पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसकी पूरी दुनिया में कोई इज्ज़त नहीं है। अब यह इज्ज़त न होने का कारण क्या है, इसपर कोई रिसर्च तो नहीं किया गया है लेकिन दो कारण स्पष्ट नजर आते हैं। पहला अर्थव्यवस्था को बचाने के कारण लोन की भीख मांगते रहना, और दूसरा कारण आतंकवाद को प्रायोजित कर उसका प्रसार करने के लिए। इसी का एक नमूना हमें तब देखने को मिला जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अफगानिस्तान पहुंचे। उनके पहुंचने पर अफगानिस्तान की जनता ने कई तरह से विरोध प्रदर्शन किया। नारे, पोस्टर पर तो खुलेआम पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित कर दिया गया।
पोस्टरों के माध्यम से अफगानिस्तान के लोगों ने पाकिस्तान को “आतंकवाद का निर्माता, प्रायोजक और निर्यातक” करार देते हुए, काबुल की सड़कों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अफगानिस्तान की पहली यात्रा का विरोध करने बैठ गए थे। प्रदर्शनकारियों द्वारा पाकिस्तान की “दोहरी नीतियों” के विरोध वाले बैनर और पर्चे ले जाते देखा गया।”
Protest against Imran Khan in Afghanistan. Pak PM is on Afghanistan visit. https://t.co/Yfs9hgQMuv pic.twitter.com/dJBhBhXjXN
— Sidhant Sibal (@sidhant) November 19, 2020
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पाकिस्तान और इमरान खान दोनों के खिलाफ नारे लगाए। एक बैनरों में तो यह लिखा था कि, “पाकिस्तान आतंकवाद का निर्माता, प्रायोजक और निर्यातक है”।
पाकिस्तान की इतनी लोकप्रियता है कि विरोध प्रदर्शन सिर्फ काबुल में ही नहीं, बल्कि इमरान खान के दौरे के खिलाफ दक्षिणपूर्वी Paktia और Khost प्रांतों में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन देखे गए।
बता दें कि इमरान खान अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और अन्य अफगान नेताओं के साथ अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने के लिए अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर गुरुवार को काबुल पहुंचे। उनकी यात्रा ऐसे समय में हुई है जब दोहा में अफगान सरकार और तालिबान के बीच चल रही बातचीत के बावजूद अफगानिस्तान के अंदर हिंसा में वृद्धि हुई है।
In Kabul, Pakistani PM Imran Khan says Pakistan played its role in "getting the Taliban to talk to us and then intra Afghan talks" and please let us know if Pakistan can help in "reduction of violence"
— Sidhant Sibal (@sidhant) November 19, 2020
यह पहली बार नहीं जब पाकिस्तान को आतंकवादियों को खत्म करने और युद्धग्रस्त राष्ट्र में अस्थिरता पैदा करने के लिए दोषी ठहराया गया हो। कई मौकों पर ये देखा गया है। आज भी पाकिस्तान लगातार तालिबान की मदद कर रहा है और उसे शरण देता है जो लाखों निर्दोष नागरिकों की हत्या का दोषी है। हालांकि, इस्लामाबाद यह दावा करता है कि वह अफगानिस्तान में शांति का समर्थन करता है।
पाकिस्तान अफगानिस्तान को अस्थिर करने का एक मौका भी नहीं छोड़ता है और यह 1970 के दशक से ही जारी है। पाकिस्तान ने ही अफगानिस्तान और सोवियत संघ के खिलाफ 250 हजार मुजाहिदीनों की ट्रेनिंग के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल करने दिया, जो 40 अलग-अलग इस्लामिक देशों से आए थे। उसके बाद सोवियत अफगान युद्ध से आए रिफियूजियों को शरण दिया, और उन्हें अपने मदरसों में पढ़ा कर अफगानिस्तान के खिलाफ तालिबान मूवमेंट शुरू करने की प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान की। तब अमेरिका और कई देशों ने लाखों डॉलर पाकिस्तान को मदद के रूप में दिए, लेकिन पाकिस्तान ने उन्हीं रुपयों का इस्तेमा अपने देश में आतंकियों के ब्रीडिंग ग्राउंड को तैयार करने में खर्च किया जिसका परिणाम आज भी देखा जा सकता है। 2007 में, अफगान खुफिया ने तालिबान के प्रवक्ता मुहम्मद हनीफ को पकड़ लिया था। पूछताछ के दौरान, हनीफ ने दावा किया कि तालिबान के लीडर को ISI के संरक्षण में ही क्वेटा शहर के अंदर रखा गया था।
पाकिस्तान के आतंक परस्ती के कारण ही पूरी दुनिया में उसकी भद्द पिटती है। इससे पहले जब इमरान खान अमेरिका गए थे तब कोई भी अमेरिकी प्रशासन का बड़ा अधिकारी उन्हें लेने के लिए मौजूद नहीं था। यही नहीं इमरान खान को सार्वजनिक बस का भी उपयोग करना पड़ा था। सऊदी में भी बेइज्जती का स्वाद वो चख चुके हैं। सऊदी अरब के बाद चीन ने भी की सरेआम पाकिस्तान की बेइज्जती की थी।
Wait. Pakistani PM Imran Khan had to take one of those horrible people-movers at Dulles airport??
(no sign of Gen. Bajwa in the arrival video) pic.twitter.com/TGxSLqqj3Z— Tanvi Madan (@tanvi_madan) July 21, 2019
यानि बेइज्जतीयों और इमरान खान का पुराना नाता रहा है और इस बार विरोध प्रदर्शन सिर्फ इमरान खान ही नहीं, बल्कि पूरे पाकिस्तान के खिलाफ था। यह शर्मनाक है कि अफगानिस्तान में भी पाकिस्तान की इस प्रकार से बेइज्ज़ती का सामना करना पड़ रहा है। अगर अब भी पाकिस्तान ने कुछ नहीं सीखा, उसकी हालत किसी जोकर देश से कम नहीं होगी।