ऑस्ट्रेलिया के सख्त रुख के बाद Facebook ने मोरिसन के सामने टेके घुटने

Google के बाद फेसबुक भी लाइन पर आ गया है!

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ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन बिग टेक के खिलाफ जिस तरह से अभियान चला रहे हैं हैं वह दुनिया के लिए एक अनुकरणीय उदहारण है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने पहले गूगल की दबंगई का मुँहतोड़ जवाब दिया और अब उसने Facebook को सीधे रास्ते पर ला दिया है।

ऑस्ट्रेलिया की सरकार के प्रस्तावित कानून के जवाब में, फेसबुक ने कार्रवाई करते हुए कई सरकारी विभागों और मीडिया आउटलेट्स के फेसबुक पेज को अपने प्लेटफार्म से हटा दिया था। किन्तु अब फेसबुक ने कहा है की वह अपने प्रतिबन्ध को हटाएगा, जो दिखाता है की फेसबुक और ऑस्ट्रेलिया की सरकार जल्द ही किसी समझौते पर पहुँच सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार और Facebook के बीच प्रस्तावित कानून के उन मुद्दों को लेकर विवाद सुलझने वाला है, जिन्हें लेकर फेसबुक ने पहले आपत्ति की थी। फेसबुक मीडिया आउटलेट्स को, उनके न्यूज़ कंटेंट, अपने प्लेटफार्म पर दिखाने के बदले, रॉयल्टी का धन देने को तैयार हो गया है।

फेसबुक ऑस्ट्रेलया के मैनेजिंग डायरेक्टर विल ईस्टन ने कहा है कि “इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप, हम सार्वजानिक हित की खबरों को लेकर अपने निवेश पर आगे काम कर सकते हैं, और हम आने वाले दिनों में, न्यूज़ को फेसबुक पर पुनः प्रदर्शित कर सकते हैं।”

Facebook का यह कदम वैश्विक स्तर पर हुई उसकी आलोचना के बाद आया है।दरअसल ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने एक प्रस्तावित कानून के तहत यह व्यवस्था की थी की फेसबुक और गूगल, अपने प्लेटफार्म पर, यदि किसी मीडिया आउटलेट की खबर दिखाते हैं तो उन्हें इसके जरिये होने वाली आमदनी का कुछ हिस्सा संबंधित मीडिया संस्थान को देना पड़ेगा। इससे नाराज फेसबुक ने ऐसा कोई प्रस्ताव मानने से इंकार किया और कई महत्वपूर्ण मीडिया संस्थानों, सरकारी विभागों, सार्वजनिक हित से जुड़े कई और इमरजेंसी सेवाओं के पेज तक को प्रतिबंधित कर दिया।

इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने फेसबुक के रवैये के विरुद्ध दुनियाभर के प्रमुख नेताओं से इसकी शिकायत की. स्कॉट मॉरिसन ने भारतीय प्रधानमंत्री को भी फ़ोन कर इसकी जानकारी दी। भारत, फेसबुक के लिए सबसे बड़ा बाजार है और भारत-ऑस्ट्रेलिया के सामरिक-रणनीतिक रिश्ते भी बहुत मजबूत हैं, ऐसे में इसका भी फेसबुक के रवैये पर काफी प्रभाव पड़ा।

चारों ओर से खुद को घिरता देख फेसबुक ने अपने सुर नर्म कर लिए और ऑस्ट्रेलिया सरकार के साथ समझौते के लिए तैयार हो गया। फेसबुक की ही तरह गूगल ने भी, ऑस्ट्रेलियाई सरकार के प्रस्तावित कानून के विरोध में, अपने सर्च इंजन को ऑस्ट्रेलिया में बंद करने की धमकी दी थी। किन्तु मॉरिसन के दृढ़ रवैये और प्रतिद्वंदी माइक्रोसॉफ्ट के खतरे के कारण गूगल ने भी समझौते का रास्ता अपनाया था।

Facebook, ट्विटर, गूगल, अमेज़न जैसी बिग टेक जाइंट इस समय लोकतान्त्रिक सरकारों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। पोलैंड के प्रधानमंत्री ने भी इसे लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी।उसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन ने भी इन कंपनियों के दोहरे रवैये को लेकर इनकी आलोचना की थी। भारत में भी सरकार और ट्विटर के बीच विवाद हो चुका है।ऐसे में मॉरिसन सरकार द्वारा, इन बिग टेक के खिलाफ की गई कार्रवाई, सभी लोकतान्त्रिक देशों के लिए एक अच्छा उदाहरण है। इन कंपनियों की बढ़ती दादागिरी के विरुद्ध अन्य देशों को भी ऐसे ही कड़े फैसले लेने चाहिए।

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