किसी भी देश की राजनीतिक पार्टी की देश को लेकर कुछ नैतिक सीमाएं होती हैं कि कुछ भी हो जाए लेकिन देश हित में उन सीमाओं के अंदर रहते हुए ही राजनीतिक बयानबाजी और विरोध करना है, लेकिन क्या ये सारे नियम देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी पर लागू नहीं होते हैं? कांग्रेस की असम ईकाई का ट्विटर हैंडल किसानों के समर्थन में इतना आगे निकल गया कि भारतीय नक्शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख तक से ही छेड़छाड़ कर बैठा है जो दिखाता है कि ये पार्टी अब देश हित और संप्रभुता के मुद्दों पर खिलवाड़ करने में भी पीछे नहीं हटेगी।
किसानों के मुद्दे और उनके आंदोलन को अपना समर्थन देने में कांग्रेस के नेता और सोशल मीडिया हैंडलर्स इतना आगे निकल गए हैं कि उन्हें ये भी परवाह नहीं रही कि वो भारतीय संप्रभुता का ध्यान रख सकें। असम कांग्रेस की ईकाई ने 8 दिसंबर को किसानों के समर्थन में जो ट्वीट किया वो दिखाता है कि कांग्रेस मोदी विरोधी मुहिम में अंधी हो चुकी है। कांग्रेस द्वारा ट्वीट किए गए इस नक्शे में एक तरफ पीओके को हटा दिया है, तो दूसरी ओर 1962 में चीन द्वारा कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र यानी आक्साई चीन के हिस्से और लद्दाख को भी भारतीय नक्शे से बेदखल कर दिया गया है, जो कि शर्मनाक है। पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के रहते पहले ही 1962 में लद्दाख और जम्मू-कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा चीन के पास जा चुका है, रही बची कसर कांग्रेसी ट्विटर हैडल पूरी कर रहे हैं।
पीओके को लेकर देश की संसद के दोनों सदनों ने 22 फरवरी,1994 को ध्वनिमत से पारित एक प्रस्ताव में पीओके पर अपना हक जताते हुए कहा था कि ये भारत का अटूट अंग है। पाकिस्तान को उस भाग को छोड़ना होगा जिस पर उसने कब्जा जमाया हुआ है। यही नहीं, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पीओके को वापस लेने के साथ ही अक्साई चीन को भी हासिल करने की बात करते है लेकिन कांग्रेस का रवैया इन सबसे अलग है।
कांग्रेस की नीतियों को लेकर हमेशा ही सवाल उठते रहें हैं कि पीओके से लेकर 1962 के चीन युद्ध में कांग्रेस की सरकारों का रवैया है। इसलिए अब कांग्रेस उस पूरे मामले को ही समाप्त करने की ओर बढ़ने लगी है और शायद उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि पीओके और अक्साई चीन अब भारत के नहीं हैं। ये भारत की संप्रभुता और अखंडता के साथ एक खिलवाड़ है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आए दिन पीएम मोदी को चीन के मुद्दों पर सवालों के घेरे में लाने की नौटंकी करते हैं जबकि कांग्रेस की नीतियों की असलियत उनकी ही पार्टी के नेताओ के कर्मों द्वारा बाहर आ ही जाती है।
कांग्रेस अपने मोदी विरोधी एजेंडे पर काम करते हुए इतना आगे जा चुकी है कि उसे देश की अखंडता, संप्रभुता, और छवि से कोई फर्क नहीं पड़ता है और ये कांग्रेस के लिए ही मुसीबत का सबब होगा।