पहले अमेरिका के साथ ट्रेड वार और फिर कोरोना के कारण बर्बाद हुई चीनी अर्थव्यवस्था, चीन की परेशानियाँ कम होने का नाम नहीं ले रही है। कोरोना काल के दौरान दिए गए प्रोत्साहन पैकेज के कारण बैंकों पर आये दबाव का असर अब दिखने लगा है और वे अब बर्बाद होने के कगार पर है।
दरअसल, कोरोनावायरस प्रोत्साहन पैकेज के हिस्से के रूप में चीनी सरकार ने बैंकों से छोटे उद्यमों को दिए गए ऋणों पर मूलधन और ब्याज भुगतान को स्थगित करने के लिए कहा था। दिसंबर के अंत तक यह एक्सटेंशन 6.6 ट्रिलियन युआन यानी 1 ट्रिलियन डॉलर पर लागू किया गया था। इस महीने के अंत में ऋण पर यह छूट समाप्त हो रही है।
इससे चीन के छोटे क्षेत्रीय बैंक में nonperforming debt खतरनाक स्तर पर पहुँच चुके है जिससे इन कमजोर कर्जदाताओं की वित्तीय स्थिति डांवाडोल है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के साथ ट्रेड वार के कारण 2019 में चीनी अर्थव्यवस्था धीमी हो गई थी। उसके बाद कोरोना ने चीनी अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी जिससे चीन के छोटे व्यवसाय बंद होने के कगार पर थे। पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के एक विश्लेषण के अनुसार, 2020 की पहली छमाही में कुल 2.3 मिलियन कंपनियां बर्बादी के मुहाने पर थीं।
चीन के banking और insurance सेक्टर को regulate करने वाली चीन की banking and Insurance Regulatory Commission ने कोरोना के कारण और दुनियाभर में चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगने की वजह से भी bad loans में तेजी से उछाल आने को लेकर चीनी सरकार को आगाह किया था। सरकार की योजना थी कि वह माइक्रोबिज़नेस को बचाने के लिए ऋण भुगतान छूट का विस्तार करे।
परन्तु प्रोत्साहन पैकेज के जारी करने के बाद अब इस बात की चिंता है कि 31 मार्च की समयसीमा गुजरने के बाद अभी तक जो bad loan दबे हुए थे वे सभी सामने आ जायेंगे जिससे कम्पनियाँ तो डूबेंगी ही साथ में कई बैंकों के भी डूबने की सम्भावना होगी। चीन के सिक्योरिटीज के एक अनुमान के अनुसार, यदि debt payment relief समाप्त हो जाती है, तो इस वर्ष additional bad loans 700 बिलियन युआन तक बढ़ सकता है।
पिछले वर्ष यानि 2020 में 30% से अधिक यानी लगभग 3 ट्रिलियन युआन से अधिक nonperforming loans का निपटान किया गया था। इसका नतीजा यह हुआ कि चीन के real estate सेक्टर में चीनी सरकार द्वारा भरी गयी हवा जल्द ही निकल गयी और आज कई कंपनियाँ लोन को चुकाने में सक्षम नहीं हैं।
कोरोना के बाद से चीन के banking सिस्टम पर लोगों का विश्वास खत्म हुआ है, जिसके बाद चीन के कई बिजनेस लगातार बंद हो रहे हैं। SCMP की जून में आई रिपोर्ट के अनुसार 2020 की पहली तिमाही में 460,000 से अधिक चीनी फर्में स्थायी रूप से बंद हुईं, जिनमें आधे से अधिक नए स्टार्ट अप्स थे। क्षेत्रीय बैंक तो छोड़िए, अब चीन की 3 ट्रिलियन डॉलर की इंडस्ट्री चलाने वाले चीन के shadow banks पर भी अब खतरा मंडराने लगा है।
कुछ ही हफ्तों पहले चीन के सबसे बड़े shadow banks में से एक Sichuan Trust ने अपने उपभोक्ताओं को पेमेंट में देरी के कारण उनसे माफी मांगी थी। यानि अगर यह कहा जाये कि चीन के प्रोत्साहन पैकेज ने क्षेत्रीय बैंकों को उनके पतन की ओर धकेल दिया है तो यह गलत नहीं होगा।
कोरोना और वैश्विक आर्थिक मंदी चीन को बर्बाद की मुहाने पर ला आई है। यह फिर इस बात को प्रमाणित करता है कि चीन का lehman brothers moment नजदीक आ गया है जिसके बाद हमें चीनी अर्थव्यवस्था की असल सूरत देखने को मिल सकती है।