“दो पैसे के पत्रकार” , TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने पार्टी का गुस्सा मीडियाकर्मियों पर उतारा

TMC के कार्यकर्ता भी मोइत्रा की नहीं सुन रहे!

पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी TMC की कृष्णानगर से सांसद, महुआ मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में काफी गुस्से का माहौल बना दिया, जहां वह कथित तौर पर टीएमसी बूथ कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए आई थी। हालांकि वे जिन कार्यकर्ताओं से मिलने पहुँची थीं, उन्हीं कार्यकर्ताओं ने उनका घेराव भी किया और विरोध के रूप में तख्तियां भी दिखाई।

सभी ने यही सोचा होगा कि भारतीय उदारवाद की प्रतीक महुआ मोइत्रा, लोकतंत्र का अभिन्न अंग माने जाने वाले प्रदर्शनों का स्वागत करेंगी। हालांकि, टीएमसी नेता ने भड़कते हुए उल्टा मीडिया को ही फटकार लगा दी।

महुआ का गुस्सा अपने ही पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध करने और खुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के खिलाफ था लेकिन टीएमसी सांसद से जब घटनास्थल पर मौजूद मीडिया दल ने इस पर सवाल किया तो उन्होनें चिल्लाते हुए मीडिया कर्मियों को ही “दो पैसे के पत्रकार” कहा। कुछ टीएमसी समर्थक अपने हाथों में तख्तियों के साथ विरोध करने के लिए वहां इकट्ठा हुए थे जिसमें लिखा हुआ था कि, “हम बाहरी लोगों को अपना अध्यक्ष नहीं बनाना चाहते हैं।”

मीडिया पर अपना गुस्सा उतारने के बाद, महुआ मोइत्रा ने भारत के चौथे स्तंभ का अपमान करने से पूरी तरह इनकार कर दिया। साथ ही, उन्होनें पीड़ित की भूमिका निभाई और कहा, “मैंने किसी से कुछ नहीं कहा।”

इतना कहने के बाद ​​टीएमसी सांसद ने पूरी बात को किसी और दिशा में घुमाते हुए कहा, “हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं। यह अच्छा है कि लोगों ने अपनी समस्या व्यक्त की है। झड़प या ज्यादा कुछ नहीं बस आपस में तनातनी थी। हमने मामले पर चर्चा की है और इसे हम, हमारे बीच में ही हल करेंगे। जहां पार्टी की पकड़ है, वहां कार्यकर्ताओं के बीच विवाद होना बहुत आम बात है। मैंने मामला सुलझा लिया है और जनवरी में फिर आऊंगी। मैं बूथ कार्यकर्ताओं को मजबूत बनाना चाहती हूं। ”

TMC में इस तरह की गुटबाज़ी कोई नई बात नहीं है, यहां तक ​​कि पार्टी के मौजूदा शहर अध्यक्ष सुकांत चटर्जी ने भी सार्वजनिक रूप से गुटबाजी को स्वीकार किया है। टीएमसी वर्तमान में पश्चिम बंगाल राज्य में पार्टी गुट के टूटने और पार्टी के कैडर के टूटने की घटना से जूझ रही है, जिसको मद्देनजर रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल की शुरुआत में सभी महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले अभूतपूर्व बढ़त हासिल की है। फिलहाल, पार्टी अपने दम पर 200 से अधिक सीटें हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

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