अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट्स को अचानक बिग टेक जायंट कंपनियों Facebook, Instagram और Twitter ने बैन कर दिया, तो इनकी मनमानी पर पूरी दुनिया में सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में अभिव्यक्ति की आजादी से लेकर अन्य मुद्दों पर बहस भी शुरू हो गई है, तो दूसरी ओर भारत सरकार ने इन सोशल मीडिया कंपनियों की मनमानी पर अपना डंडा चलाने का संकेत दे दिए हैं, जिसके तहत अब इन कंपनियों को बताना होगा कि इनकी सभी विस्तृत नीतियों क्या हैं?
ये अमेरिकी कंपनियां किस व्यक्ति के अकाउंट को किस नियम और कानून के अंतर्गत, किस समयावधि के लिए बैन कर देंगी, ये किसी को नहीं पता। ये ऐसी स्थिति है जो सोशल मीडिया पर तानाशाही जैसा है। ऐसे में इस मनमानी पर एक सख्त रोक आवश्यक है। विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्र के राष्ट्रपति के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लगे बैन के बाद अब विश्व के सबसे मजबूत लोकतंत्र यानी भारत की आईटी विभाग की संसदीय कमेटी ने सर्वसम्मति से ये फैसला किया है; कि वो Facebook, Instagram, WhatsApp और Twitter जैसी कंपनियों से उनकी नई प्राइवेसी पॉलिसी का विस्तृत ब्यौरा मांगेंगी। इसके तहत इन सभी कंपनियों के प्रमुखों को समन कर बुलाया जाएगा।
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को अचानक जिस तरह से सोशल मीडिया पर बैन किया गया है, उससे ये सवाल उठने लगे हैं कि सोशल मीडिया की सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाली ये निजी कंपनियां क्या अपनी मनमानी करते हुए कभी-भी किसी को भी बैन कर देंगी? इसके अलावा इस समन की जद में Facebook और WhatsApp इसलिए आए हैं क्योंकि इनकी हालिया नई प्राइवेसी पॉलिसी काफी विवादित हो चुकी हैं, जिसके कारण CAIT जैसे संस्थान लगातार भारत सरकार पर सख्ती अपनाने की गुजारिश कर रहे हैं।
अपने समन में सवालों की सूची में संसदीय समिति ये जानने की इच्छुक है, कि ये अमेरिकी टेक Giant कंपनियां किन नियमों के अंतर्गत, किस व्यक्ति को, कब और कितने वक्त के लिए बैन करने की नीतियां रखतीं हैं। इसके साथ ही निजता के अधिकार पर भी उठते प्रश्नों पर समिति का रुख सख्त हो सकता है। अक्सर ये सवाल उठते रहें हैं कि ये सभी टेक कंपनियां एक ही विचारधारा वाले लोगों को अपने प्लेटफॉर्म के जरिए निशाना बनातीं है, जबकि उसके विपरीत कार्य करने वाले यूजर्स खुलेआम सामाजिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं, लेकिन उन पर कोई एक्शन नहीं होता।
डॉनल्ड ट्रंप को Twitter समेत प्रत्येक सोशल मीडिया अकाउंट्स से बैन करने के बाद विश्व के कई राष्ट्रप्रमुखों समेत उनकी सरकारों का गुस्सा इन कंपनियों के खिलाफ फूटा है। जिनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी फ्रांस, तुर्की, यूगांडा जैसे देश शामिल हैं। इन सभी देशों ने कंपनियों को बैन करने तक की बात कही हैं। ऐसे में Twitter प्रमुख जैक डॉर्सी की माफी भरे लहजे में सफाई भी आई थी, और उन्होंने इस पर खेद जताते हुए स्वस्थ बातचीत और डिजिटल समाज को नए आयाम देने की मांग की थी।
इन सभी सफाइयों के बावजूद भारत सरकार ने इन कंपनियों के खिलाफ वैश्विक एक्शन का नेतृत्व करने की प्लानिंग कर ली हैं, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था, समेत यहां सोशल मीडिया यूजर्स की संख्या ही टेक कंपनियों की असल आय का स्रोत है। ऐसे में भारत सरकार का सख्त रुख इन सभी कंपनियों के मनमाने कारोबार का अंत कर सकता है।