देश की आर्थिक राजधानी में अब कभी भी किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता है, रिपब्लिक टीवी के पत्रकार अर्नब गोस्वामी की क्रूरतापूर्ण गिरफ्तारी इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। मीडिया जो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होता है, जब उसके साथ ही देश की आर्थिक राजधानी में इस तरह की कार्रवाई होगी तो आम लोगों के साथ क्या सलूक होगा और ये सलूक कोई पहली बार नहीं हुआ है बल्कि जब से राज्य में सरकार बदली है तब से मुंबई की साख लगातार गिरती जा रही है।
रिपब्लिक टीवी के पत्रकार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ मुंबई पुलिस काफी भड़की हुई है और इसीलिए सुबह तड़के हुई उनकी गिरफ्तारी ने पूरे देश को सन्न कर दिया है कि आखिर मुंबई पुलिस करना क्या चाहती है। सभी ने देखा है कि किस तरह से अर्नब ने पालघर हिंसा से लेकर सुशांत सिंह राजपूत का मामला कितनी मुखरता से चलाया है और उसके बाद लगातार मुंबई पुलिस उन पर आरोप लगाती रही है।
मुंबई को भारत देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है, जो कभी सोती नहीं है लेकिन शायद वहां अब लोकतंत्र को सुलाने की साजिश हो रही हैं। निवेश से लेकर व्यापार बढ़ाने तक में लोग मुंबई को अपनी पहली पसंद मानते हैं। देश के सभी बड़े व्यापार यहीं से चलते हैं। इन सब के बावजूद जब से सरकार बदली है लोगों के मन में ये डर है कि सरकार के खिलाफ बोलना कहीं भारी न पड़ जाए और आने वाले समय में इसके बुरे परिणाम देखने को भी मिल सकते हैं। इसी कारण अब आर्थिक मामलों में आगे दिखने वाली मुंबई विवादों का केन्द्र बन चुकी है।
इससे पहले भी रिपब्लिक के 1000 पत्रकारों पर केवल इसलिए एक्शन हुआ क्योंकि अर्नब के रिपब्लिक नेटवर्क ने मुबंई पुलिस की गलत नीतियों समेत महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ रिपोर्टिंग की। इतने आरोपों के बावजूद जब मुंबई पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकी तो 2018 के पुराने बंद हो चुके केस में अर्नब को क्रूरता से गिरफ्तार कर लिया।
मुंबई पुलिस का ये रवैया केवल अर्नब के साथ ही नहीं बल्कि हाल में उसके खिलाफ बोलने वाले हर शख्स के साथ ऐसा ही रहा है। सुशांत सिंह राजपूत के मामले में भी मुंबई पुलिस ने सुशांत के परिवार के साथ कुछ ऐसा ही किया था। पालघर में हुई संतो की हत्या पर भी मुंबई पुलिस का रवैया संदेहास्पद था।
मुंबई में सरकार बदलने के साथ ही अस्थिरता आ गई है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सवालों के घेरे में हैं। अर्नब की गिरफ्तारी समेत सभी मामलों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद ये आरोप लगने लगे हैं कि सरकार के खिलाफ बोलने वालों पर मुंबई पुलिस बदले के तहत कार्रवाई कर रही है। ये मामला तब भी उठा था जब अभिनेत्री कंगना रनौत के महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बोलने पर उनके बंगले का एक हिस्सा 24 घंटों के अंदर तोड़ दिया गया था।
महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद जिस तरह से मुंबई पुलिस द्वारा हर दिन विवादित कार्रवाइयां की जा रही हैं उससे महाराष्ट्र और खासकर मुंबई की साख पर बट्टा लगा है। लोगों के मन में इस शहर के प्रति असंतोष व्याप्त हो गया है और जिन लोगों ने इस शहर को इतनी पहचान दिलाई है वो भी इस शहर के प्रशासन और पुलिस से नाराज हो रहे हैं। जो दिखाता है कि मुंबई की छवि महाराष्ट्र सरकार ने किस हद तक खराब कर दी है।