पिछले वर्ष चीन में उत्पन्न जिस बीमारी ने दुनिया भर में त्राहिमाम मचाया, उसी वुहान वायरस को दुनिया से मिटाने के लिए भारत अब एक संकटमोचक के रूप में सामने आ रहा है। इसीलिए जब भारत की वैक्सीन कूटनीति के आगे चीन के प्रपंच फेल होने लगे, तो उसे भी भारत की पद्वति पर चलने के लिए विवश होना पड़ा।
हाल ही में चीन ने एक अप्रत्याशित निर्णय में ये घोषणा की कि वह श्रीलंका को तीन लाख कोरोना टीके मुफ्त में देगा। कहा जा रहा है कि श्रीलंका के अनुरोध पर चीन ने तीन लाख टीके भेजने का फैसला लिया। चीनी कंपनी सिनोफर्मा द्वारा निर्मित Sinovac नामक कोरोना टीके की पहली खेप श्रीलंका को फरवरी मध्य तक मिल जाएगी।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि चीन ने यह निर्णय भारत के वैक्सीन डिप्लोमेसी की देखादेखी करके लिया है। दरअसल भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी काफी सफल रही है, और भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत से कोविड टीका हासिल करने में विभिन्न देशों को रूचि है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानमंत्री की कोविड 19 से लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग की प्रतिबद्धता के मुताबिक भारत विभिन्न देशों को वैक्सीन दे रहा है। हमने अपने पड़ोस में सबसे पहले वैक्सीन उपलब्ध कराने का दायित्व निभाया है और इसके अलावा अन्य देशों को भी आपूर्ति की है।
अनुराग श्रीवास्तव द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, “20 जनवरी 2021 के पश्चात भारत ने अपने पड़ोसी देशों जैसे भूटान (1.5 लाख), मालदीव (1 लाख), नेपाल (10 लाख), बांग्लादेश (20 लाख), म्यांमार (15 लाख) मॉरीशस (1 लाख), सेशेल्स (50,000), श्रीलंका (5 लाख) और बहरीन (1 लाख) सहित करीब 55 लाख खुराकें उपलब्ध कराई हैं। ये आपूर्ति इन देशों के अनुरोधों पर आधारित हैं। अगले कुछ दिनों में हम ओमान (1 लाख), करिकॉम देशों (5 लाख), निकारागुआ (2 लाख) और प्रशांत द्वीप राज्यों (2 लाख) को और अधिक मात्रा में उपहार देने की योजना बना रहे हैं”
इतना ही नहीं, भारत में निर्मित Astra Zeneca एवं COVAXIN वैक्सीन का ब्राजील, मोरक्को और बांग्लादेश में कमर्शियल निर्यात भी हुआ है। इसी आधार पर आगे की आपूर्ति सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, मंगोलिया आदि में होने की भी पूरी पूरी संभावना है।
इसके अलावा भारत अफ्रीका के पूरे महाद्वीप को 1 करोड़ (10 मिलियन) खुराक और संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ को 10 लाख (1 मिलियन) की आपूर्ति गावी की कोवैक्स सुविधा के अंतर्गत करेगा।
ऐसे में चीन ने भी भारत की देखादेखी अपनी वैक्सीन श्रीलंका जैसे देशों को मुफ़्त में देने की बात की है, ताकि उसके वैक्सीन की बिक्री हो सके। लेकिन चीन की वैक्सीन तो पाकिस्तान को छोड़ कोई भी देश मुफ़्त में खरीदने के लिए भी तैयार नहीं है।
अभी तो यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि श्रीलंका को खुद से चीन ने वैक्सीन ले जाने के लिए कहा है या फिर चीन वैक्सीन को श्रीलंका लाएगा। ऐसे कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि चीन ने पाकिस्तान को जब टीका देने का ऐलान किया था, तब उसने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से कहा था कि अपना विमान लाओ और यहां से वैक्सीन लेकर जाओ। स्पष्ट था कि चीन ने पाकिस्तान को अपने खर्चे पर वैक्सीन ले जाने को कहा था।
ऐसे में चीन ने भारत की नकल उतारने का प्रयास तो किया है, लेकिन उसका ट्रैक रिकार्ड इतना खराब है कि कोई भी उससे मुफ़्त में भी सामान लेने को तैयार नहीं है, वैक्सीन की तो बात ही छोड़िए। चीन ने भारत को उसी के खेल में मात देने का प्रयास किया, लेकिन आधी अधूरी तैयारी के कारण इस खेल में वह औंधे मुंह गिर पड़ा।