कहते हैं कि दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है! लेकिन पाकिस्तान का मामला थोड़ा अलग है। छाछ पीने का उसके पास विकल्प ही नहीं है और दूध की जलन झेलना उसकी अब मजबूरी बन चुका है। दरअसल, घटिया चीनी फाइटर जेट्स का बोझ झेल रहे पाकिस्तान ने अब दोबारा चीन से करीब 30 J-10(CE) फाइटर जेट्स खरीदने का फैसला लिया है, ताकि वह भारतीय सुरक्षा बलों के बढ़ते खतरे से निपट सके!
हैरानी की बात तो यह है कि यह खबर उसी दिन आई है जब पाकिस्तान को चीन से खरीदे गए 40 प्रतिशत JF-17 फाइटर जेट्स को “तकनीकी खराबी” के कारण “Ground” करना पड़ा है। भारत-पाकिस्तान के विवाद के कारण कोई भी बड़ा Arms Exporter देश पाकिस्तान को हथियार सप्लाई करने से घबराता है, जिसका फायदा उठाकर चीन हर बार पाकिस्तान को घटिया गुणवत्ता के जेट्स थमा देता है और एक आदर्श गुलाम की तरह पाकिस्तान भी दोबारा चीन से ही हथियार खरीदने पहुँच जाता है।
चीन से खरीदे गए JF-17 जेट्स पाकिस्तानी सेना के लिए किसी बोझ से कम नहीं है। इन जेट्स के Canopy Electrical System में खराबी आ गयी है, जिसके कारण विमान के क्रैश होने की स्थिति में पायलट के लिए अपने आप को eject कर पाना बेहद मुश्किल होगा! जेट्स के Fuselage(विमान का ऊपरी हिस्सा) में भी दरारें पैदा हो रही हैं, क्योंकि इन जेट्स का डिज़ाइन सही से तैयार नहीं किया गया है। इन गंभीर दिक्कतों के कारण इन फाइटर जेट्स का जल्द ही सर्विस में लौटना मुश्किल दिखाई दे रहा है। ऐसे में अब पाकिस्तानी सेना ने नए फाइटर जेट्स खरीदने का ऐलान किया है, वो भी चीन से ही!
अब पाकिस्तान चीन से J-10(CE) फाइटर जेट्स खरीदेगा! चीन दावा करता है कि यह 4.5 जनरेशन का फाइटर जेट है। पाकिस्तानी सेना को लगता है कि वह इन जेट्स की सहायता से भारत के राफेल को चुनौती दे सकेंगे, लेकिन असल में खुद चीन के पास भी ऐसा कोई आधुनिक फाइटर जेट नहीं है, जो रणक्षेत्र में राफेल के सामने टिक पाये। अपनी एक रिपोर्ट में हम राफेल और चीन के सबसे आधुनिक जेट चेंगड़ू के बीच एक तुलना के माध्यम से इनके बीच का अंतर पहले ही सिद्ध कर चुके हैं। भारत को 5 राफेल लड़ाकू विमान तो पहले ही मिल चुके थे, तीन और लड़ाकू विमान 5 नवम्बर को गुजरात के जामनगर एयरबेस पर पहुँच चुके हैं। पाकिस्तान की सबसे बड़ी चिंता है राफेल में तैनात air to air Meteor missile और air to ground Mica missile! क्योंकि पाकिस्तान के पास इन मिसाइलों का कोई जवाब है ही नहीं।
यहाँ यह भी सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान चीन के अलावा किसी अन्य देश से हथियार क्यों नहीं खरीदता है। इसका साधारण सा उत्तर यह है कि कोई अन्य देश पाकिस्तान को हथियार बेचता ही नहीं है। उदाहरण के लिए हाल ही में रूस की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि वह भारत की चिंताओ को देखते हुए पाकिस्तान को कोई हथियार नहीं बेचेगा! यही रुख भारत के अन्य साथियों का भी है। फ्रांस, अमेरिका, इटली, जर्मनी और UK जैसे देश भी पाकिस्तान को कोई हथियार नहीं बेचते हैं। ऐसे में बेचारे पाकिस्तान को चीन के अलावा कोई और विकल्प दिखाई ही नहीं देता है। चीन को भी यह बात पता है और इसीलिए वह हर बार उसे Typical Made-in-China माल सौंप देता है! अब जब पाकिस्तान ने चीन से और नए fighter jets खरीदने का मन बनाया है, तो हम पाकिस्तान को यही कहना चाहेंगे- “Good luck Pakistan”