एक कहावत हैं कि तुम जो गड्ढा दूसरे के लिए खोद रहे हो,उसमें खुद भी गिर सकते हो, जो कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती है, क्योंकि कैप्टन साहब अब किसान आंदोलन को लेकर गृहमंत्री अमित शाह से मिले हैं और उन्होंने इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। ये वही कैप्टन हैं जो केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे थे और कह रहे थे कि किसान को खालिस्तानी कहना गलत है। अब उन्हें अपनी ही बात को नजरंदाज करना पड़ रहा है। कैप्टन पंजाब से किसान आंदोलन के जरिए पूरे देश में कांग्रेस के लिए लहर स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनके कुकर्मों के कारण वो ही सवालों के घेरे में आ गए हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने देश के गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान आंदोलन का हल जल्दी निकालने की मांग की है। कैप्टन ने गृहमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया में कहा, “मैंने गृहमंत्री से किसान आंदोलन की मांगों को जल्द ही हल करने की मांग की है क्योंकि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर पंजाब की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है, जो कि एक चिंताजनक बात हो सकती है।” कैप्टन अमरिंदर ने लगातार केंद्र सरकार से मांग की है कि वो किसानों से बात करे और आंदोलन को खत्म करवाए।
Discussion is going on between farmers & Centre, there's nothing for me to resolve. I reiterated my opposition in my meeting with Home Minister & requested him to resolve the issue as it affects the economy of my state & security of the nation: Punjab CM Captain Amarinder Singh https://t.co/OPfQWdyPCL pic.twitter.com/6T4gxMuydo
— ANI (@ANI) December 3, 2020
इसमें कोई शक नहीं हैं कि पंजाब के किसानों का ये आंदोलन कांग्रेस की देन ही है। पूरे देश में कहीं भी संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों का विरोध नहीं हो रहा था, ये सारा विरोध केवल पंजाब में ही हुआ है। पूरे देश में कांग्रेस की एक मात्र मजबूत सरकार पंजाब में है, इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों को भड़काकर पार्टी के लिए राष्ट्रीय माहौल बनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन पर ही ये आंदोलन भारी पड़ गया है क्योंकि किसान आंदोलन से लगातार देश विरोधी बयान सामने आ रहे है।
एक समय जब मीडिया में यह कहा जा रहा था कि किसानों के आंदोलन को अलगाववादी ताकतों और खालिस्तानी संगठन द्वारा हाईजैक कर लिया गया है तो यही कैप्टन अमरिंदर सिंह मीडिया समेत तटस्थ लोगों को खरी-खोटी सुनाते हुए उन बूढ़ी माताओं और बच्चों का जिक्र करते थे जो कि इस आंदोलन में बहका कर लाए गए थे। लेकिन अब सच्चाई सामने आने लगी है और सिंघु बॉर्डर पर दिखने लगा है कि ख़ालिस्तान समर्थकों ने भी अपने ट्रैक्टर खड़े कर दिए गए हैं ट्रैक्टरों में ak-47 बनी हुई है। इस मामले में मीडियाकर्मियों ने खबर भी दिखाई , जी न्यूज के रिपोर्टर को तो खबर दिखाने के दौरान परेशानी भी हुई।
ये सब देखकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को एहसास हो गया है कि उनका राजनीतिक एजेंडा असल में देश विरोध की ओर निकल चुका है, जिसके चलते अगर कोई भी अप्रिय घटना पंजाब या देश के अन्य किसी भी राज्य में होती है तो सीधी जिम्मेदारी उन पर भी आएगी। इसलिए अब वो खुद ही चाहते हैं कि जल्द से जल्द ये आंदोलन खत्म हो जाए। उन्हें भी पता है कि अगर ये आंदोलन इसी तरह बढ़ता रहा तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
हम आपको अपनी रिपोर्ट में बता चुके हैं कि किस तरह से पंजाब के इन किसानों के बीच से लगातार खालिस्तान के समर्थन में आवाजें उठ रही हैं जो न केवल किसानों के आंदोलन की विश्वसनीयता को सवालों के घेरे में ला रही हैं बल्कि कांग्रेस को भी मुसीबत में डाल रही हैं; क्योंकि पंजाब कांग्रेस इस आंदोलन में किसानों का बढ़-चढ़कर समर्थन कर रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों के नाम पर मोदी सरकार के खिलाफ जो चाल चलने की कोशिश की थी, वो अब उन पर ही भारी पड़ी है और वो सवालों के घेरे में आ गए हैं।