ताईवानी फोन निर्माता विस्ट्रॉन इन दिनों काफी सुर्खियों में है, पर गलत कारणों से। आई फोन भारत में निर्मित करने में एक अहम रोल निभा रही इस कंपनी के बेंगलुरू के निकट स्थित प्लांट में गैर अनुबंधी कर्मचारियों के भुगतान को लेकर हुआ बवाल इतना गहरा गया कि प्लांट में काफी हिंसा हुई, तोड़फोड़ की गई और साथ ही साथ कई नए नवेले आई फोन भी लूटे गए।
विस्ट्रॉन एक ताईवानी फोन निर्माता कंपनी है, जो एप्पल के लिए कई देशों में आई फोन का निर्माण करती है। इस प्लांट के पास कई हजार कर्मचारी इकट्ठा हुए थे, जिन्होंने अपना बकाया वेतन और बेहतर कार्यशैली की मांग की। लेकिन जब स्थिति को संभालने पुलिस आई, तो ये भीड़ काफी हिंसक हो गई और उसने तोड़फोड़ शुरू कर दी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए विडियो के अनुसार उपद्रवियों ने रॉड और डंडों के सहारे कांच तोड़े, गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया और यहाँ तक कि फैक्टरी में पड़े ईक्विपमेंट और कई नए नवेले आई फोन तक उठा के ले गए। कंपनी के अनुमान के अनुसार इस हमले से विस्ट्रॉन को करीब 60 मिलियन डॉलर यानि लगभग 437 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
इस घटना को लेकर एप्पल बहुत सजग है। उन्होंने एक ईमेल के जरिए सूचित किया, “हमारी ऑन ग्राउन्ड टीम सक्रिय है और हमने उक्त घटना की जांच पड़ताल के लिय आदेश दिए हैं।” वहीं विस्ट्रॉन ने कहा है कि वे सदैव कानून का पालन करता है और उसका फर्म सरकार की हरसंभव सहायता करेगा।
जिस प्रकार से ये घटना हुई है, उससे कहीं न कहीं स्टरलाइट मॉडल को दोहराए जाने की संभावना दिखाई दे रही है। कुछ वर्षों पहले तमिलनाडु में स्टरलाइट का तांबे का प्लांट हुआ करता था, जिसे कई पर्यावरण संगठनों और कथित आंदोलनकारियों के दबाव में बंद करा दिया गया। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ कि स्टरलाइट के अकेले के उत्पादन से जो भारत विश्व में तांबे का दूसरा सबसे बाद एक्स्पोर्टर था, वह प्लांट बंद होने के बाद तांबे के सबसे बड़े आयातक यानि इंपोर्टर में से एक हो गया। जले पर नामक छिड़कने वाली बात तो यह निकली कि पाकिस्तान ने इसी क्षेत्र में भारत को पछाड़ते हुए विश्व के सबसे बड़े तांबा निर्यातकों में शामिल हो गया।
तो इसका विस्ट्रॉन वाले मामले से क्या संबंध है? विस्ट्रॉन भारत में पिछले चार वर्षों से आईफोन बना रहा है। इसकी कार्यशैली इतनी सफल रही है कि मोदी सरकार इस प्लांट को अपने बहुप्रतिष्ठित अभियान ‘मेक इन इंडिया’ के उदाहरण के तौर पर देख रही है। लेकिन यदि ऐसी घटनाएँ [विस्ट्रॉन प्लांट पर हमला] समय रहते नहीं रोकी गई, तो यह मोदी सरकार के साथ भारत की औद्योगिक छवि को भी नुकसान पहुंचाएगा।
ब्रांड सलाहकार हरीश बिजूर के अनुसार, “ऐसी घटनाएँ मेक इन इंडिया की छवि को नुकसान पहुंचाती है। इसकी जांच आवश्यक है, वरना यह घटनाएँ भारत के मैन्युफैक्चरिंग छवि पर गंदे धब्बों के समान होंगे।”
ऐसे में कर्नाटक सरकार के लिए यही श्रेयस्कर होगा कि वो इस घटना की गहन जांच पड़ताल करे, और दोषियों से प्लांट को हुए नुकसान की पूरी भरपाई करे, और जरूरत पड़े, तो योगी मॉडल की भांति दंगाइयों की संपत्ति भी जब्त कर सकती है, अन्यथा स्थिति ऐसी होगी कि विस्ट्रॉन प्लांट पर हुआ हमला एक बार फिर स्टरलाइट प्रकरण के भांति भारत को विश्व भर में लज्जित करा सकता है।