व्हाट्सएप ने पिछले हफ्ते भारत में एक नई प्राइवेसी पॉलिसी की घोषणा की थी जिसके बाद उसे भयंकर विवाद और आलोचना का सामना करना पड़ा। कल केंद्र सरकार के भी उन नीतियों की जांच की रिपोर्ट्स आई थी। अब व्हाट्सएप ने घोषणा की है कि वह नई प्राइवेसी पॉलिसी के लागू करने तीन महीने की यानि मई 2021 तक देरी करेगा। व्हाट्सएप चाहता है कि उपयोगकर्ता नई शर्तों को समझें और फिर सहमत हों। इसने स्वीकार किया कि नई नीति ने बहुत भ्रम पैदा हुआ है। इसके अलावा, व्हाट्सएप ने भी वादा किया था कि वह 8 फरवरी को किसी के अकाउंट को नहीं हटाएगा।
दरअसल, फेसबुक के स्वामित्व वाली यह कंपनी यूजरों को पॉलिसी की ठीक से समीक्षा करने और स्वीकार करने के लिए कम से कम तीन महीने का समय दे रही है। व्हाट्सएप ने कहा कि गोपनीयता नीति 15 मई को लागू होगी। यह कहना गलत नहीं होगा कि व्हाट्सएप ने यह फैसला ऐसे ही नहीं लिया है बल्कि लोगों के एक साथ विरोध करने और सरकार द्वारा जांच बैठाने के बाद किया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप द्वारा किए गए हालिया परिवर्तनों का मूल्यांकन करने के साथ-साथ जांच का फैसला किया था। व्हाट्सएप द्वारा भारतीय यूजर को अपने डेटा फेसबुक को शेयर करने पर बाध्य करने वाली इस नीति पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मध्य आंतरिक चर्चा भी शुरू हो रही है। उपयोगकर्ताओं और शीर्ष व्यापार जगत के नेताओं द्वारा इस प्रवेसी पॉलिसी पर चिंता जताए जाने के बाद सरकार ने कदम उठाते हुए इस समस्या पर विस्तार से जांच करने का फैसला किया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने व्हाट्सएप के नए अपडेट के विवाद की जांच शुरू कर दी है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, “हम जानकारी एकत्र कर रहे हैं।” इस मुद्दे पर आईटी मंत्रालय से उच्चतम स्तर पर चर्चा की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डेटा सुरक्षा के संदर्भ में कोई भी कानून न होने की वजह से सभी चिंतित है। संसद में एक व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून के लिए एक विधेयक है लेकिन कानून बनने से पहले उसमें समय लगने की संभावना है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि व्हाट्सएप अपना मार्केट खो रहा था। प्राइवेसी के मुद्दों के कारण, करोड़ो यूजर ने सिग्नल तथा टेलीग्राम ऐप्प पर जा चुके हैं। परिणामस्वरूप, सिग्नल ने भारत में ऐप स्टोर पर नंबर एक स्थान और Google Play पर नंबर तीन स्थान हासिल कर चुका है। व्हाट्सएप की नई पॉलिसी जारी होने के महज सात दिनों में भारत में उसका डाउनलोड्स 35 फीसदी कम हुआ है। इसके अलावा 40 लाख से अधिक यूजर्स ने सिग्नल और टेलीग्राम एप को डाउनलोड किया है जिनमें 24 लाख डाउनलोड्स सिग्नल के और 16 लाख टेलीग्राम के हैं। व्हाट्सएप की लगातार सफाई देने के बाद भी लोग दूसरे एप पर तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं। महिंद्रा कंपनी समूह और टाटाग्रुप के चेयरमैन सहित पेटीएम और फोन पे जैसी कंपनियों ने भी व्हाट्सएप को अलविदा कह दिया है, वहीं Confederation of All India Traders ने सरकार से नई नीति को रोकने के लिए या व्हाट्सएप और फेसबुक पर बैन लगा देने की मांग की है।
इससे व्हाट्सएप पर दबाव बढ़ा और वह अपने कदम पीछे खींचने पर मजबूर हुआ। व्हाट्सएप ने अपने उपयोगकर्ताओं से 8 फरवरी तक नई गोपनीयता नीति को स्वीकार करने के लिए कहा था, लेकिन अब यह समय सीमा 15 मई तक बढ़ा दी है। कंपनी का मानना है कि उपयोगकर्ता अपनी नई शर्तों के बारे में भ्रमित हैं और नए प्राइवेसी पॉलिसी पर उनकी स्पष्टता नहीं है। अब यह देखना है कि व्हाट्सएप तीन महीने बाद क्या कदम उठता है क्योंकि अगर नीतियाँ नहीं बदली तो फिर से इसी प्रकार का विरोध होना तय है। व्हाट्सएप की यह प्राइवेसी पॉलिसी भारत के लिए अलग और यूरोप के लिए अलग है। इससे भारत के लोगों में और भी अधिक गुस्सा है। और अगर तीन महीने बाद व्हाट्सएप अपनी नीतियों को न बदल कर यूजर्स को बाध्य करता है तो उसे एक बार फिर से जनता के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।