अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना क्या होता है, ये कोई चीन से सीखे। जिस प्रकार से चीन ने दुनिया भर में वुहान वायरस को फैलने दिया था, उससे उसका उद्देश्य स्पष्ट था – दुनियाभर में त्राहिमाम मचेगा, जिसका फायदा चीन उठाएगा। लेकिन चीन के साथ ठीक उल्टा हुआ, और अगर इस नुकसान का कोई सबसे ज्यादा फायदा उठा रहा है, तो वो है भारत।
इस समय भारत के निर्यात हर दिन नए आयाम छू रहे हैं। जहां एक तरफ भारत के निर्यात लगातार दूसरे महीने बढ़े हैं, तो वहीं विशेषज्ञों ने ये भी बताया है कि ये निर्यात अब 2020 के फरवरी वाले स्तर पर आ रहे हैं, यानि भारत के एक्स्पोर्टस अब उस स्तर पे वापस पहुँच रहें है, जहां वह वुहान वायरस के फैलने से पहले थे।
इस बारे में अहम जानकारी साझा करते हुए देश के वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने बताया कि भारत हर मायने में निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, और अब वह धीरे धीरे COVID-19 के फैलने से पहले वाले स्तर पे पहुँच रहा है। जनवरी 2021 में भारत के एक्स्पोर्टस का कुल मूल्य 27.24 बिलियन डॉलर था, जिसमें अधिकतम योगदान इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, फार्मा क्षेत्र इत्यादि का रहा।
परंतु बात यहीं तक सीमित नहीं है। यह एक्स्पोर्टस लगातार दूसरे महीने में सकारात्मक दर से बढ़े हैं, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। भारत के एक्स्पोर्टस 5.37 प्रतिशत की दर से बढ़े हैं, जबकि इम्पोर्ट केवल 2 प्रतिशत की दर से बढ़े हैं। इसके अलावा गैर पेट्रोलियम और गैर-ज्वेलरीप्रोडक्टस के निर्यात में भी लगभग 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि जहां चीन अपने ही फैलाए वायरस के कारण जबरदस्त नुकसान झेल रहा है, तो वहीं भारत को चीन के उत्पादन में आई भारी कमी से फायदा भी हो रहा है, खासकर फार्मा क्षेत्र में। आपदा को अवसर में बदलते हुए जिस प्रकार से भारत ने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया है, उसी का परिणाम है कि आज एक्स्पोर्टस पुनः 2020 के प्रारंभ वाले स्तर पर पहुंचे हैं।