विश्व भर में बेशर्मी से भीख मांगने के लिए कुख्यात पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी फटी हुई झोली फैलाई है, और इस बार चीन से वैक्सीन के लिए। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान चीन से Sinovac की 12 लाख वैक्सीन डोज़ खरीदने के लिए तैयार है, और इसके लिए पाकिस्तान ने आवश्यक प्रबंध भी किए हैं। पर आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तानी ही इस वैक्सीन को लगाने से कतरा रहे हैं। ऐसे में ये सवाल तो उठता है कि आखिर ये वैक्सीन लगायेगा कौन?
दरअसल, ट्विटर पर विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी हुसैन ने ट्वीट किया, “पाकिस्तान सरकार ने 1.2 मिलियन वैक्सीन डोज़ चीन के Sinopharm से खरीदने को स्वीकृति दी है। ये डोज़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को 2021 के पहले क्वार्टर में दी जाएगी”।
पाकिस्तान उसी वैक्सीन को खरीदने के लिए इतना हाथ पाँव मार रहा है, जिसे चीन के नागरिक तो छोड़िए, खुद पाकिस्तान के नागरिक तक लगाने को तैयार नहीं है। पाकिस्तान के लोगों को ही चीन की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है।
इतना ही नहीं वैक्सीन में उपयोग किए जाने वाले पोर्क जिलेटिन के कारण इस्लामिक जगत दो धड़ों में बंट चुका है, और इसका असर पाकिस्तान पर न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। इस तरह के किसी भी बदलाव या आवश्यकताओं से मुसलमानों में उन्हीं को सबसे अधिक समस्या होती है जो नए-नए इस्लाम में परिवर्तित हुए हैं। भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और बांगलादेश में ऐसे मुसलमानों की संख्या अधिक है और ये अधिकतर समय इस्लामिक क़ानूनों को कट्टरता से पालन कर अपनी वफादारी दिखाने की कोशिश में जुटे रहते है। ऐसे में पाकिस्तान की जनता ऐसी किसी भी वस्तु को हाथ नहीं लगाना चाहेगी, जो इस्लाम के लिए हराम हो।
लेकिन पाकिस्तान की सरकार की भी अपनी मजबूरी होगी। इस समय चीन के अलावा कोई और देश नहीं है जो पाकिस्तान को सस्ते दरों पर वैक्सीन उपलब्ध करा सके। स्वयं पाकिस्तानी सरकार स्वीकार कर चुकी है कि उसके पास वैक्सीन खरीदने तक के पैसे नहीं है। पाक सरकार भले ही वुहान वायरस के वैक्सीन को लेकर जनता को वादों का झुनझुना पकड़ा रही है, लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही है।
पाकिस्तान सरकार की पोल खोलते हुए पत्रकार रउफ कलसारा नाम के राजनीतिक विश्लेषक ने बहस के दौरान साफ कह दिया कि उनकी वरिष्ठ पाकिस्तानी केंद्रीय मंत्री तक से कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेकर बातचीत हुई है और उन्होंने वैक्सीन के आने की संभावनाओं को सिरे से ख़ारिज कर दिया है। पाकिस्तानी पैनलिस्ट ने कहा कि हम छोटे देश है़ं हमें कोई भी वैक्सीन नहीं देगा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के पास अपने देश के नागरिकों के लिए वैक्सीन खरीदने के पैसे नहीं हैं, और अगले दो सालों तक पाकिस्तान को वैक्सीन के बारे में नहीं सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सरकार अपनी आवाम को भ्रम की स्थिति में रख रही है और झूठ बोल रही है जबकि देश की आर्थिक हालत बेहद ही बुरी है। अमेरिकी कंपनी के वैक्सीन देने के सवालों पर उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनी के लोगों ने पाकिस्तान को बात तक करने का मौका नहीं दिया है।
ऐसे में पाकिस्तान के पास चीन से वैक्सीन खरीदने के अलावा कोई और उपाय बचा ही नहीं है। लेकिन चीन के सामानों को लेकर पाकिस्तानियों में अब विरोधाभास स्पष्ट दिखने लगा है, और कोई हैरान नहीं होगा यदि पाकिस्तान के निवासी खुलेआम चीनी वैक्सीन का विरोध करें। ऐसे में इमरान खान सरकार के लिए एक सवाल है – जब कोई वैक्सीन लगाएगा ही नहीं, तो या घोड़ों और गधों के लिए सरकार ने वैक्सीन मँगवाई है?