जैक मा के बाद अब चीन की कम्युनिस्ट सरकार को एक नया शिकार मिल चुका है और उस पर हमले भी शुरू कर दिए गए हैं। अब चीनी सरकार की नजर जैक मा के अलीबाबा को पीछे छोड़ चीन की नंबर एक ई-कॉमर्स कंपनी बनने वाली Pinduoduo पर है। जिस ड़र के कारण अलीबाबा और जैक मा को निशाना बनाया गया था, कि कहीं वे अपनी ताकत बढ़ा कर CCP को चुनौती न दे दें, उसी कारण से अब Pinduoduo को भी निशाना बनाया जा रहा है।
दरअसल, मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार Pinduoduo के संस्थापक 41 वर्षीय कॉलिन हुआंग ने कंपनी के निदेशक बोर्ड के चेयरमैंन पद से इस्तीफा दे दिया है। यह खबर उसी दिन आई जिस दिन Pinduoduo अलीबाबा को पीछे छोड़ चीन की नम्बर एक ई-कॉमर्स कंपनी बनी। आखिर इसका क्या कारण हो सकता है? ऐसी भी क्या मजबूरी रही होगी कि इस सफलता पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। यह कुछ और नहीं बल्कि चीन की सत्तावादी सरकार का दबाव है।
जिस तरह से चीन की सरकार अलीबाबा के संस्थापक के बढ़ते व्यापार और प्रभाव से ड़री हुई थी और उसे चिंता थी कि कहीं वे CCP के लिए खतरा न बन जाये, उसी तरह CCP अब Pinduoduo और उसके संस्थापक से भी ड़री हुई है। वह उन्हें चीन का दूसरा अलीबाबा बनने से पहले ही दबा देना चाहती है। उसे डर है कि जिस तरह से यह कंपनी रफ़्तार पकड़ रही है और कमाई कर रही है, उससे उसकी महत्वकांक्षाएं अलीबाबा की तरह बढ सकती है।
यही कारण है कि चीन ने अब Pinduoduo को निशाने पर लेना शुरू किया है। Pinduoduo तीसरे और चौथे-स्तरीय शहरों में लोकप्रिय था, लेकिन जब से यह चीन के प्रथम-स्तरीय और दूसरे-स्तरीय शहरों तक विस्तृत हुआ है, तब से यह ई-कॉमर्स क्षेत्र में अलीबाबा और JD.com के प्रभुत्व को चुनौती दे रहा है। कंपनी ने 2018 में नैस्डैक आईपीओ के तहत 1.63 बिलियन डॉलर जुटाए, जो कि उस वर्ष अपने आप में एक रिकॉर्ड था।
हालांकि, Pinduoduo के खिलाफ़ चीनी सरकार पिछले कुछ समय से ही कार्रवाई करने की जुगत में रही है। Pinduoduo को इस जनवरी में तब गहन जांच का सामना करना पड़ा था, जब एक कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली थी और दूसरा काम कर के घर जाने के दौरान रास्ते ही बेहोश हो गया और उसकी भी मृत्यु हो गयी। उसी के बाद से चीनी अधिकारी कंपनी में श्रमिकों के लिए माहौल की जांच कर रहे हैं। चीनी सरकार ने ऐसा दबाव बनाया है कि संस्थापक को निदेशक बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा है। श्रमिकों के लिए माहौल की स्थिति का बहाना बनाकर CCP को Pinduoduo को निशाने पर लेने का मानो मौका मिल गया था।
बता दें कि जैक मा द्वारा 24 अक्टूबर को शंघाई सम्मेलन में चीन की वित्तीय नियामक प्रणाली की आलोचना करने के कारण शी जिनपिंग ने जैक को ठिकाने लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। एक हफ्ते बाद ही शी जिनपिंग के इशारे पर चीनी अधिकारियों ने अचानक ऑनलाइन ऋण देने के लिए नए नियमों की शुरुआत की, जिसने सीधे तौर पर Ant के सफल ऋण और क्रेडिट बिजनेस को प्रभावित किया। नए नियमों ने ही IPO के लिए Ant Group को अयोग्य ठहराया, और शंघाई ने 3 नवंबर को इस कंपनी की लिस्टिंग को निलंबित कर दिया।
चीन जल्द ही फिनटेक कंपनियों पर ज़रूरत से ज़्यादा बैंकों के साथ साझेदारी करने पर पाबंदी लगा सकता है। ऐसा इसलिए ताकि चीनी कंपनियों को बैंकों से ज़्यादा कर्ज़ ना मिल पाये और वे अलीबाबा जितनी बड़ी ना हो सकें, अगर होगी तो उसके साथ भी वही होगा जो अभी अलीबाबा और Pinduoduo के साथ हो रहा है। चीनी सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी कंपनी को मार्केट पर ज़रूरत से ज़्यादा हावी नहीं होने देना चाहती। Nikkei की एक रिपोर्ट के मुताबिक 11 दिसंबर को जिनपिंग ने अपने करीबी अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बात पर ज़ोर दिया कि उन्हें अपने देश में “राष्ट्रीय सुरक्षा” और “राजनीतिक स्थिरता” बनाए रखने के लिए कई कठोर कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही जिनपिंग ने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि चीन में कोई भी व्यक्ति अपनी पूंजी को बेतहाशा बढ़ाता ना चला जाये। ऐसा लगता है कि अहंकार और साम्यवाद में लिपटे शी जिनपिंग अब पूरी तरह से चीन के निजी क्षेत्र को घुटने पर लाने की राह पर हैं।