साल 2020 में आई वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के कारण लोगों के मन में ये धारणा बन गई है कि इस वर्ष कुछ भी अच्छा नहीं हुआ है, लोग इस वर्ष को अपने जीवन की यादों में शामिल ही नहीं करना चाहते हैं। उनके मन में ये वर्ष नकारात्मकता का एक समंदर भरकर गया है जिससे लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि 2020 में सब-कुछ खराब ही हुआ है। कुछ काम भारत और विश्व में ऐसे हुआ हैं जो हमें हमेशा सुखद अनुभव देंगे और हम जब उन्हें याद करेंगे तो वो सकारात्मक ही होगा।
WHO का असल चेहरा
कोरोनावायरस को लेकर इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन का असल पक्षपाती चेहरा सबके सामने आ गया, जिसने पहले कोरोना को हल्के में लिया, और चीन को इस वायरस के आरोपी बनने में संरक्षण दिलवाया। वहीं, जब इस वायरस से बाद में हालात बेकाबू होने लगे तो लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया। कई देशों ने खुलकर इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की आलोचना की है। अमेरिका ने WHO को फंडिंग तक देने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही पूरी दुनिया में इस बात पर चर्चा होने लगी कि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत पूरे संयुक्त राष्ट्र संघ में कुछ विशेष सुधारों की आवश्यकता है।
राम मंदिर की आधारशिला
कोरोनावायरस जैसे मुश्किल दौर में भी भगवान श्रीराम का शुभ कार्य इस वर्ष 5 अगस्त को संपन्न हो गया। 500 सालों से भारत का बहुसंख्यक हिंदू समाज अपने ईष्ट भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर मंदिर बनाने के लिए संघर्ष करता रहा, और फिर 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा सुनाए गए सर्वसम्मति के फैसले में राम लला को पूरी जमीन दे दी गई। इसके मंदिर निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं एक यजमान के तौर पर रखी जिससे नरेंद्र मोदी भारत के सांस्कृतिक इतिहास में सदा के लिए दर्ज हो गए।
प्रदूषण मुक्त कमी
पर्यावरण का दोहन इंसान ने अपना हक मान लिया था लेकिन इस वर्ष जब प्रकृति नाराज हुई तो उसने पहली बार लोगों को घरों में लॉकडाउन के चलते कैद कर दिया। देश की नदियों को प्रवाह शुद्ध होने लगा। वातावरण में हमेशा ही दिखने वाली कालिमा खत्म हुई तो साफ नीला आसमां दिखने लगा जिसकी उम्मीद सभी ने छोड़ ही दी थी। पर्यावरण के कम दोहन के कारण लोगों को प्रकृति के थोड़ा करीब जाने का मौका मिला, जो कि भविष्य में याद रखा जाएगा।
अपराध और दुर्घनाओं में कमी
लॉकडाउन के कारण अपराध में एक भारी कमी दर्ज की गई है जो कि एक सकारात्मक शुरुआत माना जा सकता है। इसके साथ ही जब सड़कें हाइवे खाली थे, तो उन पर होने वाले खतरनाक सड़क हादसे खत्म हो गए। भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी नए आंकड़ों में सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2018 के दौरान 0.46 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 में हुई 4,64,910 की तुलना में इस वर्ष 4,67,044 सड़क दुर्घटनाएं देखने को मिली हैं। वहीं ये उम्मीद की जा रही है कि इस साल इसमें भारी कमी दर्ज होगी।
परिवार के लिए समय
आज के डिजिटल दौर की जिंदगी में किसी भी शख्स के पास परिवार के लिए समय नहीं होता है। बच्चों का माता-पिता से संवाद लगभग शून्य ही हो चुका था, लेकिन कोरोना काल के इस लॉकडाउन के कारण वो सारी दूरियां मिट गईं। लोगों ने अपने परिजनों के साथ वो महत्वपूर्ण समय बिताया है जिसकी कल्पना करना नामुमकिन था। लोग अपने बचपन में पहुंच गए, और अपने पुराने परिजनों के साथ फिर उन दिनों को याद करने लगे।
बचत की सोच
लोगों में बचत की सोच बिल्कुल खत्म हो गई थी, लेकिन इस कोरोनाकाल की आर्थिक तंगी ने लोगों को एक बार फिर बचत करना सिखाया है। लोगों ने अपनी गलतियों से सीख लेते हुए अब बचत करने की रणनीति फिर से तैयार कर ली है। भारतीय समाज के एक बड़े वर्ग ने सीमित पैसों को जरूरत के अनुसार खर्च करके एक बड़ी बचत की है और वो लोग अब इस नियम को अपने सामान्य जीवन में उतारने की कोशिश खर रहे हैं जो कि 2020 में लोगों की बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
ये वो चंद मोटी बातें हैं जो 2020 को खास बनाती हैं लेकिन इनके अलावा प्रत्येक व्यक्ति के लिए 2020 कुछ ऐसा देकर गया है जो वो बुरे से नहीं बल्कि सकारात्मकता के नजरिए से याद रखेगा।