रामचरितमानस में एक बात बड़ी सही कही गई है, “भय बिनु होई न प्रीति”। जब से केंद्र सरकार ने ट्विटर के प्रति सख्त रुख अपनाया है, तब से बाकी बिग टेक कंपनियां भी सतर्क हो गई है, जो उनके वर्तमान निर्णयों में दिख रहा है। अभी हाल ही में गूगल के वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विस यूट्यूब ने कई ऐसे वीडियो हटाए हैं, जो किसान आंदोलन के नाम पर हिंसा और अराजकता को बढ़ावा दे रहे हैं, और कई मायनों में तो खालिस्तानी तत्वों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, “काफी शिकायतों के बाद यूट्यूब ने कुछ ऐसे वीडियो हटाए हैं, जिनमें किसान आंदोलन के नाम पर हिंसा और अराजकता को बढ़ावा दिया गया था। इनमें हिम्मत संधु का ‘असी वाड़दनगे’ [Asi Vaddange] और कंवर ग्रेवाल का ‘ऐलान’ प्रमुख है”। गाने के वीडियो को हटाए जाने के समय 1 करोड़ से अधिक बार देखा गया था।
अब इसका मतलब क्या है? जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने ट्विटर के प्रति अपना रुख स्पष्ट किया है, और ट्विटर की बेशर्मी से भरे व्यवहार पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है, उसे देखते हुए कहीं न कहीं गूगल ने अपने आप को इस पचड़े में फंसने से बचाने के लिए यह निर्णय लिया है। वैसे भी इन दिनों केंद्र सरकार बिग टेक कंपनियों की मनमानी के विरुद्ध आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं, और ऐसे में गूगल नहीं चाहेगा कि वह अपने कुछ कर्मचारियों के वैचारिक आवश्यकताओं के पीछे भारत जैसा विशाल मार्केट खो दे।
ट्विटर इन दिनों केंद्र सरकार के रडार पर है। दरअसल, Ministry of Electronics and Information Technology ने यह निर्देश दिया था कि ट्विटर पर जिन भी अकाउंट ने ‘#ModiPlanningFarmerGenocide’ नामक भ्रामक ट्रेंड को बढ़ावा देकर हिंसा भड़काने का प्रयास किया है, उन सभी अकाउंट को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए। लेकिन ट्विटर ने इन अकाउंट को निलंबित होने के महज चार घंटे बाद ही बहाल भी कर दिया। इसके बाद ट्विटर इंडिया की प्रमुख महिमा कौल ने अपने पद से इस्तीफा दिया तो ये अटकलें लगाई जाने लगीं कि कहीं न कहीं केंद्र सरकार के दबाव के कारण ही ट्विटर ने महिमा कॉल को बलि का बकरा बनाया है।
यही नहीं इसके बाद केंद्र सरकार ने एक बार फिर से ट्विटर को 1,178 अकाउंट्स की सूची देते हुए आदेश जारी किया है और यदि ट्विटर ऐसा नहीं करता है तो सरकार ने ट्विटर को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. यही नहीं ट्विटर ने जब 18 अक्टूबर को अपने प्लेटफॉर्म पर लेह की जियो टैग लोकेशन को जम्मू कश्मीर-चीन में दिखाया था तब भारत ने ट्विटर से जवाब मांगा था जिसके बाद ट्विटर ने भारत सरकार से लिखित में माफ़ी भी मांगी थी। केंद्र सरकार अब जिस तरह से केंद्र सरकार ट्विटर के खिलाफ सख्त रुख अपना रही उसे देख ऐसा लगता है कहीं न कहीं गूगल को भी कार्रवाई का डर सता रहा है
ऐसे में गूगल द्वारा भड़काऊ वीडियो को हटाना इसी दिशा में एक स्वाभाविक पर अहम कदम है, क्योंकि गूगल भी भली भांति समझ गया, “केंद्र सरकार ऐसे मुद्दों को हलके में नहीं लेगी।