दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा तथाकथित किसान आंदोलन देश की छवि को बदनाम करने का जरिया बन गया है। अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटीज से लेकर कनाडा के राष्ट्राध्यक्ष जस्टिन ट्रूडो जैसे नेताओं तक सभी भारत की छवि पर बट्टा लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस कड़ी में खालिस्तानी अलगाववादियों का नाम भी शामिल है जो अब आंदोलन कर रहे किसान नेताओं को मारकर और फिर उनकी सुरक्षा व्यवस्था की स्थितियों पर सवाल उठाकर मोदी सरकार की छवि को धूमिल करना चाहते हैं।
पिछले लगभग तीन महीनों से चल रहे तथाकथित किसान आंदोलन के किसान नेता आज वैश्विक स्तर पर सेलिब्रिटी बन गए हैं, जिसके चलते मोदी सरकार को भी इनके विषय में कोई कदम उठाने से पहले सौ बार सोचना पड़ रहा है। इसका लाभ अब खालिस्तानी आतंकवादी संगठन उठाने की कोशिश कर रहे हैं, वो इन किसान नेताओं को मारकर देश को अस्थिर करने की प्लानिंग कर रहे हैं जिससे मोदी सरकार की सख्त छवि ढुलमुल साबित हो और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए जा सके।
ये किसी नहीं छिपा है कि किस तरह से इस तथाकथित किसान आंदोलन को खालिस्तानियों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में अब लंबा वक्त बीतने के बाद खालिस्तानी कमांडों फोर्स हरकत में आ गई है। केंद्र सरकार की दो खुफिया एजेंसियों- R&AW और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने रिपोर्ट में बताया है कि किसान नेताओं को खालिस्तानी संगठन द्वारा मारने की प्लानिंग चल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक प्लान का निशाना वह किसान नेता है जो पहले पंजाब से KCF कैडर को निपटाने में शामिल रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार ये साजिश रचने वाले आतंकी बेल्जियम व ब्रिटेन के रहने वाले हैं। इन KCF के आतंकियों का प्लान है कि इस वक्त किसान नेता की हत्या से भारत में हिंसा बढ़ेगी और इसका आरोप भी सरकारी एजेंसियों या एक राजनीतिक पार्टी पर फोड़ा जाएगा। इस प्लान के सफल होने पर न केवल मोदी सरकार की छवि धूमिल होगी, बल्कि देश में हिंदुओं और सिखों के बीच नफरत का बीज पैदा होगा और गृहयुद्ध की स्थितियां पैदा होगी।
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ये सारी प्लानिंग कोई पहली बार नहीं हुई है बल्कि ये खालिस्तानी आतंकियों की हमेशा की नीति रही है, लेकिन इस बार जब किसान आंदोलन के कारण दिल्ली में हिंसा फैली तो खालिस्तानी समर्थकों के लिए इस तरह के प्लान्स को अंजाम देना आसान हो गया है। ऐसे में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इन आतंकियों के प्लान को एक्सपोज़ कर किसान आंदोलन का एक और सच जनता के सामने ला दिया है और देश के सभी सुरक्षा बलों को व्यवस्था, पहले से अधिक सख़्त रखने का संदेश दिया है क्योंकि इन खालिस्तानी आतंकियों के निशाने पर कोई किसान नेता नहीं बल्कि भारत की मोदी सरकार की छवि है।