कुछ समय पहले तक लिबरलों के मसीहा माने जाने वाले कश्मीरी राजनीतिज्ञ एवं पूर्व IAS अफसर शाह फ़ैसल अब अचानक से मोदी भक्ति करने में जुट गए हैं। मोदी सरकार की जितनी तारीफ वे कर रहे हैं, उसे देख तो बड़े से बड़ा मोदी भक्त शर्मा जाए। जब से उन्होंने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से राजनीति छोड़ी है, तब से वे मोदी सरकार के कुछ ज्यादा ही मुरीद हो चुके हैं।
2018 में जो शाह फ़ैसल भारत को कठुआ कांड के पीछे ‘रेपिस्तान’ नाम देने से पीछे नहीं हट रहे थे, आज वही भारत को ‘जगत गुरु’ का दर्जा दे रहे हैं। भारत के टीकाकरण अभियान पर उनके ट्वीट के अनुसार, “यह सिर्फ एक टीकाकरण अभियान नहीं है। ये सुशासन है, मानव पूंजी का सृजन है, राष्ट्र निर्माण है, और जगत गुरु के तौर पर भारत का वैश्विक नेतृत्व में पुनरागमन है”
This is more than just a vaccination program.
It's good governance + human capital formation + nation building + India assuming global leadership as a Jagat Guru. https://t.co/g8K6SqKYkK
— Shah Faesal (@shahfaesal) January 22, 2021
ये तो कुछ भी नहीं है। कभी भाजपा को जमकर कोसने वाले शाह फ़ैसल आजकल पीएम मोदी और अन्य नेताओं के tweet को रीट्वीट भी कर रहे हैं, खासकर वो जो टीकाकरण अभियान से जुड़े हैं। लेकिन इसके पीछे भी एक खास वजह है। दरअसल शाह फ़ैसल का 2018 में दिया त्यागपत्र अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वे एक बार फिर से प्रशासन की नज़रों में अपनी खोई हुई इज्जत वापस पाना चाहते हैं, और शाह फ़ैसल चाहते हैं कि उनका इस्तीफा नामंजूर हो जाए।
ये वही शाह फ़ैसल थे, जिन्होंने कसम खाई थी कि वे तब तक ईद नहीं मनाएंगे, जब तक वे कश्मीरियों के अपमान का बदला नहीं ले लेते। ये बातें जनाब ने तब कही जब केंद्र सरकार ने 2019 में अनुच्छेद 370 के अंतर्गत जम्मू कश्मीर के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधानों को निरस्त किया था।
परंतु जब से उन्होंने पीएम मोदी और उनकी सरकार के तारीफ़ों के पुल बांधे हैं, ऐसा लगता है मानो नजरबंदी में शाह फ़ैसल का कायाकल्प हो गया है। हालांकि यह बदलाव कितने वक्त तक टिकेगा, ये तो भविष्य के गर्भ में ही है।