फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों फ़्रांस में लगातार बढ़ती आतंकी घटनाओं के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों पर कार्रवाई कर रहे हैं लेकिन उनकी इस कार्रवाई पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बड़बोलापन अब उन पर भारी पड़ रहा है। फ्रांस अब पाकिस्तान को तनिक भी भाव नहीं दे रहा है। भारत दौरे पर आए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बॉन ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ फ्रांस के कूटनीतिक रिश्ते इतिहास के सबसे निचले पायदान पर जा चुके हैं। ऐसे मुश्किल वक्त में उनका ये बयान पाकिस्तान के लिए ख़तरनाक संकेत ही है।
फ्रांस की इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ कार्रवाई पर पाकिस्तान ने खूब बयानबाजी की थी। इस दौरान भारत ने फ्रांस को पूर्ण समर्थन दिया था। ऐसे में त्रिदिवसीय भारत दौरे पर आए फ्रांसीसी राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बोन ने विवेकानंद फाउंडेशन के अपने संबोधन में कहा, “जब हमारे देश पर तुर्की और पाकिस्तान समेत कई देशों के नेता अपना बेहूदा विरोध दर्ज कर रहे थे तो ऐसे वक्त में हमें जिस प्रकार भारत की आधिकारिक सरकार और यहां के प्रत्येक नागरिक ने अपना समर्थन दिया है, हम उसकी सराहना करते हैं।”
वहीं, पाकिस्तान को लेकर फ्रांस ने अब कड़ा रुख अपनाने की ठान ली है। मैक्रों के सलाहकार ने कहा, “गतिरोध के दौरान पाकिस्तान के साथ फ्रांस के रिश्ते इतिहास के सबसे निचले स्तर पर जा चुके हैं।” उन्होंने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर कहा, “भारत के समक्ष प्रत्यक्ष खतरे को लेकर हम हमेशा बहुत स्पष्ट रहे हैं। चाहे वह कश्मीर ही क्यों ना हो, हम सुरक्षा परिषद में भारत के प्रबल समर्थक रहे हैं। हमने चीन को भी किसी तरह का प्रक्रियात्मक खेल खेलने नहीं दिया।”
इमैनुएल बॉन के बयानों से साफ है कि भारत और फ्रांस के रिश्ते पहले ही बेहतरीन थे लेकिन कुछ इस्लामिक देशों ने कट्टरपंथियों पर कार्रवाई को लेकर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का विरोध किया था और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। ऐसे वक्त में भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा फ्रांस और वहां के राष्ट्रपति के खिलाफ अभद्र बयानबाजी को अफसोसजनक बताया गया था। यही कारण है कि भारत के साथ फ्रांस के रिश्ते पहले से अधिक प्रगाढ़ हो गए हैं दूसरी ओर पाकिस्तान से फ्रांस के रिश्ते अधिक बिगड़ गए हैं।
पाकिस्तान ने तुर्की द्वारा फ्रांस के खिलाफ चलाए जा रहे एजेंडे में खूब बेतुकी बयानबजी की थी, जिस तरह से फ्रांस में इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ इमैनुएल मैक्रों कार्रवाई कर रहे थे वो इन देशों को पसंद नहीं आ रही थी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान इस्लामिक कट्टरता की मैक्रों की कार्रवाई को इस्लाम के खिलाफ बता रहे थे। पाकिस्तान पागल पन की इस हद तक चला गया था कि वहां के मौलाना मुफ्ती फ्रैंच किस से लेकर फ्रांस के छोटे बड़े सामानों को हराम बयान की नौटंकी करने लगे थे।
दूसरी ओर नीस में हुए आतंकी हमले में 4 पाकिस्तानी मूल के नागरिक भी पकड़े गए थे। इसीलिए पाकिस्तान इस्लाम और विरोध के नाम पर ज्यादा उछल रहा था लेकिन इससे पाकिस्तान को अब घाटा हो रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ बड़बोलापन अब उन पर ही भारी पड़ रहा है। हाल ही फ्रांस ने साफ कह दिया था कि वो अब पाकिस्तान के विमान अपग्रेड नहीं करेगा जो कि पाकिस्तान के बुरे वक्त की शुरुआत का संकेत था। ऐसे में पाकिस्तान के कट्टर दुश्मन भारत में आकर फ्रांसीसी राष्ट्रपति के सलाहकार का पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कश्मीर मुद्दे पर भारत का पुरजोर समर्थन करना दिखाता है कि मैक्रों ने अपने खिलाफ पाकिस्तान की बयानबाजी को काफी सीरियस लिया है। इसके चलते अब दोनों के बीच दुश्मनी जैसी स्थितियां बन गईं हैं।