देश की उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में केंद्र सरकार को राहत देते हुए बहुप्रतिष्ठित सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण को स्वीकृति दे दी। वामपंथियों के चीखने चिल्लाने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने न केवल इस अहम प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी, बल्कि यह भी संदेश दिया कि चंद बुद्धिजीवियों की आपत्ति के पीछे देश की प्रगति पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
अब यह सेंट्रल विस्टा है क्या? दरअसल, यह प्रोजेक्ट लुटियंस दिल्ली का कायाकल्प करेगी, क्योंकि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत न केवल केंद्र सरकार के अनेक मंत्रालयों के दफ्तरों का निर्माण होगा, बल्कि भारतीय संसद को भी एक नई इमारत और नया स्वरूप मिलेगा। इसका भूमि पूजन भी कुछ ही हफ्तों पहले सम्पन्न हुआ था।
इसी दिशा में एक अहम निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को स्वीकृति देते हुए केंद्र सरकार को निर्माण के दौरान आवश्यक पर्यावरण अधिनियमों का पालन करने की सलाह देते हुए इस परियोजना को हरी झंडी दे दी। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार को बस यह सुनिश्चित करना होगा कि निर्माण के दौरान और उसके पश्चात नए कॉम्प्लेक्स से किसी प्रकार का पर्यावरण को नुकसान न हो, जिसके लिए प्रदूषण रोधी गन प्रक्षेपित करने की सलाह दी गई है।
Verdict alert: #CentralVista
Supreme Court bench headed by Justice AM Khanwilkar to shortly hand down judgment in a batch of petitions challenging the redevelopment of Central Vista area of Lutyen's Delhi.#CentralVista #SupremeCourt pic.twitter.com/m4jyoqwflB
— Bar and Bench (@barandbench) January 5, 2021
लेकिन जिस प्रोजेक्ट को रुकवाने के लिए वामपंथियों ने जमीन आसमान एक किया हो, उसके क्लियर होने से भला वे कैसे खुश होंगे? उनके लिए तो मानो अब सुप्रीम कोर्ट ‘बिक चुका है’ और कुछ भी अब अच्छा नहीं होगा। किसी भी अच्छे परियोजना के प्रति वामपंथियों की कुंठा आप कांग्रेस IT सेल के प्रमुख श्रीवत्स के ट्वीट से स्पष्ट पता लगा सकते हैं।
जनाब फरमाते हैं, “पीएम मोदी के नया घर और नए ऑफिस की निजी स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत 20,000 करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है”।
To uphold the 'Personal Liberty' of Modiji so that he can build himself a fancy new house & office, SC has swiftly given clean chit to ₹20,000 crore Central Vista Project.
— Srivatsa (@srivatsayb) January 5, 2021
परंतु श्रीवत्स अकेले नहीं है। उनसे एक कदम आगे जाते हुए बड़बोली पत्रकार स्वाती चतुर्वेदी ने तो यह अफवाह फैलानी शुरू कर दी कि सेंट्रल विस्टा के निर्माण से पुराने संसद क्षेत्र को ध्वस्त कर दिया जाएगा। मोहतरमा फरमाती हैं, “इस पर हैरान होना है क्या? बस, अब सुंदर से सेंट्रल विस्टा को ध्वस्त होते अपनी आँखों से देखिए”।
Anyone surprised? The destruction of the beautiful central vista gets a legal stamp https://t.co/NNsqcWvYuw
— Swati Chaturvedi (@bainjal) January 5, 2021
ऐसे ही कांग्रेस की एक और प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने अफवाह फैलाते हुए ये इशारा किया कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण से भारत के निवासियों को वैक्सीन देने पर कोई ध्यान नहीं दिया जाएगा। शमा के ट्वीट के अनुसार, “सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी। जहां केंद्र सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए कि सभी देशवासियों का जल्द से जल्द वैक्सीनेशन हो, तो वहीं 20000 करोड़ रुपये एक ऐसे प्रोजेक्ट पे फूंके जाएंगे, जिससे आम आदमी का कुछ भी भला नहीं होने वाला”।
SC gives go ahead for #CentralVista Project. It is a travesty that when the govt's priority should have been to vaccinate every Indian as soon as possible, it prefers to splurge taxpayer money on a Rs 20,000 cr vanity project which won't benefit the common man in the slightest!
— Dr. Shama Mohamed (@drshamamohd) January 5, 2021
कभी भाजपा के NDA सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशवंत सिन्हा भी अपनी कुंठा को नहीं छुपा जाएगा। जनाब ट्वीट करते हैं, “2 से 1 के बहुमत से सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अपनी स्वीकृति दी है। यह तो होना ही था। बाहुबली के सामने कौन जीत सकता है?”
Supreme Court gives go ahead to the Central Vista project by 2 to 1 majority judgment. Ye to hona hi tha. Who can stand up to the Bahubali?
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) January 5, 2021
एक फिल्म में सही संवाद कहा गया था – “अच्छे काम में हाथ कोई नहीं बँटाएगा, पर काम में टांग अड़ाने के लिए सब आ जाएंगे”। जब देश आगे बढ़ेगा, तो कई जगहों और इमारतों का नवीनीकरण आवश्यक है। परंतु कुछ लोगों को अभी भी पुरानी इमारतों से ही प्रेम करना है, चाहे देश की सुरक्षा या देश की अर्थव्यवस्था की बलि ही क्यों न चढ़ जाए।