इन दिनों योगी प्रशासन पूरे फ़ॉर्म में है। एक के बाद एक उन्होंने कई ऐसे निर्णय लिए हैं, जहां उन्होंने भ्रष्टाचारियों और अन्य अपराधियों को स्पष्ट संदेश दिया है कि अब उनकी दादागिरी उत्तर प्रदेश में तो बिल्कुल नहीं चलने वाली।
हाल ही में कुछ अफसर भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए थे, जिनमें से कुछ PCS तो कुछ आईएएस से संबंधित थे। एक बेहद अप्रत्याशित निर्णय में योगी सरकार ने सभी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए कुछ अफसरों को चपरासी के पद पर अवनत किया यानि डिमोट किया, तो कुछ अफसरों को तहसीलदार बना दिया।
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय के अनुसार, “श्री नरसिंह, श्री दयाशंकर, श्री विनोद कुमार शर्मा एवं अनिल कुमार सिंह की नियम विरुद्ध पदोन्नति की गई। इसलिए नियमानुसार इन कर्मचारियों को नए पदों पर तैनात किया गया है –
श्री नरसिंह – बरेली के अपर जिला सूचना अधिकारी से चपरासी
श्री दयाशंकर – फीरोजाबाद के अपर जिला सूचना अधिकारी से चौकीदार
श्री विनोद कुमार शर्मा – मथुरा के अपर जिला सूचना अधिकारी से सिनेमा ऑपरेटर कम प्रचार सहायक
श्री अनिल कुमार सिंह – भदोही के अपर जिला सूचना अधिकारी से सिनेमा ऑपरेटर कम प्रचार सहायक
इसकी पुष्टि योगी आदित्यनाथ सरकार के मीडिया सलाहकारों में से एक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने अपना ट्विटर अकाउंट से भी की। उन्होंने ट्वीट किया, “सरकारी अराजकता के विरुद्ध योगी जी का हंटर चालू है। नियम विरुद्ध पद पाने वालों को इस बार योगी सरकार ने डिमोट कर चौकीदार और चपरासी बना दिया, इससे पहले एक SDM को डिमोट कर तहसीलदार बनाए, जनता के लिए बेपरवाह होकर भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध योगीजी लगातार एक्शन में है”
सरकारी अराजकता के खिलाफ योगीजी का हंटर चालू है,नियम विरूद्ध पद पाने वालों को इस बार योगी सरकार ने डीमोट कर चौकीदार और चपरासी बना दिया,इससे पहले एक एसडीएम साहब भी डीमोट कर तहसीलदार बनाए,जनता के लिए बेपरवाह और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ योगीजी लगातार एक्शन में हैं। pic.twitter.com/Sa2zPmsMKk
— Dr. Shalabh Mani Tripathi (Office) (@Shalabhoffice) January 9, 2021
इससे पहले भी योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचारियों और अपराधियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी। इसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट करते हुए योगी सरकार ने हाल ही में मुरादनगर में एक शमशान घाट की जर्जर छत गिरने पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए घटना से जुड़े सभी प्रकार के अफसरों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की।
योगी सरकार अराजकता के विरुद्ध कितनी सशक्त है, इसका अंदाजा आप 2019 के CAA विरोध प्रदर्शन और हाल ही में किसान आंदोलन के नाम पर हुई अराजकता का मुकाबला करने से समझ सकते हैं।
जब विरोध की आड़ में असामाजिक तत्वों ने उपद्रव करने का प्रयास किया, और विपक्षी पार्टियों ने वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए उनका साथ देने की कोशिश की, तो योगी सरकार ने मामले को हल्के में नहीं लेते हुए ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी।
उन्होंने न केवल उपद्रवियों पर गोलियां चलाने की पुलिस को खुली छूट दी, बल्कि उनका साथ देने वाले नेताओं और राजनेताओं से लेके दंगाइयों तक की संपत्ति से भरपाई करना शुरू किया। ये योगी सरकार की सजगता का ही कमाल है कि किसान आंदोलन केवल दिल्ली से सटे बॉर्डर इलाकों और पंजाब राज्य तक ही सीमित है।
ऐसे में जब योगी सरकार ने हाल ही में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर अफसरों का डिमोशन किया है, तो इससे न सिर्फ राज्य में प्रशासन की सजगता का संदेश गया है, बल्कि विरोधियों और असामाजिक तत्वों को एक सख्त संदेश मिला है – कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे।