किसानों के अराजक आंदोलन को समर्थन देने वालों ने अब भारतीय दंगल गर्ल बबीता फोगाट से पंगा ले लिया है, लेकिन आश्चर्यजनक बात ये है कि उनकी चचेरी बहन भी इस मुद्दे पर भ्रमित हैं, और सोशल मीडिया पर अपनी बहन को बिन मांगीं सलाह दे बैठीं हैं। बबीता फोगाट ने जब ट्विटर पर किसानों के सही मुद्दे उठाए तो बुद्धिजीवियों ने उन्हें निशाने पर ले लिया। उनकी बहन विनेश फोगाट भी बबीता की आलोचना करते हुए ये तक कह गईं कि खिलाड़ियों को राजनीति नहीं करनी चाहिए, जो दिखाता है कि समाज में तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग की सोच कितनी संकुचित हो गई है।
भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक दिलाने वाली पहलवान और बीजेपी नेता बबीता फोगाट ने जब दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के आंदोलन को विपक्षियों द्वारा हाइजैक किया हुआ बताया, तो एक दूसरा धड़ा बुरी तरह भड़क गया। बबीता ने केवल किसानों से विनती की थी कि वो वापस चले जाएं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी किसी भी योजना में किसानों के हित से खिलवाड़ नहीं करेंगे।
अब लगता है किसान आंदोलन को टुकड़े टुकड़े गैंग ने हाईजैक कर लिया है।सभी किसान भाइयों से हाथ जोड़कर विनती करती हूं कृपया करके अपने घर वापिस लौट जाएं।माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी कभी भी किसान भाइयों का हक नहीं मरने देंगे।कांग्रेसी और वामपंथी लोग किसान का भला कभी नहीं कर सकते
— Babita Phogat (Modi Ka Parivar) (@BabitaPhogat) December 14, 2020
यही नहीं, उन्होंने इस दौरान अपने ट्वीट में पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे सतलुज-यमुना विवाद को भी उठा दिया और कहा, “SYL हरियाणा की जीवन रेखा है। इसलिए पंजाब से अपील करती हूं हरियाणा के किसानों को उनके हिस्से का पानी जरूर दें। हरियाणा के किसान हितों का पंजाब को जरूर सोचना चाहिए। सतलुज का फालतू पानी कहीं भी जाये पर हरियाणा के किसान को नहीं देना ये कौन सी समझदारी है।” बबीता ने असल में हरियाणा के किसानों के हित की बात ही कही है।
SYL हरियाणा की जीवन रेखा है इसलिए पंजाब से अपील करती हूं हरियाणा के किसानों को उनके हिस्से का पानी जरूर दे।हरियाणा के किसान हितों का पंजाब को जरूर सोचना चाहिए।#सतलुज का फालतु #पानी कहीं भी जाये पर हरियाणा के किसान को नही देना ये कौन सी समझदारी है।#SYL_हरियाणा_के_किसानों_का_हक_है
— Babita Phogat (Modi Ka Parivar) (@BabitaPhogat) December 14, 2020
बबीता की बात एक दम सच है लेकिन इस मुद्दे पर उनकी ही चचेरी बहन विनेश फोगाट भी उनकी आलोचना कर रही हैं। उन्होंने बबीता को बिना मांगे सलाह दे डाली कि उन्हें एक खिलाड़ी ही रहना चाहिए और वो राजनीति में भले ही हो, लेकिन उन्हें इस तरह की राजनीतिक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे उनकी प्रतिष्ठा पर धब्बा लगता है।
उसी मान और सम्मान को बनाए रख़ें राजनीति में भी। उन लोगों की भावनाओं को कुछ तुच्छ बातें बोलकर आहत न करें जो खेलों के मैदान में एक खिलाड़ी को बनाने में हमेशा योगदान देते हैं..। 🙏🙏
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 15, 2020
ये बेहद ही अजीब बात है कि देश में सेलिब्रेटी को सामाजिक मुद्दे पर बोलने से रोका जाता है। एक खिलाड़ी जो करोड़ों लोगों का नेतृत्व कर सकता है, जिसे लोग पलकों पर बिठाते हैं अगर वो कोई सही संदेश देता है, जिससे कोई बड़ा मुद्दा हल हो सकता है तो उस पर इस तरह की भद्दी बयानबाजी और विरोध नहीं होना चाहिए। बबीता फोगाट एक खिलाड़ी होने के साथ ही इस देश की एक सम्मानित नागरिक हैं। इसलिए उन्हें देश के किसी भी मुद्दे पर अभिव्यक्ति का अधिकार है, और उन्होंने जो भी मुद्दे उठाए है, वो वाजिब हैं कि किसान आंदोलन सच में हाईजैक हो चुका है। ये लोग अब केवल दिल्ली-एनसीआर में अराजकता फैलाने के अलावा कोई सकारात्मक नीयत नहीं रखते हैं।
एक कहावत है कि सच कहने पर वही लोग सबसे ज्यादा भड़कते हैं जिनके मन में चोर होता है। इस मुद्दे पर भी वही हुआ है। बबीता ने सच बोला और लोग सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल करने लगे। यही नहीं, ये लोग खाप के जरिए बबीता का महिला विकास निगम के चेयरमैन पद से इस्तीफा भी मांग रहे हैं जो कि एक बेहूदगी की पराकाष्ठा है। अभिव्यक्ति की आजादी का झंडा बुलंद करने वाले ये लोग असल में अपने खिलाफ एक शब्द सुनकर ही आगबबूला हो जाते हैं जो कि इनकी सोच का दोहरापन भी दिखाता है।