देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का ईमान अब कब किस ओर डोल जाए… कुछ कहा नहीं जा सकता है। वोटों की लालसा और तुष्टीकरण की नीति के चलते पार्टी अपनी ही कही बातों, यहां तक कि घोषणापत्रों के वादों को भी कूड़ेदान में फेंक देती है। इसका हालिया उदाहरण जल्लीकट्टू है। कांग्रेस ने एक वक्त तमिलनाडु में इसे बैन करने की बात कही थी लेकिन वोटों की लालसा में इसके भावी स्वघोषित राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पोंगल के अवसर पर तमिलनाडु जाकर जल्लीकट्टू के आयोजन में शामिल होंगे, ये सारे प्रसंग बताते हैं कि कांग्रेस की नीतियां ही तय नहीं है।
तमिलनाडु में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके चलते यहां कांग्रेस अपने लिए स्थितियां मजबूत करने की कोशिश में है। शायद यही कारण है कि दिल्ली में बैठे किसानों को आंदोलन में अकेला छोड़कर नए साल की छुट्टी पर इटली निकल गए राहुल गांधी वतन वापसी पर सबसे पहले तमिलनाडु के दौरे पर जाएंगे। जहां वो पोंगल के मौके पर किसानों से मिलने के साथ जल्लीकट्टू के आयोजन में शामिल होंगे, जिसे एक धार्मिक आयोजन भी माना जाता है।
तमिलनाडु में कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है, सहयोगी दल डीएमके आए दिन राज्य में गठबंधन और सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस को हेकड़ी दिखाता रहा है। ऐसे में जल्लीकट्टू के जरिए कांग्रेस ये दिखाने की कोशिश कर रही है कि वो इस भावनात्मक मुद्दे फर हिंदू समाज के साथ खड़ी है और उसे इस तरह के आयोजनों से किसी भी तरह की परेशानी नहीं है। सटीक शब्दों में कहा जाए तो कांग्रेस अब हिंदुओं के तुष्टीकरण की नीति को अपना रही है जिससे वोटों का कुछ फ़ायदा हो, जबकि कांग्रेस की नीयत साधु के वेश में रावण वाली ही है क्योंकि कांग्रेस के सभी नेता जल्लीकट्टू के मुद्दे पर हमेशा विरोध का रुख ही रखते रहे हैं।
So @RahulGandhi whose #Congress party that actively ensured #Jallikkattu ban & again reiterated the same in 2016 Tamil Nadu election now wants to come & witness the sport. What a shame?? Shouldn’t the protestors shoo him away for his party’s treachery to #Tamils & #TamilNadu ?? pic.twitter.com/EnqJBAgUNo
— Dr.SG Suryah (@SuryahSG) January 12, 2021
2016 में जब जल्लीकट्टू के मुद्दे पर बवाल चल रहा था तो कांग्रेस ने अपने विधानसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में कहा था कि वो किसी भी कीमत पर राज्य में पूरी तरह जल्लीकट्टू के आयोजनों पर बैन लगा देगी। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता डॉक्टर मनमोहन सिंह ने जल्लीकट्टू को लेकर कहा था कि ये क्रूरता में मनोरंजन ढूंढने वाला आपत्तिजनक आयोजन है, और इस पर बैन लगना ही चाहिए। हालांकि, कांग्रेस की 2016 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में बुरी हार हुई थी।
Congress Minister Jairam Ramesh made sure #Jallikattu is banned. Former PM Dr.Manmohan Singh made sure its banned forever.Shame on Congress! pic.twitter.com/gqOxyruCto
— Dr.SG Suryah (@SuryahSG) January 8, 2017
इसके बाद अब जब इस वर्ष चुनाव होने वाले हैं तो कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी जल्लीकट्टू के आयोजन में शामिल होने के लिए पोंगल के मौके पर तमिलनाडु जा रहे हैं। इस एक घोषणा ने कांग्रेस को मुसीबत में डाल दिया है कि जल्लीकट्टू पर राहुल गांधी और उनकी पार्टी का हृदय पांच साल में इतना कैसे बदल गया… क्योंकि कांग्रेस तो जल्लीकट्टू के खिलाफ थी।
इस पूरे घटनाक्रम से साबित होता है कि जल्लीकट्टू का विरोध करने वाली पार्टी का नेता उसी जल्लीकट्टू के आयोजन में जाकर हिन्दुओं के तुष्टीकरण की नीति से जनसमर्थन हासिल करना चाहता है, क्योंकि कांग्रेस की कोई नीति कभी स्थाई नहीं रही है और इसके चलते उसे सबसे ज्यादा आलोचना सहनी पड़ी है, और जल्लीकट्टू के प्रति नफरत के बाद अब उसके प्रति उभरा राहुल का प्रेम इस बात का स्पष्ट उदाहरण है।