किसी भी आंदोलन का एक मुख्य मुद्दा होता है लेकिन किसानों ने अपना मुद्दा ही खो दिया है। उनका आंदोलन एमएसपी से शुरू हुआ और अब राजनीतिक हो गया है। इसमें लॉकडाउन, मास्क पहनने की टिप्पणी, वैक्सीनेशन की मनाही और विकास के लिए जरूरी 5G जैसे मुद्दों पर विरोध हो रहा है। ये सारे ऐसे मुद्दे हैं जिन पर मोदी सरकार तीव्रता से काम करने की तैयारी कर रही है और इसी मुद्दे पर यह लोग विरोध की नौटंकी कर रहे हैं जो दिखाता है कि किसानों के नाम पर शुरू हुआ आंदोलन असल में मोदी विरोध के अपने मूल सिद्धांत पर पहुंच गया है।
Say No To Technology
Say No To Lockdown
Say No To Vaccine
Say No To Forced Testing
Say No To Masks, Yes To HugsIn mein se kon kon se point the farmers bill mein??#Farmers_With_Modi_Ji #FarmerProtestHijacked #धन्यवाद_नरेंद्र_तोमर pic.twitter.com/XUxkyA2zLT
— DEVANSH 🕉️ (@thedevanshkumar) December 14, 2020
पंजाब हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल कर तथाकथित आंदोलन के नाम पर अराजकता फैला रहे हैं। इस आंदोलन की शुरुआत में किसानों ने डर जाहिर किया था कि उनकी फसल पर मिलने वाला एमएसपी केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के बाद खत्म हो जाएगा, जिसको लेकर मोदी सरकार ने लिखित बयान दे दिया है कि एमएसपी खत्म नहीं होगा। इसके बावजूद ये लोग प्रतिदिन किसी नए मुद्दे के साथ मैदान में सामने आ जाते हैं जो दिखाता है कि ये लोग किसानों के मुद्दों से ज्यादा मोदी सरकार के फैसलों पर विरोध करने में दिलचस्पी रखते हैं।
इस समय किसान आंदोलन में रिलायंस जिओ के बहिष्कार का मुद्दा तेजी से उठा है। आंदोलन के बीच पोस्टरों में साफ देखा गया है कि लोग जियो के 5G प्रोजेक्ट को असफल करना चाहते हैं। ये मोदी सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन की आलोचना कर रहे हैं और इसे एक धूर्त फैसला बता रहे हैं। इस साल मार्च के अंत से लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन को लेकर इन किसानों ने अपने पोस्टरों में लिख रखा है कि यह लॉकडाउन लगाना अनैतिक और असंवैधानिक था, जो कि एक चौंकाने वाली बात है। साथ ही ये लोग पर्यावरण की सुरक्षा के मुद्दे पर भी किसी की कोई बात नहीं सुनना चाहते हैं जो कि इनके हठ को जाहिर करता है।
Just 1 day ago Jio announced it's 5G plan and Jio is the biggest rival of Chinese Huawei because it's the only company in the world who made it's 5G from the scratch without a single Chinese component.
Today in Farmers Protest they announced to boycott Jio nationwide.
Strange?
— Abhishek Sharma (@Wo_Sharma_Ji) December 9, 2020
यही नहीं, एक तरफ जहां डॉक्टर वैश्विक महामारी के दौर में मास्क लगाकर रहने की सलाह दे रहे हैं तो ये लोग मास्क को बैन करने की बात कर रहे हैं। कोरोनावायरस के खिलाफ ये लोग किसी भी तरह की वैक्सीन भी नहीं लगवाना चाहते हैं। कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए लगातार की जा रही टेस्टिंग भी इन्हें चुभ रही है। ये लोग मास्क नहीं लगाना चाहते हैं और आपस में बिना किसी रोक-टोक सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा कर एक दूसरे को फ्री की झप्पी देना चाहते हैं। इनके पोस्टर के जरिए सामने आई इनकी ये सारी बेहूदा मांगे बताती हैं कि ये महामारी को लेकर कितने असंवेदनशील है।
कोरोनावायरस की वैक्सीन, उसके रोकथाम के लिए टेस्टिंग, विकास के लिए जरूरी 5G नेटवर्क, सभी देश के लिए बेहद जरूरी है और इस मुद्दे पर देश की मोदी सरकार जोर-शोर से काम भी कर रही है। इन मुद्दों पर मोदी सरकार का विरोध विपक्षी पार्टियां करती हैं, लेकिन अब उन विपक्षी पार्टियों की जगह इन किसानों ने ले ली है, जो दिखाता है कि ये किसान आंदोलन केवल राजनीतिक विरोध के कारण शुरू किया गया था और अब यह अपने मूल सिद्धांत पर पहुंच गया है जो कि केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत और उनकी सकारात्मक नीतियों के बावजूद उनके विरोध से जुड़ा है।