राष्ट्रवाद के नाम पर सबसे पहले अगर कोई संगठन दिमाग में आता है तो वो भारतीय सेना ही है, जो अपने शोर्य के दम पर भारत को गौरवान्वित कराती रहती है। इसी शौर्य और सम्मान के चलते आर्मी में लोगों के जाने की भावना भी जबरदस्त होती है, लेकिन अब इस देश प्रेम के मामले में भी भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है, क्योंकि सेना के ही कुछ अफसर नए सैनिकों की भर्ती में धांधली करते पकड़े गए हैं। अब सीबीआई इन भ्रष्टाचारियों पर छापेमारी के जरिए शिकंजा कस रही है। ये देखने में तो एक साधारण भ्रष्टाचार का मामला लगता है लेकिन इसके दुष्परिणामों में सेना की ताकत कम होने के साथ सैन्य गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है, जो कि देश की सुरक्षा के लिए ख़तरनाक है।
सेना के बढ़ते कद को देखते हुए ज्यादातर युवा सेना में भी जाना चाहते हैं, लेकिन जब वो मुख्य मार्ग से जाने में विफल हो जातें हैं तो फिर वो भ्रष्टाचार करने पर उतारू हो जाते हैं, और दुर्भाग्यपूर्ण बात ये भी है कि इस काम में उन्हें सेना के ही कुछ बड़े स्तर के अधिकारियों का सहयोग भी मिल जाता है। ऐसे में अब इन्हीं भ्रष्टाचारी अफसरों पर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने छापेमारी के जरिए बड़ी कार्रवाई की है। खबरों के मुताबिक सीबीआई ने देश के 13 शहरों के 30 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर जरूरी दस्तावेज जब्त किए हैं।
सीबीआई के अधिकारियों ने छापेमारी की जगहों के बारे में बताया कि कपूरथला, बठिंडा, दिल्ली, कैथल, पलवल, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, विशाखापट्टनम, जयपुर, गुवाहाटी, जोरहाट और चिरंगो जैसे बड़े शहरों में ये कार्रवाई की गई है। अधिकारियों के मुताबिक ये छापेमारी सेना भर्ती घोटाले के संबंध में कई सैन्य अधिकारियों, सैन्य अस्पतालों और छावनियों के आवास़ और आधिकारिक दफ्तरों में की गई हैं जो कि इस घोटाले के मुख्य संदिग्ध लोग हैं।
वहीं, इस मुद्दे पर सीबीआई के मुख्य प्रवक्ता आरसी जोशी ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा, “तलाशी अभियान के दौरान कई भ्रामक दस्तावेज बरामद हुए हैं। तलाशी के दौरान बरामद दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है।” सीबीआई के मुताबिक उन्होंने ये कार्रवाई रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सेना के अतिरिक्त महानिदेशक (अनुशासन और सतर्कता) की शिकायत के आधार पर की है जिसमें कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी सीबीआई के हाथ लगे हैं।
सीबीआई के मुताबिक इस मामले में हुई छापेमारी में सेना के 17 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिसमें लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, नायब सूबेदार, सिपाही व अन्य कई लोगों की भूमिका संदिग्ध हैं। सबसे हैरान करने वाली बात ये भी है कि सेना के जिन 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, उनमें सेना के 6 लेफ्टिनेंट कर्नल शामिल हैं, और ये सभी जांच एजेंसी के निशाने पर आ चुके हैं। खबरों के मुताबिक यही लोग नए उम्मीदवारों से रिश्वत लेने के साथ ही उन्हें आसानी से सेना में भर्ती कराने का गोरखधंधा चला रहे थे।
सेना के भीतर से ही भर्ती को लेकर आए इस तरह के भ्रष्टाचार के खुलासे ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। इस भ्रष्टाचार से सेना में पेशेवर सैनिकों की बजाए ऐसे सैनिक भर्ती हो रहे है जो कि असल में राष्ट्रवाद से सरोकार तक नहीं रखते हैं, जो कि देश के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता था, और इसीलिए अब सीबीआई इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है।