बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए के लिए पीएम मोदी जहां सबसे दमदार चेहारा साबित हुए हैं, तो वहीं, दूसरी ओर पीएम मोदी की ही नीतियों पर चलने वाले बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक गेम चेंजर के रूप में सामने आए हैं। बिहार विधानसभा चुनावों में स्टार प्रचारक की भूमिका निभाने वाले योगी ने अपना काम बखूबी किया है और चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो वो बीजेपी के लिए एक ट्रंप कार्ड साबित हुए हैं। यही कारण है कि बीजेपी नेताओं में पीएम मोदी के बाद सीएम योगी का नाम सबसे ऊपर आता है।
इसमें कोई शक नहीं है कि पीएम मोदी ने बिहार चुनाव में एनडीए की दशा और दिशा दोनों ही बदल दी थी, इसकी चुनाव नतीजों ने पुष्टि भी कर ही दी है, लेकिन इन नतीजों ने पीएम मोदी के अलावा बीजेपी में सीएम योगी के कद को भी बढ़ा दिया है। योगी आदित्यनाथ बीजेपी के स्टार प्रचारक के तौर पर बिहार में एनडीए के लिए ताबड़तोड़ प्रचार कर रहे थे। उन्होंने तीन चरणों के विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे बिहार में 18 रैलियां की और उनकी रैलियों वाली लगभग सभी सीटों पर बीजेपी-जेडीयू ने अपनी पकड़ मजबूत करते हुए विपक्ष के लिए हार का शोक मनाने की तैयारी कर दी थी।
सीएम योगी ने बिहार में 18 रैलियां की, ये रैलियां उन्होंने बख्तियारपुर, बिस्फी, कटिहार, केवटी, सीतामढ़ी, रक्सौल, वाल्मीकिनगर, झंझारपुर, लालगंज, दारौंदा, जमुई, काराकाट, गरिया कोठी, सीवान, अरवल, पालीगंज, तेरारी और रामगढ़ में की थीं। इन सभी सीटों पर बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत करते हुए पार्टी और गठबंधन की जीत सुनिश्चित कर दी थी।
सीएम योगी को एक फायरब्रांड नेता के रूप में जाना जाता है। योगी द्वारा उठाए गए मुद्दे लोगों को रोमांचित करते हैं। ऐसे में बीजेपी के नेताओं में योगी की चुनावी रैलियों की मांग सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में इस बार भी उनका बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान पहुंचना तय था। बिहार की चुनावी रैलियों में योगी ने जमकर प्रचार किया और बीजेपी के कोर एजेंडे अनुच्छेद-370 से लेकर राम मंदिर की सफलता के मुद्दे उठाए और अपनी छवि के अनुसार एनआरसी-सीएए को भी खूब भुनाया।
योगी ने इस बार जिन भी सीटों पर बिहार चुनाव के दौरान प्रचार किया था वो सभी सीटें बीजेपी के लिए फायदे का सौदा साबित हुई हैं। बीजेपी ने इन सभी सीटों पर जीत हासिल की है। जिससे बीजेपी को तगड़ा फायदा हुआ है। जमुई, पालीगंज, तरारी, अरवल वो सीटें हैं जिस पर 2015 में आरजेडी और कांग्रेस गठबंधन ने जीत दर्ज की थी परंतु इस बार बीजेपी को इन सीटों पर जीत मिली हैं।
सीएम योगी की ये छवि अब ऐसी बदली है कि जिस बीजेपी के कई बड़े नेता सीएम योगी के बयानों पर सहमती नहीं रखते थे वो भी अब योगी को अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए बुलाते हैं, जो कि उनके लिए एक बड़ी सफलता है। वहीं, बिहार चुनाव में योगी की सफलता और स्वीकार्यता ने ब्रांड योगी को राष्ट्रीय पहचान दी है, जो पार्टी के साथ ही उनके राजनीतिक करियर के ग्राफ को पहले से कहीं ऊंचे मुकाम पर ले जाएगी।
सीएम यागी के धुआंधार प्रचार ने बिहार चुनाव का पूरा गेम ही पलट दिया, और बीजेपी की बिहार जीत में उत्तर प्रदेश के इस मुख्यमंत्री का फायरब्रांड चेहरा बीजेपी के लिए तुरुप का इक्का साबित हुआ है। यही कारण है कि अब पीएम मोदी के बाद लोग सबसे ज्यादा सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम लेते हैं।