन उन्हे क्या पता था कि यह तुरुप का इक्का उद्धव सरकार के गले का फँदा बन जाएगा। अब अन्वय नाईक से उद्धव सरकार, विशेषकर उद्धव ठाकरे के संबंधों पर भाजपा ने घेरना शुरू कर दिया है।
पूर्व सांसद और महाराष्ट्र भाजपा के कद्दावर नेता माने जाने वाले किरीट सोमैया ने आरोप लगाया है कि ठाकरे परिवार के अन्वय नाईक के परिवार से जमीन संबंधी मामलों को लेकर एक गहरा कनेक्शन है, और फलस्वरूप ठाकरे परिवार, विशेषकर उद्धव की पत्नी रश्मि और बेटे आदित्य ठाकरे पर भ्रष्टाचार में लिप्त रहने के आरोप भी लगाए हैं।
उद्धवजी ठाकरें पत्नी सौ रश्मी ठाकरे यांच्या करजत येथील जमीनी निवडणूक एफिडेविट मधे लपवल्या आहेत का?
श्री आदित्य ठाकरे ठाण्याचे प्रसिद्ध अजय आशर बिल्डर बरोबर पार्टनरशिप
मंत्री झाल्या त्यानंतरही दोन कंपनीचे मॅनेजिंग पार्टनर, ऑफिस ऑफ प्रॉफिटचा भंग @BJP4Maharashtra@Dev_Fadnavis pic.twitter.com/VdRlnocWr8
— Kirit Somaiya ( Modi ka Pariwar) (@KiritSomaiya) November 19, 2020
Today morning just, visited Korlai Village (Murud Raigad) CM Udhhav Thackeray & Ravindra Waikar Family Land ( they purchased from Anvay Naik Family) which is just opposite/near Sea Shore @BJP4Maharashtra @Dev_Fadanvis @ChDadaPatil @mipravindarekar pic.twitter.com/UfmBwgoVaq
— Kirit Somaiya ( Modi ka Pariwar) (@KiritSomaiya) November 20, 2020
इससे पहले 11 नवंबर को एक सनसनीखेज खुलासे में किरीट सोमैया ने कहा था कि उद्धव ठाकरे परेवार ने अन्वय नाईक परिवार के साथ जमीन को लेकर कुछ कान्ट्रैक्ट किए हैं, जिनमें वित्तीय अनियमितताएँ होने के आरोप हैं। उन्होंने इसके लिए मुरुद रायगढ़ से प्राप्त दस्तावेज़ के अंश भी सबके साथ साझा किए।
ठाकरे परिवार अन्वय नाईक परिवार जमीन व्यवहार •गाव- कोलेई तालुका- मुरुड जिल्हा- रायगड महाराष्ट्र शासन महसूल विभागाच्या वेबसाईटवर गाव नमुना ७/१२ प्रमाणे अक्षता व अन्वय नाईक, रश्मी उध्दव ठाकरे व मनीषा रवींद्र वायकर यांची नावे नव ठिकाणी दिसत आहेत. @BJP4Maharashtra@Dev_Fadnavis pic.twitter.com/w5PzrNQI96
— Kirit Somaiya ( Modi ka Pariwar) (@KiritSomaiya) November 11, 2020
पर अन्वय नाईक है कौन? आखिर उसका मामला उद्धव सरकार के गले की फांस क्यों बन रहा है? दरअसल, अन्वय नाईक एक इंटीरियर डिजाइनर था, जिसका पैसों के भुगतान को लेकर रिपब्लिक चैनल से विवाद चल रहा था। अंतत: अवसाद के कारण अन्वय ने 2018 में आत्महत्या कर ली थी, और अपने सुसाइड नोट में उसने अर्नब गोस्वामी सहित दो अन्य लोगों को इस पूरे प्रकरण के लिए दोषी ठहराया था।
अर्नब के खिलाफ जांच पड़ताल हुई, लेकिन सबूतों के अभाव में क्लीन चिट देते हुए मुंबई पुलिस ने तब एक क्लोज़र रिपोर्ट फ़ाइल की थी। अब 2020 में उसी रिपोर्ट की धज्जियां उड़ाते हुए रायगढ़ पुलिस की सहायता से मुंबई पुलिस ने पुनः मुकदमा खोलते हुए अर्नब गोस्वामी को न केवल हिरासत में लिया, बल्कि उन्हें घसीटते हुए पुलिस स्टेशन ले गए और उनके परिवार वालों के साथ बदसलूकी भी की गई।
इतना ही नहीं, अन्वय के आत्महत्या को अपना आधार बनाते हुए मुंबई पुलिस ने मानो तर्क और नैतिकता की धज्जियां उड़ाते हुए अर्नब के ऊपर धारा 306 के अंतर्गत मुकदमा चलाया, और तो और स्थानीय अलीबाग कोर्ट से स्वीकृति तक नहीं ली गई। जब ये बातें सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पहंची तो कोर्ट ने उद्धव सरकार और बॉम्बे हाई कोर्ट दोनों को आड़े हाथ लिया, और अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत देते हुए पुलिस को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।
लेकिन वहीं, दूसरी तरफ अन्वय नाईक के परिवार वालों की वर्तमान दशा को देखकर ऐसा तो बिल्कुल भी नहीं लगता कि उन्हें अन्वय की मृत्यु से कोई अंतर पड़ा हो। इसके अलावा शरद पवार के साथ अन्वय के संबंधियों की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे यह भी संकेत जाता है कि दाल में कुछ तो काला है।
अन्वय नाईक के रूप में मानो महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को अर्नब को घेरने के लिए एक सुनहरा अवसर मिला था, जिसका उन्होंने भरपूर फायदा भी उठाया। लेकिन जिस प्रकार से किरीट सोमैया ने अन्वय नाईक और ठाकरे परिवार के संबंधों की पोल खोली है, उससे स्पष्ट पता चलता है कि अब अन्वय नाईक से संबंध महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी और विशेष रूप से एनसीपी और शिवसेना के लिए बहुत भारी पड़ने वाला है।