भारत ने कोरोनावायरस की वैक्सीन की खोज कर एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया है जो न केवल भारत बल्कि विश्व के अनेक देशों को भी लाभ पहुंचाएगा। वैक्सीन के लिए नेपाल पहले ही भारत से मदद मांग चुका है। अब श्रीलंका भी उसी राह पर चल पड़ा है। इससे इतर भारत ने श्रीलंका को वैक्सीन देने का वादा तो किया है लेकिन ये भी कहा ही श्रीलंका को भारत के साथ साझा रिश्तों को बेहतर बनाने के साथ ही सकारात्मक मुद्दों पर काम करना होगा, क्योंकि चीन का लगातार श्रीलंका प्रभाव बढ़ रहा है।
श्रीलंकाई सरकार की मांग पर भारत ने श्रीलंका को कोरोनावायरस की वैक्सीन की खेप देने का फैसला कर लिया है। वहीं इस मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुछ अहम बातें कहीं हैं। अपनी त्रिदिवसीय यात्रा पर श्रीलंका गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “कोरोना वायरस महामारी का भारत-श्रीलंका के संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। दोनों देश कोविड-19 के बाद सहयोग को लेकर आशान्वित हैं।”
श्रीलंका के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए भारतीय विदेश मंत्री ने सांकेतिक रूप से कुछ शर्तें भी रखी हैं। उन्होंने कहा, “श्रीलंका के लिए भारत भरोसेमंद और विश्वसनीय साझेदार है। भारत परस्पर हित, परस्पर विश्वास, परस्पर सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता के आधार पर श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाने के पक्ष में है।” देशों के बीच संबंधों को लेकर एस जयशंकर ने कहा, “वास्तविकता यह है कि पिछले एक साल में उच्च स्तर पर संपर्क बना रहा और वह पहले से मजबूत हुआ है।” इसके साथ ही श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दों को भी जयशंकर ने उठाया है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में तमिल लोगों का प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित होना चाहिए। अपने इस बयान से उन्होंने अपने से देश के तमिल लोगों को भी उनके सकारात्मक रुख का संदेश दिया है।
गौरतलब है कि श्रीलंका के साथ भारत के संबंधों में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विशेष भूमिका निभाई है। श्रीलंका पिछली सरकार के दौरान लगातार चीन की ओर झुक रहा था और भारत के प्रति बयानबाजी कर रहा था। हालांकि, इसका सीधा नुकसान कर्ज न चुका। पाने के कारण हंबनटोटा द्वीप पर चीन के कब्जे के रूप में सामने आया। इसके बाद जब नई सरकार बनी तो जयशंकर ने भारत श्रीलंका के बीच रिश्तों को बेहतर करने का काम किया।
ऐसे वक्त में जब श्रीलंका का तथाकथित दोस्त और नीयत से दुश्मन चीन खुद अपनी मुसीबतों में फंसा हुआ है तो श्रीलंका ने भारत से कोरोनावायरस की वैक्सीन मांग की है। पर भारत ने साफ कर दिया है कि वह श्रीलंका को वैक्सीन तो देगा लेकिन सांकेतिक रूप से भारत ने यह शर्त भी रख दी है कि श्रीलंका को चीन को नजरअंदाज करते हुए भारत के हितों के साथ दक्षिण एशिया में कूटनीतिक साझेदारियां करनी होंगी।
भारत अपने इस कदम से चिर प्रतिद्वंदी चीन को एक और बड़ा झटका देगा क्योंकि चीन लगातार कर्ज के नाम पर श्रीलंका को हथियाने की फिराक में रहता है। ऐसे में अपनी वैक्सीन कूटनीति से भारत ने श्रीलंका को चीन की पहुंच से काफी दूर कर दिया है। कुछ ऐसी नीति भारत, मालदीव, नेपाल बांग्लादेश जैसे देशों के साथ भी अपनाने वाला है।