पश्चिम बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत उनके काफिले पर जो हमला हुआ है उससे ममता सरकार की मुसीबतें बढ़ सकती है। मोदी सरकार इस मसले पर सक्रिय हो गई है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार के दो शीर्ष अफसरों से रिपोर्ट मांगी है। यही नहीं, गृहमंत्री अमित शाह इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं और सख्त कार्रवाई की बात तक कर रहे हैं क्योंकि उन्हें भी 20 दिसंबर को बंगाल के दौरे पर जाना है। पश्चिम बंगाल की बीजेपी ईकाई लगातार राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है ऐसे में अमित शाह के कदम उस ओर संकेत भी देने लगे हैं और ये ममता सरकार के लिए चुनाव से ठीक पहले एक तगड़ा झटका हो सकता है।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पर हुए हमले ने पार्टी को आक्रोशित कर दिया है। ये आक्रोश अब मोदी सरकार में भी दिख रहा है। खबरों के मुताबिक इस हमले में जेपी नड्डा को चोट भी आई है। बीजेपी महासचिव और बंगाल चुनाव प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी पर भी इस दौरान पथराव हुआ है। इस मामले को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव दोनों को 14 दिसंबर को तलब किया है और हादसे पर दोनों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
इस घटना पर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए शाह ने कहा है कि भाजपा प्रमुख पर हमले के गंभीर नतीजे होंगे।
गृहमंत्री अमित शाह के ट्वीट में उनका गुस्सा भी दिखाई दे रहा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “आज बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे पी नड्डा जी के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाये वो कम है। केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है। बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा।”
आज बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाये वो कम है।
केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है। बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा।
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) December 10, 2020
अमित शाह का ये अंदाज बता रहा है कि वो राज़्य में राष्ट्रपति शासन की तैयारी कर रहे हैं।
अमित शाह ने इस दौरान राज्य की कानून व्यवस्था पर भी जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा, “तृणमूल शासन में बंगाल अत्याचार, अराजकता और अंधकार के युग में जा चुका है। टीएमसी के राज में पश्चिम बंगाल के अंदर जिस तरह से राजनीतिक हिंसा को संस्थागत कर चरम सीमा पर पहुंचाया गया है, वो लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए दु:खद भी है और चिंताजनक भी।”
तृणमूल शासन में बंगाल अत्याचार, अराजकता और अंधकार के युग में जा चुका है।
टीएमसी के राज में पश्चिम बंगाल के अंदर जिस तरह से राजनीतिक हिंसा को संस्थागत कर चरम सीमा पर पहुँचाया गया है, वो लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए दु:खद भी है और चिंताजनक भी।
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) December 10, 2020
वहीं, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इसको लेकर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को निशाने पर लेते हुए राज्य की कानून व्यवस्था को विफल बताया है। उन्होंने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेजने के बाद प्रेसवार्ता में कहा, “बंगाल की मुख्यमंत्री को इस तरह की आग से नहीं खेलना चाहिए। गुरुवार को जो कुछ भी हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। यह हमारे लोकतांत्रिक बुनियाद पर कलंक था। मुख्यमंत्री को संविधान का पालन करना चाहिए। उन्हें अपने पथ से नहीं भटकना चाहिए। राज्य में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ रही थी।” गौरतलब है कि राज्यपाल ने गृह मंत्रालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में बताया है, “जेपी नड्डा और अन्य बीजेपी नेताओं की सुरक्षा में कमी थी।”
इसके इतर बीजेपी की पश्चिम बंगाल ईकाई में अध्यक्ष दिलीप घोष से लेकर मुकल रॉय और बंगाल चुनाव प्रभारी और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय लगातार केंद्र सरकार से लगातार राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुके हैं। मोदी सरकार पर लगातार बीजेपी कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या के बावजूद कोई कार्रवाई न करने पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन बीजेपी के ही अध्यक्ष पर हमला करके ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के कथित कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार को आक्रोशित कर दिया है। ऐसे में गृहमंत्री अमित शाह का आक्रोश साफ संकेत दे रहा है कि उन्होंने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं और ये ममता दीदी के लिए बेहद ही बुरी खबर हो सकती है।