जब वसूली करने वाले अपने पर उतर आते हैं तो कर्ज लेने वालों के पसीने छूट जाते हैं और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान तो लगभग पूरी दुनिया से कर्ज लेकर बैठा है। खास बात ये है कि इस्लामिक देश होने के चलते पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा कर्ज इस्लाम के नाम पर इस्लामिक और ग्लफ देशों से लिया है लेकिन पाकिस्तान की कट्टरता और उसके आपत्तिजनक रवैए को देखते हुए अब यही देश पाकिस्तान से लगातार अपना कर्ज वापस मांग रहे हैं। ऐसे में पड़ोसी मुल्क के लिए नई मुसीबत यूएई बन गया है जिसने पाकिस्तान को कर्ज चुकाने के लिए केवल शुक्रवार शाम तक का समय दिया है, वरना पाकिस्तान के लिए मुसीबतें बढ़ जाएंगी।
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति की बात करें तो वहां की सरकार के पास इतना पैसा भी नहीं बचा है, कि वो वुहान वायरस के लिए वैक्सीन खरीद सके। पाकिस्तान की प्रवृत्ति ऐसी है कि वो उस देश का समर्थन करने लगता है जो कि उसे पैसा देता है, उसकी इस पॉलिसी के चलते पूरा मुल्क कर्ज में जुट गया है। ऐसे में पाकिस्तान से सभी देश अपना कर्ज वसूलना चाहते हैं। इस मामले में संयुक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तान को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि पाकिस्तान 15 हजार करोड़ रुपए का कर्ज शुक्रवार शाम तक चुका दे वरना अंजाम बुरे होंगे।
यूएई सरकार की चेतावनी के बाद पाकिस्तान की हालत पतली हो गई है कि वो अब यूएई की सरकार से रहम की भीख मांग रहा है। हालांकि, इस मामले में यूएई ने साफ कहा है कि पाकिस्तान जल्द से जल्द पैसा वापस करे। दरअसल, यूएई सरकार ने अपना पैसा पाकिस्तान स्टेट बैंक मे निवेश के तौर पर जमा किया था और उसकी मैच्योरिटी की आखिरी तारीख शुक्रवार(आज) है। इसके चलते यूएई अब पाकिस्तान स्टेट बैंक से अपने पैसे वापस मांग रही है, जो पाकिस्तान के पास हैं ही नहीं।
पाकिस्तान का इस मुद्दे पर दम निकलने लगा है। पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी और विदेश विभाग के जिम्मेदार युवराज मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से बात करने की कोशिशें कर रहे हैं, लेकिन प्रिंस का फोन तक नहीं उठ रहे हैं, जिसके चलते पाकिस्तानी हुक्मुरानों के हाथ पैर फूलने लगे हैं। पाकिस्तान के जिम्मेदार चाहते हैं कि उन्हें यूएई की तरफ से समय थोड़ा अधिक मिले क्योंकि अगर इस समय कर्ज की रकम यानी 16 हजार करोड़ रुपए यूएई को देते हैं तो पाकिस्तान भुखमरी की स्थिति में जाएगा और अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो जाएगी। साफ है कि पाकिस्तान को लेकर यूएई का सख्त रुख उसकी मुसीबतें बढ़ाने वाला है। ऐसे में पाकिस्तान का मजाक बनाने वाले लोग पाकिस्तानी पीएम के हास्यासपद बयान ‘आपने घबराना नहीं है’ को लेकर उनकी मौज ले रहे हैं।
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ये पहला मामला नहीं है कि पाकिस्तान कर्ज को लेकर मुश्किलों में पड़ा हो। इससे पहले सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान से अपना कर्ज वापस मांग रहा है, दूसरी ओर चीन से भी उसे मदद की अब खास उम्मीदें नहीं रही हैं और इजराइल से कर्ज लेने के बावजूद वो जिस तरह से इजराइल की आलोचना करता है उससे इजराइल भी नाराज है और अपने कर्ज के पैसे वापस मांग रहा है। पाकिस्तान अपने कर्ज के चलते दिन-ब-दिन बर्बादी की कगार पर जा रहा है क्योंकि इस्लामिक देश भी अब पाकिस्तान से कर्ज की वसूली करने को उतारू हो गए हैं।