देश के गृहमंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह पिछले काफी वक्त से कांग्रेस को नजरअंदाज कर रहे थे। कांग्रेस को लेकर उनकी तरफ से कोई बयानबाजी होती ही नहीं थी, लेकिन गुपकार समझौते में कांग्रेस के शामिल होने की खबर के बाद अमित शाह का गुस्सा सातवें आसमान पर चला गया है। कांग्रेस को लेकर शाह ने देशद्रोह तक के आरोप लगाए और सीधा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता राहुल गांधी को निशाने पर लिया। शाह का सवाल जायज़ भी है कि कांग्रेस देश के साथ है या नहीं।
कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर ईकाई द्वारा गुपकार गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने की बात देश में कांग्रेस के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। पार्टी की चौतरफ़ा फजीहत शुरू है गई है और उसके खिलाफ प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं। इस बीच बीजेपी के दिग्गज नेता और देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को निशाने पर ले लिया और इस गठबंधन को गुपकार गैंग बताकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अमित शाह ने अपने एक ट्वीट में कहा, “जम्मू-कश्मीर का गुपकार गैंग ग्लोबल हो गया है और वो विदेशी ताकतों को जम्मू-कश्मीर में हस्तक्षेप करने का न्योता दे रहा है, ये गैंग भारतीय तिरंगे का भी अपमान कर रहा है। क्या सोनिया जी और राहुल जी उनके इस कदम का समर्थन करते हैं? उन्हें इस मुद्दे पर अपना पक्ष देश के सामने सपाट शब्दों में रखना चाहिए।”
The Gupkar Gang is going global! They want foreign forces to intervene in Jammu and Kashmir. The Gupkar Gang also insults India’s Tricolour. Do Sonia Ji and Rahul Ji support such moves of the Gupkar Gang ? They should make their stand crystal clear to the people of India.
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) November 17, 2020
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 की बहाली के लिए गुपकार गठबंधन के नेता फारुक अब्दुल्ला चीन से मदद की बात कर चुके हैं। वहीं इस गठबंधन की एक और नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब तक अनुच्छेद-370 की बहाली नहीं हो जाती तब तक वो भारतीय तिरंगे को हाथ में नहीं लेगी। इस गठबंधन के सभी नेता राज्य में लगातार युवाओं को आतंकवाद की गतिविधियों के लिए भड़का रहे हैं।
गुपकार के ये नेता जब समझ गए कि वो कुछ नहीं कर सकते तो उन्होंने अब जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस ने इन्हीं नेताओं के गठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ने की बात कह दी है, जिसके चलते अब देश में कांग्रेस की फजीहत शुरू हो गई है। पहले ही कांग्रेस राजनीतिक रुप से लगातार अपने पतन की ओर है ऐसे में अब उसने इस गठबंधन की बात करके अपने लिए एक और गड्ढा खोद दिया है जो राजनीतिक रुप से उसके लिए सबसे ख़तरनाक साबित होगी।
कांग्रेस को देश में हर जगह से नुकसान ही हो रहा है। बिहार चुनाव इसकी परिणति ही है। ऐसे में कांग्रेस के लिए गठबंधन का ये फैसला और बीजेपी का इस मुद्दे पर बयान देना साफ जाहिर करता है कि अब बीजेपी इस मुद्दे को सही से भुनेगी और कांग्रेस पर सवालों के बाणों की बारिश करके उसे राजनीति की मृत शैय्या पर लिटा देगी। बीजेपी का ये सवाल लाजमी भी है कि कांग्रेस देश के साथ है या विदेशी ताकतों के साथ।