आप एक ऐसे देश की कल्पना करें जिसकी स्थापना संभवतः केवल इसलिए हुई है कि वह अपनी बेइज्जती करवा सके, तो आपकी कल्पना का वह देश कोई और नहीं बल्कि हमारा पड़ोसी पाकिस्तान ही होगा l प्रतिदिन ज़लील होने का नया तरीका खोजने वाले देश पाकिस्तान को इस बार उसके प्रिय मित्र चीन ने ही अपमानित किया है l चीन ने पाकिस्तान को वैक्सीन की मदद दी है, लेकिन वैक्सीन साइनोफार्म है, जिसे दुनियाभर से नकारा जा चुका है l इतना ही नहीं वैक्सीन लेने के लिए भी पाकिस्तान को अपना विमान भेजना होगा l
पाकिस्तान को मिल रही वैक्सीन की संख्या केवल 5 लाख है lअब इसकी तुलना भारत द्वारा पड़ोसी देशों को दी गई मदद से करें तो भारत ने नेपाल को 10 लाख और बांग्लादेश को 20 लाख वैक्सीन फ्री दी है l नेपाल की आबादी 2.86 करोड़, बांग्लादेश की 16.3 करोड़ जबकि पाकिस्तान की आबादी इन दोनों से अधिक, 21.66 करोड़ है l अतः चीन द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही वैक्सीन,मदद कम भीख अधिक है l
हालांकि पाकिस्तान सरकार के लिए यह खुशी का विषय हो सकता है जिसके पास अब तक अपने देश में टीकाकरण के लिए कोई योजना नहीं है l उसके पास न बजट है न संसाधन l बांग्लादेश की तरह पाकिस्तान ने विदेशों से आयात के लिए भी कोई योजना नहीं बनाई है l चीन भी उसे केवल 5 लाख वैक्सीन ही मुफ्त देगा, इसके बाद उसे चीन से वैक्सीन खरीदनी होगी l
पाकिस्तान की समस्या यह है कि वह अन्य पड़ोसियों की तरह भारत से वैक्सीन की खरीद नहीं सकता l पाकिस्तान चाह कर भी ऐसा नहीं कर पाएगा l एक ओर तो अपनी नीतियों और दोनों देशों के आपसी संबंधों के चलते ऐसा नहीं कर सकेगा l और अगर वह ऐसा करने की सोचे भी तो चीन उसे ऐसा कोई कदम नहीं उठाने देगा l चीन वैसे ही वैक्सीन के क्षेत्र में भारत से मिल रही चुनौती का सामना नहीं कर पा रहा, ऐसे में उसका कठपुतली देश भारतीय वैक्सीन मदद के रूप में भी स्वीकार करे, यह उसे कतई बर्दाश्त नहीं होगा l यही कारण है कि इतनी बुरी अवस्था के बाद भी पाकिस्तान ने अब तक, भारत से वैक्सीन के लिए कोई आधिकारिक निवेदन नहीं किया है l
जबकि दूसरी ओर भारत के पड़ोसी ही नहीं, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोलिविया देश वैक्सीन की आपूर्ति के लिए भारत से समझौता कर चुके हैं l अब तक कुल 92 देशों ने वैक्सीन के लिए भारत से संपर्क किया है l यह सब बातें दिखाती हैं कि भारतीय वैक्सीन को लेकर अन्य देशों में कितना भरोसा है, पाकिस्तान का दुर्भाग्य है कि वह चाह कर भी भारत से मदद नहीं मांग सकता l
पाकिस्तान को चीन जो वैक्सीन उपलब्ध करवा रहा है उसे ब्राजील, बांग्लादेश जैसे कई देश रिजेक्ट कर चुके हैं अथवा उसके इस्तेमाल के प्रति आशंका व्यक्त कर चुके हैं l ब्राजील में इस वैक्सीन को लेकर खबरें आई थीं कि इसकी कार्यक्षमता 60% से कम है l बांग्लादेश ने भी इसे अस्वीकार कर दिया था l
यहाँ तक कि पाकिस्तान में भी चीनी वैक्सीन को लेकर लोग आशंकित थे, किंतु इसके बाद भी सरकार ने ट्रायल जारी रखे और अब टीकाकरण के लिए भी इसका ही इस्तेमाल होगा l
पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय संबंधों के छात्रों के लिए शोध का एक मजेदार विषय हो सकता है l यह अलग प्राणी जगत का देश लगता है, जो कहने को तो लोकतंत्र है, लेकिन यहाँ लोक सबसे अंत में है l जो स्वतंत्र है लेकिन जिसके लिए स्वतंत्रता का कोई मतलब नहीं, यह देश दूसरे देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी नहीं करता बल्कि गुलामी करता है l राष्ट्रीय सम्मान और अस्मिता तो इसके लिए किसी अन्य लोक के शब्द हैं जिसका वास्तविकता से कोई सरोकार नहीं l